ICJ ने कुलभूषण जाधव के संबंध में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया
पाकिस्तान में सजा काट रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने 17 जुलाई को फैसला सुनाया. न्यायालय के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अब्दुलक़ावी अहमद यूसुफ ने सार्वजनिक रूप से फैसला पढ़कर सुनाया. न्यायालय के 16 में से 15 न्यायाधीशों ने जाधव से संबंधित मामले में गुण-दोष के आधार पर भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. इस मामले में भारत के वकील हरीश साल्वे थे.
फैसले में ICJ ने कुलभूषण जाधव की मौत की सज़ा पर रोक लगा दी. अपने फैसले में न्यायालय ने पाकिस्तान को जाधव की सज़ा पर प्रभावी ढंग से पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने राजनयिक संपर्क के जाधव के अधिकार की पुष्टि करते हुए पाकिस्तान को उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया. न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इस मामले में वियना संधि के नियम लागू होते हैं और इस संधि के आर्टिकल-36 का उल्लंघन हुआ है. श्री जाधव का जासूसी गतिविधियों के आरोपों का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
संक्षिप्त घटना-क्रम
- भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी जाधव को अप्रैल, 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आंतकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी.
- भारत ने जाधव का मुकदमा पाकिस्तान की सैन्य अदालत में चलाए जाने और राजनयिक सम्पर्क स्थापित करने की अनुमति न देने के पाकिस्तान के फैसले के खिलाफ हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी.
- पाकिस्तान का दावा है कि जाधव कथित रूप से ईरान से घुसे थे. हालांकि भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया, जहां वो कारोबार के सिलसिले में गए थे.
- भारत का कहना था कि पाकिस्तान ने जाधव तक राजनयिक पहुंच से बार-बार इनकार कर राजनयिक रिश्तों से संबंधित 1963 की विएना संधि का घोर उल्लंघन किया है.
- न्यायालय ने 18 मई, 2017 को पाकिस्तान से कहा था कि वह इस मामले में अंतिम फैसला दिए जाने तक जाधव की मौत की सजा पर अमल रोक दे.
- दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने फरवरी 2019 में फैसला सुरक्षित रख लिया था.