चीन-लिथुआनिया विवाद: यूरोपीय संघ ने चीन के खिलाफ WTO में शिकायत दर्ज की

यूरोपीय संघ (EU) ने चीन के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज की है. यह शिकायत चीन द्वारा लिथुआनिया के साथ व्यापार भेदभाव करने के लिए दर्ज करायी है.

क्या है मामला?

दरअसल, लिथुआनिया ने चीन के साथ कूटनीतिक परंपरा को तोड़ते हुए ताइवान में अपना कार्यालय चीनी ताइपे के बजाय ताइवान नाम से खोला है. ताइपे के विलयुनेस स्थित इस ताइवानी कार्यालय को चीन अपने साथ विश्वासघात के रूप में देखता है. क्योंकि चीन, ताइवान को अलग देश के बजाय अपना अभिन्न अंग मानता है.

प्रतिक्रिया स्वरुप चीन ने लिथुआनिया के राजदूत को बर्खास्त कर दिया है और अपने राजदूत भी वहां से वापस बुला लिया है. इससे पहले लिथुआनिया ने चीन की राजधानी में अपने दूतावास को बंद कर दिया था.

तनाव बढ़ने के बाद चीनी सरकार ने लिथुआनिया पर आयात प्रतिबंध लगा दिया है. इसलिए इस मुद्दे को यूरोपीय संघ अब WTO के समक्ष उठा रहा है. EU का कहना है कि इस बाल्टिक देश के साथ चीन के झगड़े से अन्य देशों का निर्यात भी प्रभावित हो रहा है.

जर्मन और फ्रांसीसी कंपनियां लिथुआनिया के रास्ते चीन को अपना निर्यात भेजती है. ये कंपनियां अब बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई हैं. इस प्रकार, लिथुआनिया को अवरुद्ध करके चीन यूरोपीय संघ के व्यापार पर प्रभाव डाल रहा है.