डेली कर्रेंट अफेयर्स
भारत में 1 अप्रैल से BS-6 उत्सर्जन मानक लागू, क्या है BS-4 और BS-6 में अंतर
भारत में 1 अप्रैल 2020 से BS-6 (Bharat Stage VI) उत्सर्जन मानक (Emission Norm) लागू हो गया. अभी तक देश में BS-4 (Bharat Stage IV) उत्सर्जन मानक लागू था. सरकार ने BS-5 को छोड़कर सीधे BS-6 उत्सर्जन को लागू करने का निर्णय लिया था. इसे लागू करने का उद्देश्य वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक तत्व को कम करना है.
भारत में 2000 उत्सर्जन मानक लागू किया गया था
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए भारत में चलने वाले वाहनों के लिए उत्सर्जन मानक ‘BS-1’ 2000 में लागू किया गया था. BS-1 (Bharat Stage) को यूरोपियन कार्बन उत्सर्जन मानक ‘euro-1’ की तर्ज पर लागू किया गया था. इसके बाद क्रमशः BS-2, BS-3 और BS-4 को लागू किया गया.
BS-3, BS-4 और BS-6 में अंतर
हर एक उत्सर्जन मानक में पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के साथ सल्फर की मात्रा को कम किया जाता है. BS-3 मानक के पेट्रोल गाड़ियां 150 mg/kg (मिलीग्राम प्रति किलोग्राम) सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी जो BS-6 में घटकर 10 mg/kg हो गया है. इसी तरह BS-3 मानक के डीजल गाड़ियां 350 mg/kg सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी, जिसकी मात्रा BS-6 में 10 mg/kg हो गई है.
सल्फर उत्सर्जन (अधिकतम)
पेट्रोल: BS-3 150 mg/kg, BS-4 50 mg/kg, BS-6 10 mg/kg
डीजल: BS-3 350 mg/kg, BS-4 50 mg/kg, BS-6 10 mg/kg
ईंधन ग्रेड क्या है?
BS के बिभिन्न उत्सर्जन मानकों के तहत वाहन के इंजन को इस हिसाब से डिजाइन किया जाता है कि उससे निकलने वाले धुएं से सल्फर की मात्रा भारत सरकार के तय पैमाने के आधार पर निकले. इसके लिए कम सल्फर वाले ईंधन का भी इस्तेमाल किया जाता है और सरकार की तरफ से ईंधन का ग्रेड तय किया जाता है. BS-6 ईंधन देशभर में 1 अप्रैल 2020 से मिलना शुरू हो गया है.
10 सरकारी बैंकों का 4 बैंकों में विलय 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हुआ
सरकार द्वारा हाल ही में किये गये 10 सरकारी बैंकों को 4 बैंकों में विलय 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हो गया. सरकार ने 30 अगस्त 2019 में इन बैंकों के विलय की घोषणा की थी.
विलय योजना के मुताबिक, यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया (UBI) तथा ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) का पंजाब नैशनल बैंक (PNB) में विलय होगा, जिससे यह दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा. वहीं, सिंडिकेट बैंक में केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक तथा इंडियन बैंक का विलय किया जाएगा. इसी तरह, आंध्रा बैंक तथा कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) में विलय किया जाएगा.
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1 अप्रैल: ओडिशा दिवस
प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को ओडिशा दिवस (Odisha Day) मनाया जाता है. 1936 में इसी दिन ओडिशा को स्वतंत्र राज्य बनाया गया था. इस प्रकार इस वर्ष ओडिशा का 84वां ओडिशा दिवस मनाया गया. ओडिशा का गठन भाषाई आधार पर संयुक्त बंगाल प्रांत से अलग कर बनाया गया था. 1912 में बंगाल से बिहार और उड़ीसा को अलग किया गया था. 1 अप्रैल, 1936 में बिहार व उड़ीसा प्रांत का विभाजन अलग-अलग प्रांत में किया गया.
ओडिशा: एक दृष्टि
- स्वतंत्रता के बाद ओडिशा तथा इसके आसपास की रियासतों ने भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी थी. 1949 में ओडिशा की सभी रियासतों का ओडिशा राज्य में सम्पूर्ण विलय हो गया था.
- कलिंग, उत्कल और उद्र ओडिशा के प्राचीन नाम हैं. यह प्रदेश मुख्यत: भगवान जगन्नाथ की भूमि के लिए प्रसिद्ध है.
- भारतीय राज्य ओडिशा देश के पूर्वी तट पर है. ओडिशा उत्तर में झारखण्ड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्रप्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ़ है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है.
- ओडिशा के उत्तर में छोटा नागपुर का पठार है. महानदी, ब्राह्मणी, कालिंदी और वैतरणी ओडिशा के दक्षिण में बहने वाली मुख्य नदियां हैं.
31 मार्च: भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी की जयंती
भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी की 155वीं जयंती 31 मार्च 2020 को मनाई गयी. उनका जन्म 31 मार्च 1865 को महाराष्ट्र में हुआ था.
आनंदी गोपाल जोशी: एक दृष्टि
- आनंदी गोपाल जोशी डॉक्टरी की डिग्री लेने वालीं पहली भारतीय महिला थीं.
- मेडिकल क्षेत्र में शिक्षा पाने के लिए अमेरिका गईं और साल 1886 में सिर्फ 19 साल की उम्र में MD की डिग्री हासिल कर ली.
- अमेरिका के महिला मेडिकल कॉलेज ऑफ पेंसिलवेनिया से मेडिकल की डिग्री हासिल की.
- टीबी से पीड़ित जोशी का 26 फरवरी 1887 को 22 साल की उम्र में मौत हो गयी.
देश-दुनिया: एक दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज
जम्मू-कश्मीर के लिए नई आवासन नीति: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए नई आवासन नीति बनाई है. इसके अनुसार 15 वर्ष से केंद्र-शासित प्रदेश में रह रहे लोग निवासी माने जाएंगे. हाल के गज़ट अधिसूचना में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का़ अनुकूलन) आदेश 2020 जम्मू कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण और भर्ती) अधिनियम के तहत, आवासन नीति को परिभाषित करने के लिए पेश किया गया है.
कोविड-19 महामारी सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण संकट: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुत्तरश ने कोविड-19 महामारी को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण संकट बताया है. श्री गुत्तरश ने कहा कि इस महामारी से ऐसी आर्थिक मंदी आएगी जो पिछले कुछ समय से नहीं देखी गई.