भारतीय नौसेना ने अरब सागर में विराट सैन्य युद्धाभ्यास का आयोजन किया

भारतीय नौसेना ने हाल ही में अरब सागर में एक विराट सैन्य युद्धाभ्यास किया था. इसे नौसेना का सबसे बड़ा अभ्यास कहा जा रहा है.

मुख्य बिन्दु

  • यह ट्विन कैरियर बैटल ग्रुप (सीबीजी) श्रेणी का अभ्यास था. इस श्रेणी में वे विराट नौसैनिक बेड़े आते हैं, जिनमें विमान वाहक युद्धपोत, बड़ी संख्या में जलपोत विध्वंसक, मध्यम आकार के युद्धपोत व अन्य सैन्य जहाज शामिल हों.
  • इस युद्धाभ्यास में विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत सहित 35 प्रमुख लड़ाकू विमानों ने शक्ति दिखाई.
  • दोनों विमानवाहक युद्धपोत ऑपरेशन के समय समुद्र में तैरती ‘संप्रभु एयरफील्ड’ की तरह केंद्रीय भूमिका में थे. उन्होंने ‘मोबाइल बेस’ बनकर बड़ी संख्या में विमानों को उड़ान भरने का प्लेटफॉर्म प्रदान किया.
  • दोनों युद्धपोत के अतिरिक्त मिग-29के, एमएच 60 आर, कामोव, सी-किंग, चेतक व एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर भी शामिल थे.

आईएनएस विक्रांत: एक दृष्टि

  • 23 हजार करोड़ में स्वदेशी आईएनएस विक्रांत में वायु सुरक्षा नेटवर्क व एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है. 30 लड़ाकू जेट विमान व हेलिकॉप्टर तैनात करने की क्षमता है.
  • सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया थी. भारत उन चुनिंदा देशों में आ गया, जो 40,000 टन से भारी विमानवाहक युद्धपोत बना सकते हैं.
  • मई 2023 में आईएनएस विक्रांत पर रात में मिग-29के उतारा गया, जिसने इस विमान वाहक पोत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व स्थायित्व के लिए अहम भूमिका निभाने वाला साबित किया.
  • भारत के दूसरे विमानवाहक पोत का नाम आईएनएस विक्रमादित्य है. इसे भारत ने 2013 में रूस से खरीदा था.