भारत को 46वें G-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण, जानिए क्या है G-7

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत को 2021 में होने वाले 46वें G-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस सिलसिले में एक पत्र लिखा है. भारत की यात्रा पर आये ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब ने श्री मोदी से मुलाकात कर उन्हें यह पत्र सौंपा. प्रधानमंत्री ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.

G-7 का विस्तार कर D-10 किये जाने का प्रस्ताव

इस वर्ष G-7 का विस्तार भी होने वाला है, जिसमें 10 लोकतांत्रिक देश शामिल होंगे और इसका नाम D-10 कर दिया जाएगा. D-10 दस लोकतांत्रिक देशों को दर्शाता है.

2021 में होने वाले 46वें G-7 शिखर सम्मेलन की मेजवानी ब्रिटेन कर रहा है. ब्रिटेन ने भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को G-7 राष्ट्रों के साथ शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. इससे पहले अमेरिका ने भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ रूस को भी शामिल करने का प्रस्ताव दिया था.

G-7 क्या है?

G-7 दुनिया की सात सबसे विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है. इसके सदस्य देशों में अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं. चीन दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवथा है, फिर भी वो इस समूह का हिस्सा नहीं है. इसकी वजह यहां प्रति व्यक्ति आय संपत्ति जी-7 समूह देशों के मुक़ाबले बहुत कम है.

शुरुआत में यह छह देशों का समूह था, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी. बाद में कनाडा इस समूह में शामिल हो गया और इस तरह यह G-7 बन गया. 1998 में G-7 में रूस भी शामिल हो गया था और यह जी-7 से जी-8 बन गया था. लेकिन साल 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया हड़प लेने के बाद रूस को समूह से निलंबित कर दिया गया.