खरीफ विपणन वर्ष के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की घोषणा

मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. यह निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 7 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.

मुख्य बिन्दु

  • फसल वर्ष 2023-24 के लिए सामान्य श्रेणी के धान का MSP 143 रुपये बढ़ाकर 2183 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष 2040 रुपये प्रति क्विंटल था.
  • ए-श्रेणी के धान का न्‍यूनतम समर्थन मूल्य 163 रुपये बढ़ाकर 2203 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है जो पहले 2060 रुपये था.
  • मूंग के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में सबसे अधिक 10.4 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इसे पिछले वर्ष के 7755 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 8558 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.
  • 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 33.50 करोड टन होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.49 करोड टन अधिक है.

मुख्य खरीफ फसलें

धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि. खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में काट लिया जाता है.

MSP (Minimum Support Price) क्या है?

MSP (Minimum Support Price) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य वह कीमत होती है, जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है. इसे सरकारी भाव भी कहा जा सकता है.

सरकार हर साल फसलों की MSP तय करती है ताकि किसानों की उपज का वाजिब भाव मिल सके. इसके तहत सरकार फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया, नैफेड जैसी सरकारी एजेसिंयों की मदद से किसानों की फसलों को खरीदती है.