डेली कर्रेंट अफेयर्स
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत रत्न अलंकरण प्रदान किए
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 5 शख्सियतों को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किया. यह सम्मान पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और श्री पीवी नरसिम्हा राव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉक्टर एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत दिया गया.
पूर्व उप-प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी देश के इस सर्वोच्च नागरिक अलंकरण प्रदान किया गया.
30 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में चारों शख्सियतों के परिजनों ने यह सम्मान हासिल किया. नरसिम्हा राव के बेटे पीवी प्रभाकर राव, चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी, कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर और एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने राष्ट्रपति से यह सम्मान प्राप्त किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 मार्च को आडवाणी के घर जाकर उन्हें सम्मानित किया. तबीयत खराब होने के कारण वे सम्मान समारोह में शामिल नहीं हो सके थे.
चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की.
नरसिम्हा राव
नरसिम्हा राव देश के नौवें प्रधानमंत्री थे. प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला. इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है.
डॉ. एमएस स्वामीनाथन
कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए. डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की.
लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्यसभा से सांसद रहे हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं. वे 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे. आडवाणी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में हुई थी. यहां से उन्होंने देश के उप प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया.
कर्पूरी ठाकुर
कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. उनकी पहचान अति पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता के तौर पर होती है. बिहार की राजनीति में ग़रीब गुरबों की सबसे बड़ी आवाज़ बन कर उभरे थे. कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे.
इस वर्ष 5 व्यक्तियों को यह सम्मान देने की घोषणा की गई है. इनके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है.
जानिए भारत रत्न के बारे में, भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तियों की सूची…»
LCA तेजस मार्क 1A लड़ाकू विमान ने सफलतापूर्ण परीक्षण उड़ान भरी
भारत में निर्मित स्वदेशी तेजस मार्क 1A लड़ाकू विमान (Mark 1A fighter aircraft) ने 28 मार्च को अपनी सफलतापूर्ण पहली उड़ान भरी है. यह परीक्षण तेजस मार्क 1A लड़ाकू विमान की परीक्षण उड़ान जिसमें यह विमान 15 मिनट तक हवा में रहा.
LCA तेजस: मुख्य बिन्दु
- LCA (Light Combat Aircraft) तेजस एकल इंजन वाला, बहुउद्देश्यीय हल्का लड़ाकू विमान है. इसकी स्पीड 2200 किमी प्रति घंटे है. यह अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसको 9 रॉकेट, बम और मिसाइल से लैस किया जा सकता है.
- इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है.
- तेजस को हवा-से-हवा, हवा-से-सतह, सटीक-निर्देशित और स्टैंडऑफ हथियार ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी अधिकतम पेलोड क्षमता 3,500 किलोग्राम है.
- LCA तेजस के कई संस्करण हैं. तेजस मार्क 1A, मार्क 1 का उन्नत संस्करण है. यह 4+ जेनेरेशन का फाइटर एयरक्रॉफ्ट है. इसमें हवा में फ्यूल भरा जा सकता है. यह AESA रडार, एक आत्म-सुरक्षा जैमर से सुसज्जित है, और यह कई तरह के हथियार ले जा सकता है.
- HAL इस मार्च के अंत तक वायुसेना को स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सौंप सकता है. भारतीय वायु सेना ने अपने बेड़े को मजबूत करने के लिए 83 तेजस मार्क 1A विमानों का ऑर्डर दिया है.
असम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में AFSPA को छह महीने के लिए बढ़ाया गया
असम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ जिलों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को अतिरिक्त छह महीने के लिए बढ़ा दिया है.
गृह मंत्रालय से इसकी अधिसूचना हाल ही में जारी की थी जो 1 अप्रैल, 2024 से प्रभावी होगी. गृह मंत्रालय ने, यह निर्णय इन पूर्वोत्तर राज्यों में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया है.
मुख्य बिन्दु
- असम के चार जिलों से AFSPA को 1 अप्रैल से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है. ये जिले हैं – तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव और शिवसागर.
- अरुणाचल प्रदेश में AFSPA को तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिले सहित एक अन्य जिले के तीन पुलिस थाना क्षेत्र में छह महीने के लिए बढ़ाया गया है.
- नागालैंड में दीमापुर, न्यूलैंड, चुमुकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन सहित पांच अन्य जिलों के 21 पुलिस थाना क्षेत्र में छह महीने के लिए AFSPA बढ़ाया गया है.
- गृह विभाग ने अधिसूचना में कहा है कि इन ज़िलों को कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अशांत क्षेत्र माना गया है और इसलिए अधिनियम की अवधि 30 सितंबर तक बढा दी गई है.
AFSPA क्या है?
- AFSPA का पूरा नाम The Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 है. यह अधिनियम 11 सितंबर 1958 को AFSPA लागू हुआ था. केंद्र सरकार या राज्यपाल पूरे राज्य या उसके किसी हिस्से में AFSPA लागू कर सकते हैं.
- AFSPA के जरिए सुरक्षा बलों को कई खास अधिकार दिए गये हैं. इसके तहत सुरक्षा बलों को कानून के खिलाफ जाने वाले व्यक्ति पर गोली चलाने, सर्च और गिरफ्तारी का अधिकार है.
- AFSPA के तहत किसी तरह की कार्रवाई करने पर सैनिकों के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती है.
- शुरू में यह पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था, जिनको ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया था. इनमें से ज्यादातर ‘अशांत क्षेत्र’ की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से सटी थीं.
- अप्रैल 2022 में केंद्र ने नागालैंड, असम और मणिपुर के कई हिस्सों में AFSPA के तहत आने वाले क्षेत्रों में कमी की गयी थी.
- 2015 में त्रिपुरा, 2018 में मेघालय और 1980 के दशक में मिजोरम से इस अधिनियम को हटा लिया गया था. इन कटौतियों के बावजूद, जम्मू और कश्मीर में AFSPA लागू है.
- कई राजनीतिक दल और संगठन AFSPA को हटाने की मांग कर रहे हैं. आलोचकों का तर्क है कि AFSPA के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है, जबकि समर्थकों का दावा है कि संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है.
भारत टीबी रिपोर्ट जारी: टीबी के मामलों में 16% की गिरावट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 मार्च 2024 को ‘भारत टीबी रिपोर्ट’ (India TB Report) 2023 जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में टीबी मरीजों की संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रत्येक वर्ष भारत टीबी रिपोर्ट प्रकाशित करता है.
टीबी रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2015 से 2022 तक टीबी (तपेदिक) के मामलों में 16% की गिरावट देखी गई, जो वैश्विक गिरावट 9% से अधिक है.
- 2015 में 100,000 जनसंख्या में टीवी के मामलों की संख्या 237 थी. जो 2022 में 199 हो गई थी. वहीं मृत्यु दर 2015 के मुकाबले में 2022 में प्रति लाख 23 हो गई थी.
- टीबी की गिरावट में सबसे ज्यादा उछाल उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य में देखा गया है. 2023 में अधिसूचित कुल टीबी मामलों में से 60.7% पुरुष, 39.2% महिलाएं और 0.04% ट्रांसजेंडर थे.
भारत में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. टीबी उन्मूलन को लेकर राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी) 2017-25 में तेजी से टीबी की बीमारी को कम करने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया था.
तपेदिक (टीबी): एक दृष्टि
- क्षय रोग या तपेदिक (टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है. यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है.
- टीबी हवा के माध्यम से फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है. इसके सामान्य लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, रात में पसीना आना और वजन कम होना शामिल हैं.
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2024 लागू किया गया
भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हाल ही में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2024 लागू किया है. ये नियम प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 में संशोधन कर लाया गया है.
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2024: मुख्य बिन्दु
- नए नियम के तहत डिस्पोजेबल प्लास्टिक उत्पादों के निर्माताओं के लिए उन्हें ‘बायोडिग्रेडेबल’ (जैवनिम्नीकरणीय) के रूप में लेबल करना अधिक कठिन हो जाएगा.
- नए नियम के अनुसार अब यह आवश्यक है कि बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक न केवल विशिष्ट वातावरण में जैविक प्रक्रियाओं के माध्यम से विघटित हो, बल्कि जैविक प्रक्रियाओं द्वारा बिना कोई माइक्रोप्लास्टिक (सूक्ष्म प्लास्टिक) छोड़े पूर्ण रूप से नष्ट होने में सक्षम हो.
- 1 µm से 1,000 µm के बीच के आयामों वाले पानी में अघुलनशील ठोस प्लास्टिक कणों को माइक्रोप्लास्टिक के रूप में परिभाषित किया जाता है. हाल के वर्षों में ये नदियों और महासागरों को प्रभावित करने वाले प्रदूषण के एक प्रमुख स्रोत के रूप में देखे गए हैं.
- बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक पर बढ़ता ध्यान केंद्र सरकार द्वारा 2022 में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने और अन्य उपायों के साथ-साथ बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक को अपनाने की सिफारिश करने के बाद आया है.
- विनिर्माताओं को कंपोस्टेबल अथवा बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक से कैरी बैग और वस्तुओं का उत्पादन करने की अनुमति है. उन्हें अपने उत्पादों के विपणन अथवा बिक्री से पूर्व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा.
- कम्पोस्टेबल प्लास्टिक, उन सामग्रियों को कहते हैं जिन्हें कवक, बैक्टीरिया या रोगाणुओं द्वारा तोड़ा जा सकता है. ये प्लास्टिक, मक्का, आलू, टैपिओका स्टार्च, सेलूलोज़, सोया प्रोटीन और लैक्टिक एसिड जैसी नवीकरणीय सामग्रियों से बनाए जाते हैं.
गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय के पुनर्गठन की अधिसूचना
रक्षा मंत्रालय के तहत रक्षा उत्पादन विभाग ने 28 मार्च को गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (DGQA) के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी की थी. इस पुनर्गठन का उद्देश्य गुणवत्ता जांचने वाली प्रक्रियाओं और परीक्षणों में तेजी लाना है.
मुख्य बिन्दु
- इस पुनर्गठन का मकसद गुणवत्ता आश्वासन पद्धति (Quality Assurance methodology) में बदलाव लाना और ओएफबी के निगमीकरण के बाद महानिदेशालय की संशोधित भूमिका को शामिल किया जाना है.
- रक्षा मंत्रालय के अनुसार विभाग के पुनर्गठन के सभी स्तरों पर संयंत्र विनिर्माण के लिए प्रभावी तकनीकी सहयोग मिलेगा और गुणवत्ता में एकरूपता सुनिश्चित होगी.
- नई संरचना में पृथक रक्षा परीक्षण और मूल्यांकन संवर्धन महानिदेशालय का भी प्रावधान होगा, जिससे परीक्षण सुविधाओं का पारदर्शी आवंटन हो सकेगा.
- इसके अलावा, सभी स्तरों पर संपूर्ण उपकरण/हथियार प्लेटफॉर्म के लिए एकल बिंदु तकनीकी सहायता सक्षम करेगी और उत्पाद की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेगी.
- DGQA के पुनर्गठन और सुधार के लिए चल रहे उपायों से देश के भीतर हथियार तैयार करने वालों के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी. वहीं, उच्च गुणवत्ता वाले रक्षा उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा.
खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट: 1 बिलियन टन भोजन हर दिन नष्ट
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट (Food Waste Index Report) 2024, 27 मार्च को जारी की गई थी. इस रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में लगभग 1 अरब (1 बिलियन) टन भोजन हर दिन नष्ट हो जाता है. भारत में हर वर्ष 8 करोड टन भोजन बर्बाद हो रहा है.
खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट 2024: मुख्य बिन्दु
- रिपोर्ट के अनुसार 2022 में दुनियाभर के सभी परिवारों ने प्रतिदिन 1.05 अरब टन भोजन की बर्बादी की, जो प्रति व्यक्ति 132 किलोग्राम और उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध कुल भोजन का लगभग पांचवां हिस्सा था.
- भोजन की यह बर्बादी तब हुई जबकि 78.3 करोड़ लोग दुनियाभर में भूख से जूझ रहे थे और एक तिहाई मनुष्य खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे.
- वर्ष 2022 में खाने की हुई कुल बर्बादी में से 60 प्रतिशत घरेलू स्तर पर हुआ, जबकि 28 प्रतिशत के लिए फूड सर्विसेज और 12 प्रतिशत के लिए रिटेल जिम्मेदार था.
- खाने की बर्बादी केवल धनी देशों की समस्या नहीं है. उच्च, उच्च मध्यम और निम्न मध्यम आय वाले देशों के बीच घरेलू स्तर पर खाने की बर्बादी के औसत स्तर में प्रति व्यक्ति केवल सात किलोग्राम का अंतर है.
- शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में भोजन की बर्बादी कम होती है. इसका कारण यह हो सकता है कि गांवों में बचा हुआ भोजन मवेशियों को खिला दिया जाता है और उर्वरक के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है.
- हालिया आंकड़ों के अनुसार, भोजन का कचरा वार्षिक वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में आठ से दस प्रतिशत का योगदान देता है- जो विमानन क्षेत्र का लगभग पांच गुना है.
- इतना ही नहीं, दुनिया की लगभग एक तिहाई कृषि भूमि के बराबर की भूमि खाद्य अपशिष्ट से पट गयी है, जिस कारण महत्वपूर्ण जैव विविधता का नुकसान हुआ है.
- 2022 में भोजन की बर्बादी और उसके अपशिष्ट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को लगभग एक ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.
30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया गया, राजस्थान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस (Rajasthan Statehood Day) मनाया जाता है. 1949 में इसी दिन जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था. यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है. इस राज्य को पहले ‘राजपुताना’ कहा जाता था.
राजस्थान राज्य: एक दृष्टि
- राजस्थान भारत का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है. राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किमी (132139 वर्ग मील) है. जनसँख्या के हिसाब से यह देश का सातवाँ सबसे बड़ा राज्य है.
- इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है.
- राजस्थान की राजधानी जयपुर है. 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं. जबकि लिंग अनुपात 928 है.
- विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है.
- पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, विश्व प्रसिद्ध रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है.
- माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है. यह समुद्र तल से 1,722 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
- विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर राजस्थान में स्थित है.
- भारत का सबसे बड़ा मरुस्थल ‘थार मरुस्थल’ भी राजस्थान में स्थित है. इस मरुस्थल का लगभग 60% हिस्सा राजस्थान में है, परन्तु कुछ भाग हरियाणा, पंजाब, गुजरात और पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में भी फैला है.
- देश की एकमात्र लवणीय नदी ‘लूनी नदी’ राजस्थान में बहती है.
- राजस्थान में यूनेस्को के तीन विश्व धरोहर स्थल हैं – केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जंतर मंतर (जयपुर), राजस्थान के पहाड़ी किले (चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, रणथम्भोर, अम्बर, जैसलमेर).
- राजस्थान के कुम्भलगढ़ दुर्ग की दीवार 38 किलोमीटर लम्बी है. इसे चीन की महान दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे लम्बी दीवार माना जाता है.
राजस्थान के प्रतीक चिह्न
- राज्य का पशु : ऊंट और चिंकारा
- राज्य की पक्षी: गोडावण जिसो सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायिन वगैरा के नाम से जाना जाता है.
- राज्य का फूल: रोहिड़ा
- राज्य का वृक्ष: खेजड़ी
मार्च 2024: मल्टीपल मायलोमा जागरूकता माह
प्रत्येक वर्ष मार्च माह को मल्टीपल मायलोमा जागरूकता (Multiple Myeloma Awareness Month) माह के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मल्टीपल मायलोमा से संबंधित जागरूकता बढ़ाना है.
मल्टीपल मायलोमा क्या है?
- मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का रक्त कैंसर है जो प्लाज्मा कोशिकाओं में शुरू होता है. यह अस्थि मज्जा में पाई जाने वाली एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका है.
- मायलोमा के रोगियों में, कैंसरग्रस्त कोशिकाएँ तेज़ी से बढ़ती हैं, स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को बाहर निकालती हैं और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती हैं.
30 मार्च: अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस
प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस (International Day of Zero Waste) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य अधिक टिकाऊ और अपशिष्ट मुक्त दुनिया के निर्माण को बढ़ावा देना है.
मुख्य बिन्दु
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 दिसंबर, 2022 को एक प्रस्ताव पारित कर, 30 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस के रूप में नामित किया था.
- यह प्रस्ताव तुर्की और 105 अन्य देशों द्वारा सह-प्रायोजित था और कचरे से निपटने के प्रस्तावों की एक श्रृंखला का हिस्सा है.
- इसका उद्देश्य शून्य-अपशिष्ट पहलों को बढ़ावा देकर सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा में सभी उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करना है.
- अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस 2024 के आधिकारिक थीम की घोषणा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और UN-हैबिटेट द्वारा नहीं की गई है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा भारत की आधिकारिक यात्रा पर
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा 28-29 मार्च तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं. उनकी यह यात्रा विदेश मंत्री सुब्ह्रमण्यम जयशंकर के निमंत्रण पर हो रही है. श्री कुलेबा, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार के साथ बैठक करेंगे और अन्य कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे.
आठ प्रमुख उद्योगों के संयुक्त सूचकांक में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि
देश के आठ प्रमुख उद्योगों के संयुक्त सूचकांक में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष फरवरी में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई. सीमेंट उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष फरवरी में 10.2 प्रतिशत बढा. कोयला उत्पादन में 11.6 प्रतिशत, कच्चे तेल के उत्पादन में 7.9 प्रतिशत और विद्युत उत्पादन में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह तीन महीनों की सबसे अधिक वृद्धि है.
फलस्तीन में मोहम्मद मुस्तफा के नेतृत्व में नई सरकार
फलस्तीन में राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा के नेतृत्व में नई सरकार के गठन को मंजूरी दे दी है. नई सरकार में 23 मंत्री शामिल हैं. प्रधानमंत्री मुस्तफा विदेश मंत्रालय का प्रभार भी संभालेंगे. श्री मुस्तफा ने राष्ट्रपति अब्बास को संबोधित मंत्रिमंडल के बयान में कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता गज़ा में तुरंत युद्धविराम और क्षेत्र से इजरायल की पूर्ण वापसी कराना है.
29 मार्च को गुड फ्राइडे मनाया गया
29 मार्च को गुड फ्राइडे मनाया गया. यीशु मसीह क्राइस्ट को इस दिन सूली पर लटकाया गया था. उन्होंने मानवता के प्रति प्रेम के लिए कुर्बानी दी थी. गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ईस्टर फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है. गुड फ्राइडे के बाद दूसरे दिन रविवार को यीशु मसीह पुन: जीवित हो गए थे जिसे ईस्टर के रूप में मनाया जाता है.
अमेरिका और ब्रिटेन ने साइबर जासूसी को लेकर चीन पर प्रतिबंध लगाया
अमेरिका और ब्रिटेन ने हाल ही में हुए दुर्भावनापूर्ण हमलों के लिए चीनी राज्य द्वारा समर्थित हैकरों के खिलाफ़ प्रतिबंधों की घोषणा की है. साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने चीन से जुड़े व्यक्तियों और समूहों पर प्रतिबंध लगाकर समन्वित कार्रवाई की.