संसद से पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 प्रभाव में आया

  • वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Bill) 08 अप्रैल 2025 से देश में प्रभावी. केंद्र सरकार ने इसको लेकर हाल ही में अधिसूचना जारी की थी.
  • अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इससे संबंधित अधिसूचना भारत के राजपत्र (The Gazette of India) में प्रकाशित की थी.
  • वक्फ संधोशन विधेयक को संसद के दोनों सदनों और राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई थी. जिसके बाद से यह अधिनियम बन गया.
  • राज्‍यसभा ने वक्फ संधोशन विधेयक को 4 अप्रैल मंजूरी दी थी. 128 सदस्‍यों ने इस विधेयक के पक्ष में और 95 ने विपक्ष में मतदान किया.
  • लोकसभा में 3 अप्रैल को 288 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में जबकि 232 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को विधेयक को अपनी मंजूरी दी थी.
  • वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, शासन संरचनाओं में सुधार करना और वक्फ संपत्तियों को दुरुपयोग से बचाना है.

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के मुख्य बिन्दु

  • इस अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड अब किसी भी संपत्ति पर मनमाने तरीके से दावा नहीं कर सकता है.
  • विवाद की स्थिति में अदालत में भी चुनौती दी जा सकती है और पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाला ही वक्फ को संपत्ति दान कर सकता है.
  • आदिवासी बहुल राज्यों और इलाकों में जमीन सहित अन्य संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं की जा सकेगी. वक्फ की ऐसी संपत्ति जो राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, उसको बचा पाना मुश्किल होगा.
  • वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति होगी. इस्लाम धर्म के एक विशेषज्ञ का बोर्ड का सदस्य होना जरूरी है.
  • वक्फ बोर्ड और परिषद में दो महिला सदस्यों की नियुक्ति जरूरी. किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले सत्यापन अति आवश्यक.
  • जिला कलेक्टर वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण करेगा, स्वामित्व सुनिश्चित करेगा.
  • निर्णय लेने में गैर मुस्लिम, अन्य मुस्लिम, पसमांदा मुस्लिम, पिछड़े मुस्लिम और महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा.