15 मार्च: विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य उभोक्ताओं या ग्राहकों को उनके हितों के लिए बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अंतर्गत आने वाले कानूनों की जानकारी देना है.

विश्व उपभोक्ता दिवस 2024 का मुख्य विषय (थीम) ‘उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई’ (Fair and Responsible AI for Consumers) है.

उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास

पहली बार अमेरिका में रल्प नाडेर ने उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसके फलस्वरूप 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए गए विधेयक पर अनुमोदन किया था. 15 मार्च, 1983 को पहली बार यह दिवस मनाया गया था.

भारत में उपभोक्ता आंदोलन

भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत 1966 में मुंबई से हुई थी. 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया और यह आंदोलन बढ़ता गया.

राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस

हर साल 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है. भारत में इसी दिन (24 दिसंबर को) वर्ष 1986 में ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम’ लागू हुआ था. भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पहली बार 24 दिसंबर 2000 को मनाया गया था.

मौजूदा केन्द्र सरकार ने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा एवं विवादों के समय पर निपटान के लिए ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 1986’ की जगह ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019’ लागू किया है. नए अधिनियम के तहत केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के गठन का भी प्रावधान है. प्राधिकरण के पास उपभोक्ता अधिकार, अनुचित कारोबार और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों की जांच का अधिकार है.