हंगरी अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (International Criminal Court) से अलग हो गया है. इसकी घोषणा हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने 3 अप्रैल 2025 को की.
हंगरी के प्रधानमंत्री के अनुसार, उनके देश ने आईसीसी से हटने का फैसला इसलिए किया क्योंकि यह न्यायालय अब एक राजनीतिक हथियार बन गया है.
हंगरी की आधिकारिक यात्रा पर आए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उपस्थिति में आईसीसी से हटने के निर्णय की घोषणा की गई.
आईसीसी ने गाजा में कथित युद्ध अपराधों के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है.
आईसीसी का सदस्य होने के नाते हंगरी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य था. आईसीसी से हटने के बाद हंगरी बेंजामिन नेतन्याहू को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य नहीं है.
हंगरी को इजरायल के सबसे मजबूत यूरोपीय सहयोगियों में से एक माना जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC)
अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय एक स्थायी न्यायाधिकरण है जिसमें जन-संहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराधों और आक्रमण के अपराध के खिलाफ मुकदमा चलाया जाता है.
आईसीसी का गठन 1998 के रोम संविधि के प्रावधानों के तहत 2002 में किया गया था. यह संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा नहीं है.
आईसीसी के 125 सदस्य देश हैं. भारत, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, यूक्रेन और इज़राइल सहित कुछ प्रमुख देश ICC के सदस्य नहीं हैं.
आईसीसी का मुख्यालय नीदरलैंड के हेग शहर में है. हेग को दुनिया की कानूनी राजधानी और शांति और न्याय का अंतरराष्ट्रीय शहर माना जाता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-04-05 17:03:342025-04-08 17:08:30हंगरी अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से अलग हुआ