डेली कर्रेंट अफेयर्स
भारत जिबूती आचार संहिता में बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुआ
भारत हाल ही में जिबूती आचार संहिता (Djibouti Code of Conduct) में बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुआ है. इस आचार संहिता का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाना है. इस समूह के अन्य पर्यवेक्षक नॉर्वे, जापान, यूके और अमेरिका हैं.
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत अपनी इंडो-पैसिफिक नीति के तहत हिंद महासागर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में अपनी भूमिका को और मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए भारत ने जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ पारस्परिक सैन्य लॉजिस्टिक्स समर्थन समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं.
चीन ने अगस्त 2017 में जिबूती में अपना विदेशी सैन्य अड्डा बनाया था. इसके पश्चात् से ही वह हिंद महासागर क्षेत्र में तीव्र विस्तारवादी रणनीति अपना रहा है. चीन की इस नीति की पृष्ठभूमि में भारत के लिये यह समझौता काफी महत्त्वपूर्ण हैं.
जिबूती आचार संहिता: एक दृष्टि
- जिबूती आचार संहिता (DCOC) को पश्चिमी हिंद महासागर, अदन की खाड़ी और लाल सागर क्षेत्र में समुद्री चोरी और सशस्त्र डकैती को रोकने के से संबंधित एक आचार संहिता के रूप में जाना जाता है. यह 29 जनवरी 2009 को अपनाया गया था.
- वर्ष 2017 में सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित DCOC में शामिल देशों की एक उच्च-स्तरीय बैठक में एक संशोधित आचार संहिता को अपनाया गया था. इसे DCOC में जेद्दा संशोधन के रूप में जाना जाता है.
- DCOC में 20 सदस्य देश शामिल हैं. ये देश अदन की खाड़ी, लाल सागर, अफ्रीका के पूर्वी तट और हिंद महासागर क्षेत्र से सटे हैं.
- DCOC के सदस्य देश: इरिट्रिया, इथियोपिया, मिस्र, कोमोरोस, जॉर्डन, जिबूती, मालदीव, केन्या, मेडागास्कर, मोजाम्बिक, ओमान, मॉरीशस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, सेशेल्स, सोमालिया, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, संयुक्त राज्य अमेरिका और तंजानिया गणराज्य.
राज्यसभा ने दो चिकित्सा विधेयकों को पारित किया
राज्यसभा ने 18 सितम्बर को दो चिकित्सा विधेयकों को पारित किया. ये विधेयक हैं- होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक-2020 और भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक-2020. लोकसभा इन विधेयकों को पहले ही पारित कर चुकी है. इन विधेयकों का उद्देश्य होम्योपैथी और भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए उच्चस्तरीय चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है.
चिकित्सा विधेयक: एक दृष्टि
- ‘होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक-2020’ में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 में संशोधन किया गया है. इस अधिनियम में केंद्रीय होम्योपैथी परिषद की व्यवस्था की गई है जो होम्योपैथिक शिक्षा और प्रेक्टिस का नियमन करेगी.
- यह विधेयक अप्रैल में जारी होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन अध्यादेश का स्थान लेगा. इसके तहत केंद्रीय परिषद की अवधि दो साल से बढ़ाकर तीन साल करने के लिए 1973 के कानून में संशोधन किया गया है.
- ‘भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक-2020’ को 1970 के भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद कानून में संशोधन के लिए लाया गया है.
- यह कानून इस संबंध में अप्रैल में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा. विधेयक में एक वर्ष के अंदर केन्द्रीय परिषद के पुनर्गठन का प्रस्ताव है. यह केन्द्रीय परिषद अप्रैल से एक वर्ष के लिए निलंबित रहेगी. तब तक सरकार निदेशक मंडल का गठन करेगी जिसे केन्द्रीय परिषद के अधिकार होंगे. निदेशक मंडल में दस सदस्य होंगे.
रक्षा क्षेत्र में स्वत: मंजूरी के जरिये 74 प्रतिशत तक FDI को मंजूरी दी गयी
सरकार ने रक्षा क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से 74 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी दे दी है. विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने 17 सितम्बर को इसकी घोषणा की.
मौजूदा FDI नीति के तहत रक्षा उद्योग में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमिति है. इसमें 49 प्रतिशत स्वत: मंजूरी के मार्ग से जबकि इससे ऊपर के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है.
वैश्विक ‘स्मार्ट सिटी’ सूचकांक 2020 जारी, सिंगापुर पहले स्थान पर
वर्ष 2020 का स्मार्ट सिटी सूचकांक (SCI) 18 सितम्बर को जारी किया गया. यह सूचकांक इंस्टिट्यूट फॉर मैनेजमेंट डिवेलपमेंट (IMD) ने सिंगापुर यूनिवर्सिटी फॉर टेक्नालॉजी एंड डिजाइन (SUTD) के साथ मिलकर जारी किया है. इसमें कुल 109 शहरों का सर्वेक्षण किया गया है.
इस सूचकांक में सिंगापुर पहले स्थान पर है, उसके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमशः हेलसिंकी और ज्यूरिख रहे हैं. वैश्विक ‘स्मार्ट सिटी’ की लिस्ट में चार भारतीय शहरों – नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु के स्थान में गिरावट आई है. इस सूचकांक में हैदराबाद 85वें, नई दिल्ली 86वें, मुंबई 93वें और बेंगलुरु को 95वें स्थान पर है.