23 मार्च: शहीद दिवस, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि

प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) के रूप में मनाया जाता है. 23 मार्च को यह दिवस भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से मनाया जाता है. 1931 में इसी दिन ब्रिटिश शासकों ने शासन के विरुद्ध उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए उन्हें लाहौर में फाँसी दे दी थी. उन्हें फाँसी की निर्धारित तिथि से एक दिन पहले फाँसी दे दी गई.

भारत में 30 जनवरी को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी.

मुख्य तथ्य: एक दृष्टि

  • भगत सिंह का जन्म 1907 में हुआ था. 13 अप्रैल 1919 जलियावाला बाग में हुए भीषण नरसंहार ने भगत सिंह के अंदर चिंगारी को भड़का दिया था. लाहौर के नेशनल कॉलेज़ छोड़ भगत सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसिएशन नाम के एक क्रांतिकारी संगठन से नाता जोड़ लिया.
  • साइमन कमीशन के विरोध करने के दौरान लाला लाजपत राय की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोपी ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन साण्डर्स की हत्या की योजना बनाई गई थी.
  • हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ने इस हत्या का बदला लेने का काम भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और जयगोपाल को दिया था.
  • भगत सिंह और राजगुरु ने 17 दिसंबर 1928 को 0.32 एमएम की सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल कॉल्ट से साण्डर्स को मारकर लालाजी की मौत का बदला लिया. यह मामला ‘लाहौर षड्यंत्र केस’ के नाम से भी जाना जाता है.