रूस के ओलिंपिक और विश्व चैम्पियनशिप में भाग लेने पर प्रतिबंध

विश्‍व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने रूस के ओलिंपिक, विश्व चैम्पियनशिप और अन्य बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है. 9 दिसम्बर को स्वि़्ट्ज़रलैंड में हुई वाडा की कार्यकारी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. वाडा की कार्यकारी समिति के मुताबिक रूस ने लैब डैटा के साथ छेड़छाड़ करते हुए नकली सबूत पेश किए थे और पॉज़िटिव डोप टेस्ट से जुड़ी कुछ फाइल डिलीट की थी.

वाडा के इस निर्णय के बाद अब रूस विश्व चैम्पियनशिप, 2020 के टोक्यो ओलिंपिक, 2022 के बीजिंग विंटर ओलिंपिक और 2022 के फीफा विश्व कप में हिस्सा नहीं ले पाएगा. वहीं इस दौरान रूस किसी बड़े खेल इवेंट की मेज़बानी भी नहीं कर पाएगा. ये प्रतिबंध रूस के खिलाफ है और ऐसे एथलीट जो खुद को क्लीन साबित कर पाएंगे उनके अधिकार सुरक्षित हैं.

रूस की एंटी डोपिंग एजेंसी को 2015 में आई वाडा रिपोर्ट के बाद निलंबित कर दिया गया था. वाडा की रिपोर्ट में रूस में स्टेट स्पोंसर्ड डोपिंग की बात कही गई थी. इसके बाद रूस के एथलीट्स के रियो ओलिंपिक में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. प्योंगचांग विंटर ओलिंपिक में भी रूस के एथलीट्स ने ओलिंपिक के झंडे तले न्यूट्रल एथलीट्स के रूप में हिस्सा लिया था. रूस का निलंबन सितंबर 2018 में हटा दिया गया था लेकिन वाडा ने रशियन डोप टेस्टिंग लैब्स से रूस के एथलीट्स का डेटा हासिल किया था.

सितंबर में वाडा ने फिर से दावा किया था कि रुसाडा द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा नियमित नहीं है. पिछले हफ्ते ही वाडा की समिति ने रूस पर चार साल का ओलिंपिक बैन लगाने की सिफारिश की थी. वाडा की कार्यकारी समिति ने सिफारिश पर अमल करते हुए रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है. रूस अब चार साल तक किसी बड़े खेल इवेंट की मेज़बानी की दावेदारी भी पेश नहीं कर सकता.

रूस ने पिछली बार 2018 के फुटबॉल विश्व कप की मेज़बानी की थी जिसमें रूस क्वार्टर फाइनल तक पहुंचा था. रुसाडा के पास वाडा की सज़ा के खिलाफ अपील करने के लिए 21 दिन का समय है.

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