लघु सिंचाई योजनाओं की छठी गणना की रिपोर्ट जारी

जल शक्ति मंत्रालय ने लघु सिंचाई योजनाओं की छठी गणना की रिपोर्ट 26 अगस्त को जारी की थी. रिपोर्ट के अनुसार देश में 2 करोड 31 लाख 40 हजार लघु सिंचाई योजनाएं हैं. इनमें से 2 करोड 19 लाख 30 हजार भूजल और 12 लाख 10 हजार सतही जल योजनाएं हैं.

मुख्य बिन्दु

  • सबसे अधिक लघु सिंचाई योजनाएं उत्तर प्रदेश में हैं. इसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु का स्थान है.
  • भूजल योजनाओं में महाराष्ट्र सबसे आगे है. उसके बाद कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिसा और झारखंड का स्थान हैं.
  • सतही जल योजनाओं में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड की हिस्सेदारी सबसे अधिक है.
  • भूजल योजनाओं में खोदे गए कुएं, कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल शामिल हैं. सतही जल योजनाओं में सतही प्रवाह और सर्फस लिफ्ट योजनाएं शामिल हैं.
  • पांचवी गणना की तुलना में छठी लघु सिंचाई गणना के दौरान लघु सिंचाई योजनाओं में लगभग 1.42 मिलियन की वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय स्तर पर, भूजल और सतही जल स्तर की योजनाओं में क्रमशः 6.9% और 1.2% की वृद्धि हुई है.
  • लघु सिंचाई योजनाओं में खोदे गए कुंओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक है, इसके बाद कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल हैं.
  • महाराष्ट्र कुएं खोदने, सतही प्रवाह और सर्फस लिफ्ट योजनाओं में अग्रणी राज्य है. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब क्रमशः कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल में अग्रणी राज्य हैं.
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