विपणन वर्ष 2021-22 के लिए खरीफ फसलों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में बढ़ोतरी की गयी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी का निर्णय किया है. यह निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 10 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हुई.

विपणन सीजन 2021-22 के लिए खरीफ फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी केन्द्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य, औसत उत्पादन लागत के कम से कम डेढ़ गुणा तय किया गया था ताकि किसानों को उनकी उपज का समुचित लाभ मिल सके.

मुख्य बिंदु

  • धान के MSP में 72 रुपये की वृद्धि की गयी है. यह अब 1,940 रुपये प्रति क्विंटल है.
  • अरहर दाल के MSP में 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गयी है. अरहर दाल का MSP अब 6300 रुपये प्रति क्विंटल है. उड़द दाल का MSP भी बढ़ कर अब 6300 रुपये प्रति क्विटल, मूंग दाल का MSP बढ़ा कर 7275 रुपये प्रति क्विंट किया गया है.
  • तिलहन में तिल के MSP में सबसे ज्यादा 452 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. अब तिल का MSP 7,307 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. मूंगफली का MSP 275 रुपये बढ़ा है और 5550 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है.

MSP (Minimum Support Price) क्या है?

MSP (Minimum Support Price) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य वह कीमत होती है, जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है. इसे सरकारी भाव भी कहा जा सकता है.

सरकार हर साल फसलों की MSP तय करती है ताकि किसानों की उपज का वाजिब भाव मिल सके. इसके तहत सरकार फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया, नैफेड जैसी सरकारी एजेसिंयों की मदद से किसानों की फसलों को खरीदती है.