IEA ने ग्लोबल एनर्जी रिव्यू 2021 रिपोर्ट जारी की

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने हाल ही में ग्लोबल एनर्जी रिव्यू (Global Energy Review) 2021 रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में वैश्विक ऊर्जा मांग और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (CO2) उत्सर्जन की समीक्षा की गयी है.

ग्लोबल एनर्जी रिव्यू 2021 रिपोर्ट के मुख्य विन्दु

भारत के सन्दर्भ में

  • इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पेरिस समझौते के तहत उत्सर्जन तीव्रता को 33% से 35% घटाने के लिए प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है.
  • वर्ष 2020 में भारत में CO2 उत्सर्जन 2019 में दर्ज किए गए उत्सर्जन की तुलना में 1.4% अधिक है.
  • वर्तमान में, भारत का CO2 उत्सर्जन 35 गीगाटन है. यह वैश्विक औसत से 60% कम है और यूरोपीय संघ में उत्सर्जन के बराबर है.

विश्व के सन्दर्भ में

  • 2021 में विशे में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 5 बिलियन टन बढ़ेगा.
  • 2021 में 80% से अधिक कोयले की मांग चीन में होगी. चीन में नवीकरण से बिजली उत्पादन भी अधिक होगा.
  • अमेरिका और यूरोपीय देशों में कोयले की मांग भी बढ़ेगी. हालांकि, यह पूर्व-संकट के स्तर से नीचे रहेगा.
  • कोयला और गैस की मांग 2019 के स्तर से ऊपर जाने का अनुमान है. हालांकि, तेल की मांग अपने 2019 के उच्चतम स्तर से नीचे रहेगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि COVID-19 संकट के कारण विमानन क्षेत्र काफी अधिक दबाव में है.
  • लगभग 30% बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त होगी. वायु से विद्युत उत्पादन में 17% की वृद्धि होगी और यह 275 टेट्रा वाट होगा. सौर उर्जा में 145 टेट्रा वाट की वृद्धि होगी जो कि 2020 की तुलना में 18% अधिक है.

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA): एक दृष्टि

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency) एक स्वायत्त संगठन है. यह विश्वसनीय, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए काम करता है.

IEA की स्थापना 1974 में हुई थी. इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है. भारत सहित 30 देश इसके सदस्य हैं. भारत 2017 में IEA का एक सहयोगी सदस्य बना था. फरवरी 2018 में मेक्सिको IEA का 30वां सदस्य बना था.