सेना ने ‘स्काई स्ट्राइकर’ ड्रोन खरीदने के लिए भारत और इजराइल के संयुक्त उद्यम से अनुबंध किया

भारतीय सेना ने 100 से अधिक ‘स्काई स्ट्राइकर’ खरीदने के लिए भारतीय कंपनी अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज और इजराइल की कंपनी एलबिट सिस्टम के संयुक्त उद्यम से अनुबंध किया है. अनुबंध के तहत इन ‘स्काई स्ट्राइकर’ का निर्माण बेंगलुरु में किया जाना है.

स्काई स्ट्राइकर: मुख्य बिंदु

  • स्काई स्ट्राइकर एक मानव रहित ‘घूमने वाला हथियार’ (ड्रोन) है जो लंबी दूरी तक सटीक और सामरिक हमले करने में सक्षम है. यह विस्फोटक वारहेड के साथ लाइन-ऑफ-विजन ग्राउंड लक्ष्यों से परे संलग्न करने के लिए बनाया गया है.
  • यह ‘स्काई स्ट्राइकर’ एक ‘आत्मघाती ड्रोन’ की तरह काम करता है, जो विस्फोटकों के साथ लक्ष्य को मारकर खुद भी नष्ट हो जाता है. यह खुद 5 किलो वारहेड के साथ निर्दिष्ट लक्ष्यों का पता लगाकर उन पर हमला कर सकता है.
  • इनकी मारक क्षमता करीब 100 किलोमीटर तक है. यह 20 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य क्षेत्र तक 10 मिनट में पहुंचकर मिशन को अंजाम देने के बाद लौट सकते हैं.
  • यह बहुत ही धीमी आवाज के साथ कम ऊंचाई पर उड़ सकता है, जो इसे मौन, अदृश्य और आश्चर्यजनक हमलावर बनाता है. लॉन्च करने से पहले इस पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लोड किया जाता है.
  • यह उड़ान भरने के बाद ग्राउंड कंट्रोल रूम की मंजूरी मिलने के बाद ही लक्ष्य को टार्गेट करता है. इसे लॉन्च करने के बाद ग्राउंड कंट्रोल रूम लक्ष्य भी बदल सकता है और किसी भी मिशन को रद्द करके उसे वापस भी बुला सकता है.