भारतीय वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की अधिक उपज देने किस्म MACS-1407 विकसित की

भारतीय वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की एक अधिक उपज देने वाली और कीट प्रतिरोधी किस्म विकसित की है. MACS-1407 नाम की यह नई किस्म असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त. इसके बीज वर्ष 2022 के खरीफ के मौसम के दौरान किसानों को बुवाई के लिए उपलब्ध कराये जायेंगे.

सोयाबीन की नई किस्म MACS-1407 का विकास अग्रहार रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI), पुणे के वैज्ञानिकों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली के सहयोग से किया है. ARI, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (MACS) के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है.

MACS-1407 का विकास पारंपरिक क्रॉस ब्रीडिंग तकनीक का उपयोग करके किया है, जो कि प्रति हेक्टेयर में लगभग 39 क्विंटल का पैदावार देते हुए इसे एक अधिक उपज देने वाली किस्म बनाता है. यह गर्डल बीटल, लीफ माइनर, लीफ रोलर, स्टेम फ्लाई, एफिड्स, व्हाइट फ्लाई और डिफोलिएटर जैसे प्रमुख कीट-पतंगों का प्रतिरोधी भी है. यह पूर्वोत्तर भारत की वर्षा आधारित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है.