भारत ने बांग्लादेश को दिए जा रहे ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस ली

  • भारत ने बांग्लादेश को दिए जा रहे ट्रांसशिपमेंट सुविधा को 8 अप्रैल को वापस लेने का फैसला किया. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस आशय की अधिसूचना जारी की है.
  • साल 2020 में भारत ने बांग्लादेश को उसके निर्यात किए जा रहे सामान के लिए ‘ट्रांसशिपमेंट’ की सुविधा दी थी.
  • इसके तहत, भारत के हवाई अड्डों और बंदरगाहों से हो रहे निर्यात में भारत के सामान के अलावा बांग्लादेश के निर्यात को भी जगह दी गई थी.
  • भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह निर्णय भारतीय निर्यातक के हितों की रक्षा के लिए लिया गया है. बांग्लादेशी कार्गो की लगातार आमद से भारतीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर भीड़भाड़ बहुत बढ़ गई थी.
  • भारत सरकार ने भारत से होकर नेपाल और भूटान को जाने वाले बांग्लादेश के निर्यात के लिए के लिए ट्रांसशिपमेंट की सुविधा बरकरार रखी है.
  • इस कदम से बांग्लादेश के अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचने की संभावना है, जिसकी अर्थव्यवस्था निर्यात पर निर्भर है.

भारत-बांग्लादेश वर्तमान घटनाक्रम

  • अगस्त 2024 में बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध खराब होते चले गए हैं.
  • मार्च 2025 में चीन की अपनी यात्रा के दौरान बांग्लादेश अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत एक भूमि से घिरा हुआ क्षेत्र है और बांग्लादेश उनके लिए समुद्र तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता है.
  • उन्होंने चीन को भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास लालमोनिरहाट में स्थित बांग्लादेश वायु सेना के हवाई अड्डे को पुनर्जीवित करने के लिए आमंत्रित किया था.
  • लालमोनिरहाट भारतीय चिकन नेक क्षेत्र के पास है और इस क्षेत्र में चीन की उपस्थिति भारत के लिए एक बहुत ही गंभीर सुरक्षा खतरा होगी.
  • भारत के 8 पूर्वोत्तर राज्य एक संकरी सड़क और रेल पट्टी कॉरिडोर के माध्यम से मुख्य भूमि से जुड़े हुए हैं, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर या चिकन नेक कहा जाता है.