डेली कर्रेंट अफेयर्स
संसद ने कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 पारित किया
संसद ने 29 नवम्बर को कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 पारित किया था. यह विधेयक सितम्बर 2021 में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लाया गया था. इन तीनों कृषि विधेयकों को वापस लिए जाने से संबंधित विधेयक को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद को दिनों सदनों में पेश किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. इन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से जुड़े मुद्दों पर एक समिति बनाने की भी घोषणा की थी.
क्या था तीन कृषि कानून
संसद ने किसानों के सशक्तीकरण के लिए सितम्बर 2020 में तीन कृषि विधेयक पारित कर अधिनियम का रूप दिया था. ये अधिनियम – कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020; किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 हैं.
इन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कृषि उपज और खेती के क्षेत्र में स्टॉक सीमा और लाइसेंस राज को समाप्त करना था. इसमें किसानों को अनुबंध खेती का विकल्प दिया गया था. किसानों को मौजूदा विकल्प के अतिरिक्त अन्य कई विकल्प दिए गये थे जिससे उनके उपज का बेहतर दाम मिल सके.
कानून वापसी की प्रक्रिया
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 245 के अनुसार संसद भारत के संपूर्ण राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए और किसी राज्य का विधानमंडल उस राज्य या उसके किसी भाग के लिए कानून बना सकता है. संसद को कानून बनाने के साथ-साथ कानून वापस लेने का भी अधिकार है. कानून खत्म करने की प्रक्रिया भी कानून बनाने के समान ही है.
नीति आयोग ने अपनी पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट जारी की
नीति आयोग ने हाल ही में बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट जारी की थी. यह नीति आयोग द्वारा जारी पहली MPI रिपोर्ट थी जिसमें भारत के गरीब राज्यों को रेखांकित किया गया है.
मुख्य बिंदु
- नीति आयोग के MPI रिपोर्ट के अनुसार बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश देश के सबसे निर्धन राज्यों में शामिल हैं. बिहार की 51.91 प्रतिशत आबादी गरीब है. इसके बाद झारखंड का स्थान है. वहां की 42.16 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करती है. उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां के 37.79 प्रतिशत लोग निर्धन हैं. मध्य प्रदेश में 36.65 प्रतिशत और मेघालय में 32.67 प्रतिशत लोग गरीब हैं.
- देश के जिन राज्यों में सबसे कम गरीबी है, उनमें केरल (0.71 प्रतिशत) शीर्ष पर है. इसके बाद गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) का स्थान है.
- केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा और नगर हवेली में सबसे ज्यादा गरीबी है. वहां 27.36 प्रतिशत लोग गरीब हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 12.58 प्रतिशत और दिल्ली में 4.79 प्रतिशत लोग गरीब हैं.
- बिहार में कुपोषण के शिकार लोगों की संख्या भी सबसे ज्यादा है. इसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है.
- मातृत्व स्वास्थ्य से वंचित आबादी, स्कूल नहीं जाने, रसोई ईधन और बिजली से वंचित लोगों के मामले में भी बिहार की स्थिति सबसे खराब है. स्वच्छता से वंचित आबादी के मामले में झारखंड की रैंकिंग सबसे खराब है.
- बाल और किशोर मृत्यु दर श्रेणी में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब है. इस मामले में इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश का स्थान है.
बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) क्या है?
- बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) को ‘ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव’ (OPHI) और ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (UNDP) द्वारा 2010 में विकसित किया गया था.
- MPI इस विचार पर आधारित है कि गरीबी बहुआयामी है. यानी यह केवल आय पर निर्भर नहीं करती बल्कि व्यक्ति में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि जैसी कई बुनियादी ज़रूरतों की कमी से भी हो सकती है.
- यह सूचकांक वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर आधारित है, जो प्रत्येक वर्ष व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से गरीब लोगों के जीवन की जटिलताओं की माप करता है.
- MPI शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर जैसे तीन आयामों पर आधारित है. इन आयामों के 12 खंडों में शामिल हैं- पोषण, प्रसवपूर्व देखभाल, बाल और किशोर मृत्यु दर, स्कूल में उपस्थिति, स्कूली शिक्षा के वर्ष, खाना पकाने का ईंधन, पेयजल, स्वच्छता, आवास, बिजली, बैंक खाते और संपत्ति.
भारत और फ्रांस का छठा संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ आयोजित किया गया
भारत और फ्रांस का छठा संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति 2021’ 15 से 26 नवम्बर तक आयोजित किया गया था. यह सैन्य अभ्यास फ्रांस के बंदरगाह शहर फ्रेजस में आयोजित किया गया था.
दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग और अंतर-संचालकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित युद्धाभ्यास में अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद से निपटने की कार्रवाई पर विशेष ध्यान दिया गया था.
सैन्य अभ्यास शक्ति की पिछली कड़ी वर्ष 2019 में 31 अक्तूबर से 13 नवंबर तक राजस्थान में आयोजित की गई थी. इसमें मरुस्थलीय क्षेत्रों में आतंकवाद से निपटने की कार्रवाई पर ध्यान दिया गया था.
भारत और फ्रांस सैन्य अभ्यास
- भारत और फ्रांस के बीच तीन द्वि-वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास संचालित किए जाते हैं. भारतीय वायुसेना के साथ गरुड़, भारतीय नौसेना के साथ वरुण और स्थल सेना के साथ शक्ति अभ्यास का संचालन होता है.
- संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ 2011 में शुरू किया गया था और भारत और फ्रांस में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
विदेशी मुद्रा भंडार 640.874 बिलियन डॉलर
19 नवम्बर, 2021 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फोरेक्स रिज़र्व) 289 मिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 640.874 बिलियन डॉलर पर पहुँच गया है. विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन (बिलियन $3,399.9) पहले स्थान पर है. जापान दूसरे और स्विट्ज़रलैंड तीसरे स्थान पर है.