गिरीश चंद्र मुर्मू भारत के 14वें CAG नियुक्त किये गये

सरकार ने गिरीश चंद्र मुर्मू को देश का 14वां नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) नियुक्त किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 अगस्त को उनको पद की शपथ दिलाई.

मुर्मू ने राजीव महर्षि का स्थान लिया है जिनका कार्यकाल 7 अगस्त को पूरा हो गया था. उनकी नियुक्ति पदभार संभालने के तिथि से प्रभावी होगी.

मुर्मू जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल रह चुके हैं. उन्होंने 5 अगस्त को उप-राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिया था. पूर्व केन्द्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश से भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को मुर्मू की जगह केन्द्र शासित प्रदेश का नया उप-राज्यपाल बनाया गया था.

मुर्मू 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं. 60 वर्षीय मुर्मू को अक्टूबर, 2019 में उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था.

भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG): एक दृष्टि

  • भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) एक संवैधानिक पद है. संविधान के अनुच्छेद 148 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का उल्लेख है. अनुच्छेद के 148 अनुसार CAG भारत सरकार की रिपोर्ट राष्ट्रपति को और राज्य सरकार की रिपोर्ट राज्य के राज्यपाल को देता है.
  • CAG भारत सरकार तथा राज्य सरकारों के लेखों का अंकेक्षण करता है. संस्था केन्द्र अथवा राज्य सरकार के अनुरोध पर किसी भी सरकारी विभाग की जाँच कर सकती है.
  • CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं. CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) की अवधि के लिए होता है.
  • CAG को संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत के साथ अयोग्यता प्रस्ताव पारित कर इसे पद से हटाया जा सकता हैं.
  • राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की तरह CAG का भी वेतन संचित निधि से दिया जाता है.
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 266 में संचित निधि (Consolidated Fund) का उल्लेख किया गया है. सरकार को प्राप्त सभी राजस्व (प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर, ऋण प्राप्तियां, उधार लिया गया धन) संचित निधि में ही जमा होते हैं.
  • वी नरहरि राव भारत के पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) थे.
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