डेली कर्रेंट अफेयर्स
SIPRI की वर्ष 2015-19 की रिपोर्ट जारी: भारत दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश
हथियारों की निगरानी करने वाली संस्था SIPRI (Stockholm International Peace Research Institute) ने हाल ही में हथियार आयातक और निर्यातक देशों की वर्ष 2015-19 की रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है. SIPRI के पिछले रिपोर्ट में भारत पहले स्थान पर था. रिपोर्ट के अनुसार हथियारों की खरीद में खाड़ी देश सऊदी पहले स्थान पर है.
इस सूची में तीसरे स्थान पर मिस्र, चौथे स्थान पर आस्ट्रेलिया और पांचवें स्थान पर चीन है. ये शीर्ष 5 देश दुनिया के कुल हथियारों का 36 फीसदी आयात करते हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार पश्चिम एशिया के देश खरीद रहे हैं. सऊदी अरब ने दुनिया के कुल हथियारों की बिक्री का 12 प्रतिशत हथियार खरीदा है. भारत ने इस दौरान 9.2 प्रतिशत खरीदे. हथियारों की खरीद में पाकिस्तान 11वें स्थान पर रहा.
अमेरिका दुनिया में सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश
SIPRI की इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा हथियारों का निर्यात अमेरिका कर रहा है. इसके बाद रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन है.
हथियारों के निर्यात के मामले में अमेरिका और फ्रांस दोनों ने काफी बढ़त हासिल की है. अमेरिका का कुल हथियार निर्यात 23 प्रतिशत बढ़ गया है. दुनिया के कुल हथियार निर्यात में अमेरिका का हिस्सा बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया है. 2015-19 के बीच अमेरिका का कुल हथियार निर्यात रूस से 76 प्रतिशत ज्यादा है.
भारत हिंद महासागर आयोग में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुआ
सेशल्स में हाल ही में हुई मंत्रिपरिषदीय बैठक में भारत को ‘हिंद महासागर आयोग’ (Indian Ocean Commision) में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया है.
हिंद महासागर आयोग क्या है?
हिंद महासागर आयोग एक अंतर-सरकारी संगठन है जो दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में बेहतर सागरीय-अभिशासन (Maritime Governance) के लिए कार्य करता है. इस आयोग की स्थापना 1982 में मॉरीशस के पोर्ट लुई में की गयी थी. यह आयोग पश्चिमी हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्रों को सामूहिक रूप से कार्य करने हेतु मंच प्रदान करता है.
हिंद महासागर आयोग के सदस्य
वर्तमान में इस आयोग में कोमोरोस, मेडागास्कर, मॉरीशस, रियूनियन (फ्राँस के नियंत्रण में) और सेशल्स शामिल हैं. भारत के अलावा इस आयोग के चार पर्यवेक्षक- चीन, यूरोपीय यूनियन, माल्टा तथा इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ ला फ्रांसोफोनी (International Organisation of La Francophonie- OIF) हैं.
भारत के परिप्रेक्ष्य में
भारत ने इस संगठन में शामिल होने से पश्चिमी हिंद महासागर के इस प्रमुख क्षेत्रीय आयोग में आधिकारिक पहुँच सुनिश्चित होगी. यह आयोग पश्चिमी हिंद महासागर के द्वीपों के साथ भारत की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा. यह भारत की ‘सागर पहल’ क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास (SAGAR- Security And Growth for All in the Region) नीति को और मज़बूत करता है.
चीन ने पूर्वी अफ्रीकी देश जिबूती में सैन्य केंद्र, ग्वादर (पाकिस्तान) और हम्बनटोटा (श्रीलंका) में बंदरगाह के निर्माण के साथ इस क्षेत्र में अपनी व्यापक उपस्थिति दर्ज कराई है. आयोग के सदस्य के रूप में भारत के शामिल होने के बाद इस क्षेत्र की राजनीतिक व सामरिक तस्वीर बदल गई है.
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के चार राज्यों के परिसीमन के लिए आयोग का गठन किया गया
सरकार ने देश के पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन के लिए हाल ही में एक आयोग का गठन किया है. यह आयोग जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के चार राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड का परिसीमन करेगा.
पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई अध्यक्ष नियुक्त
कानून मंत्रालय की जारी अधिसूचना के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को इस परिसीमन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. सेवानिवृत्त जस्टिस देसाई को एक साल के लिए या अगले आदेश तक इस आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर तथा चार राज्यों के राज्य निर्वाचन आयुक्तों को इस आयोग का पदेन सदस्य बनाया गया है.
जम्मू-कश्मीर, असम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड में परिसीमन
परिसीमन आयोग ‘जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून’ के प्रावधानों के तहत जम्मू-कश्मीर में लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करेगा जबकि ‘परिसीमन कानून 2002’ के प्रावधानों के मुताबिक असम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड में परिसीमन होगा.
जम्मू-कश्मीर में वर्तमान स्थिति
जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन से पहले यहाँ के विधानसभा में 111 सीटें थीं. इनमें लद्दाख की 4 सीटें और गुलाम कश्मीर (पाकिस्तान के कब्जे में) की 24 सीटें शामिल हैं. अब लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है. लद्दाख के 4 सीटें अलग हो जाने के बाद तरह जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 107 सीटें रह गईं.
यह परिसीमन 2011 की जनसंख्या के आधार पर होगा. परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 सीटें बढ़ेंगी और इनकी संख्या बढ़कर 114 हो जाएंगी.
राज्य के पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की सीटों में कोई बदलाव नहीं होगा. वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की 5 सीटें और लद्दाख में एक सीट हैं. इस तरह लोकसभा सीटों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा.
जम्मू और कश्मीर में अंतिम परिसीमन 1995 में हुआ था. तब राज्य में सीटों की संख्या बढ़ाकर 75 से 87 की गई थी. उसके बाद फारूक अब्दुल्ला सरकार ने जम्मू कश्मीर विधानसभा ने प्रस्ताव पास कर परिसीमन पर रोक लगा दी थी.
2002 के चुनावों में कश्मीर और लद्दाख के मुकाबले जम्मू में मतदाताओं की संख्या अधिक थी. इसके बावजूद कश्मीर में सीटों की संख्या अधिक रही और लगातार कश्मीर केंद्रित दल ही राज्य की सत्ता पर काबिज रहे. यही वजह है कि कश्मीरी दल परिसीमन नहीं होने देना चाहते थे.
क्या है परिसीमन और परिसीमन आयोग?
परिसीमन का तात्पर्य किसी देश या प्रांत में निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं के पुनर्निर्धारण से है. निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं के पुनर्निर्धारण परिसीमन आयोग द्वारा किया जाता है. संविधान के अनुच्छेद 82 के मुताबिक, सरकार हर 10 साल बाद परिसीमन आयोग का गठन कर सकती है. इसके तहत जनसंख्या के आधार पर विभिन्न विधानसभा व लोकसभा क्षेत्रों का निर्धारण होता है.
परिसीमन आयोग का गठन
परिसीमन आयोग का गठन भारत सरकार की ओर से ‘परिसीमन अधिनियम, 2002’ की धारा 3 के अन्तर्गत किया जाता है. इस सम्बन्ध में अधिसूचना भारत के राष्ट्रपति के ओर से जारी की जाती है. अब तक चार बार परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है. पहली बार 1952 में इस आयोग का गठन किया गया था. इसके बाद 1962, 1972 और 2002 में इस आयोग का गठन किया गया था.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
ओपेक देशों में समझौता न हो पाने के कारण कीमतों में कटौती: प्रमुख तेल निर्यातक सऊदी अरब ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन-ओपेक और सहयोगियों के बीच तेल उत्पादन कटौती पर समझौता न हो पाने के कारण कीमतों में कटौती की गयी है. सुबह के एशियाई कारोबार में अमरीकी क्रूड वेस्ट टेक्सास का मूल्य लगभग 32 डॉलर और ब्रेंट क्रूड ऑयल का 36 डॉलर प्रति बैरल हो गया.
पांच भारतीय मुक्केबाज़ों ओलंपिक के लिए क्वालीफाई: पांच भारतीय मुक्केबाज़ों ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है. इनमें लवलीना, पूजा रानी, विकास कृष्ण, सतीश और आशीष शामिल हैं. जॉर्डन में एशिया ओसनिया मुक्केबाजी ओलम्पिक क्वालिफायर्स के सेमीफाइनल में पहुंच कर इन्होंने यह उपलब्धि हासिल की.
अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कैलिफोर्निया की सीनेटर कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन को समर्थन देने का एलान किया है. कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की एक मजबूत नेता हैं और उन्होंने दिसंबर में राष्ट्रपति पद की दौड़ से अपना नाम वापस लिया था. डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नामांकन की दौड़ में जो बिडेन और सीनेटर बर्नी सैंडर्स के बीच टक्कर चल रही है.
CoMET के सातवां उपभोक्ता संतुष्टि सर्वे: दुनियाभर के मेट्रो रेल संस्थानों के मानक संगठन ‘कॉमेट’ (CoMET) और ‘नोवा’ (NOVA) की प्रबंधक एजेंसी ट्रांसपोर्ट स्ट्रेटेजी सेंटर यानि TSC इंपीरियल कॉलेज, लंदन 9 मार्च से 5 अप्रैल 2020 तक ‘सातवां उपभोक्ता संतुष्टि सर्वे’ आयोजित करने जा रही है. सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की मेट्रो परिचालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर उनकी राय से अवगत होना है, ताकि उनके सुझावों से मेट्रो सेवा की गुणवत्ता को और भी ज्यादा सुधारा जा सके.