ऑस्ट्रेलिया ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को रद्द किया, जानिए क्या है BRI

ऑस्ट्रेलिया ने चीन की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) के दो समझौते को रद्द कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की कैबिनेट ने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया है. चीन के साथ यह समझौता 2018 और 2019 में किया गया था. इस नए फैसले से ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है.

ऑस्ट्रेलिया ने जिन दो समझौतों को रद्द किया है, उनमें चीनी कंपनियां ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में दो बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्टर को तैयार करने वाली थीं. चीन ने पहले ही ऑस्ट्रेलिया के साथ तनाव बढ़ने पर विक्टोरिया प्रशासन के साथ सफल व्यवहारिक सहयोग को बाधित करने को लेकर चेतावनी दी थी. जिसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन को सबक सिखाने के लिए यह कदम उठाया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण समझौते को रद्द किया गया

ऑस्ट्रेलिया ने नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत चीन के इस प्रोजक्ट को रद्द करने का फैसला किया है. ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया था जो घरेलू नीतियों में गुप्त विदेशी दखल को प्रतिबंधित करता है.

नया कानून संघीय सरकार को निचले प्रशासनिक स्तर पर किये गए उन अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों की अनदेखी की शक्तियां प्रदान करता है जो राष्ट्रहित का उल्लंघन करती हों. चीन ने इन कानूनों को चीन के प्रति पूर्वाग्रह पूर्ण और चीन-ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में जहर घोलने वाला बताया है.

क्या है बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना?

  • चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना की परिकल्पना की थी. वर्ष 2016 से इस परियोजना को ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) के नाम से जाना जाता है.
  • BRI परियोजना चीन द्वारा प्रस्तावित आधारभूत ढाँचा विकास एवं संपर्क परियोजना है जिसका लक्ष्य चीन को सड़क, रेल एवं जलमार्गों के माध्यम से यूरोप, अफ्रीका और एशिया से जोड़ना है.
  • यह परियोजना चीन के उत्पादन केंद्रों को वैश्विक बाज़ारों एवं प्राकृतिक संसाधन केंद्रों से जोड़ेगी. इस परियोजना के द्वारा चीन को विश्व की 70% जनसंख्या तथा 75% ज्ञात ऊर्जा भंडारों तक पहुँच मिल सकती है.
  • BRI के तहत पहला रूट चीन से शुरू होकर रूस और ईरान होते हुए इराक तक ले जाने की है. इस योजना के तहत दूसरा रूट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से श्रीलंका और इंडोनेशिया होकर इराक तक ले जाया जाना है.
  • चीन से लेकर तुर्की तक सड़क संपर्क कायम करने के साथ ही कई देशों के बंदरगाहों को आपस में जोड़ने का लक्ष्य भी इस योजना में रखा गया है.

BRI परियोजना का मुख्य उद्देश्य

दरअसल चीन के इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अपना भू-राजनीतिक प्रभुत्व कायम करना है, हालाँकि चीन इस बात से इनकार करता है. वास्तव में चीन का BRI परियोजना, निर्यात करने का माध्यम है जिसके ज़रिये वह अपने विशाल विदेशी मुद्रा भंडार का प्रयोग बंदरगाहों के विकास, औद्योगिक केंद्रों एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों के विकास के लिये कर वैश्विक शक्ति के रूप में उभरना चाहता है.