संसद ने दिल्‍ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण संबंधी विधेयक को स्‍वीकृति दी

संसद ने दिल्‍ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण संबंधी “दिल्ली नगर निगम-संशोधन विधेयक (Delhi Municipal Corporation Amendment Bill) 2022” को पारित कर दिया है. संसद में पारित होने के बाद इस विधेयक ने अधिनियम का रूप ले लिया है.

दिल्ली नगर निगम-संशोधन अधिनियम: मुख्य बिंदु

  • इस विधेयक में दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 में संशोधन करने तथा दिल्ली के तीन मौजूदा नगर निगमों को मिलाकर केवल एक दिल्ली नगर निगम बनाने का प्रस्ताव है.
  • विधेयक में दिल्ली के लोगों के लिए अधिक पारदर्शी, कार्यकुशल और बेहतर नागरिक सेवाओं के प्रबंधन के प्रावधान किए गए हैं. वर्तमान में दिल्ली में तीन निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में कुल 272 सीटें (पार्षद) हैं. विधेयक में पार्षदों की संख्‍या 272 से घटाकर अधिकतम 250 करने की भी व्‍यवस्‍था है.
  • वर्ष 2012 में दिल्‍ली नगर निगम को तीन नगर निगमों- दक्षिण दिल्‍ली नगर निगम, उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम और पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम में विभाजित किया गया था.
  • एकीकृत नगर निगम करने से तीन मेयरों (महापौर) की जगह एक मेयर होगा, 75 समितियों की जगह 25 समितियां होगी, तीन मिंस‍िपल कमीशनर की जगह एक मिंसिपल कमीश्‍नर होगा, तीन मुख्‍यालय की जगह एक मुख्‍यालय होगा, निर्णयों में समानता रहेगी, एकरूकता रहेगी एक ही शहर में दो प्रकार के कर के स्‍ट्रक्‍चर नहीं रहेंगे. वित्‍तीय स्‍थि‍ति भी अच्‍छी रहेगी और लगभग 150 करोड़ का खर्च सालाना इससे कम होगा.

संवैधानिक पहलू

यह विधेयक भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239AA-3C के तहत लाया गया है. इस अनुच्छेद में देश की संसद को राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली की विधानसभा द्वारा बनाएं गए किसी भी कानून को संशोधित करने का, उसके स्‍वरूप बदलने का, या तो उसकों निरस्‍त करने का अधिकार देता है.