22 मार्च: बिहार दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को बिहार दिवस (Bihar Diwas) मनाया जाता है. 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर राज्य बनाया गया था. इस वर्ष यानी 22 मार्च 2024 को बिहार ने अपना 112वां स्‍थापना दिवस मनाया.

बिहार सरकार 22 मार्च, 2010 से प्रतिवर्ष बिहार दिवस का आयोजन करती आ रही है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बिहार के लोगों में स्वाभिमान को जागृत करना है.

बिहार: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • बंगाल से बिहार को अलग करने की घोषणा 12 दिसंबर, 1911 को गई थी. इसी दिन भारत की राजधानी कलकत्ता से स्थानांतरित कर दिल्ली बनाई गई थी.
  • नवगठित बिहार प्रांत के प्रथम राज्यपाल सर चार्ल्स स्टूवर्ट बेले और सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा (1920) राज्य के प्रथम भारतीय राज्यपाल थे.
  • बिहार को पहले मगध नाम से जाना जाता था. बिहार बौद्ध संस्कृति का जन्म स्थान है, जिस वजह से इस राज्य का नाम पहले विहार और उससे बिहार बना. बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र था.
  • बिहार में ही दुनिया के सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. इस विश्वविद्यालय को साल 2016 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO World Heritage) में शामिल किया गया.
  • बिहार भगवान् बुद्ध, भगवान् महावीर तथा गुरु गोविंद सिंह की पवित्र धरती है. भारत के प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य और अशोका भी बिहार से ही हैं. सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह का जन्म भी बिहार में हुआ.
  • बिहार के वैशाली जिले को दुनिया का पहला गणतंत्र माना जाता है. इसी जगह पर भगवान महावीर का जन्म हुआ था.
  • 1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
  • एक अप्रैल, 1936 को बिहार एवं ओड़िशा अलग हुआ. 1937 में बिहार विधानसभा अस्तित्व में आयी थी.
  • 20 जुलाई, 1937 को डॉ श्रीकृष्ण सिंह (प्रथम मुख्यमंत्री) के नेतृत्व में प्रथम सरकार गठित हुई थी. बिहार के प्रथम राज्यपाल का नाम जयरामदास दौलतराम हैं.
  • बिहार पूर्वी भारत का एक राज्य है. जनसंख्या के आधार पर तीसरा और क्षेत्रफल के आधार पर 12वां सबसे बड़ा राज्य है। इसका क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है.
  • यह पश्चिम में उत्तर प्रदेश, उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग और दक्षिण में झारखंड से घिरा हुआ है.