भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 5 मार्च को जियो इमेजिंग सैटेलाइट- GISAT-1 का प्रक्षेपण करेगा. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया जायेगा.
इस प्रक्षेपण में GSLV-F 10 राकेट के माध्यम से GISAT-1 सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (भू-समकालीन स्थानांतरण कक्षा- GTO) में स्थापित किया जाएगा. इसके बाद, उपग्रह प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करके अंतिम भूस्थिर कक्षा में पहुंच जाएगा. यह GSLV का 14वां उड़ान होगा.
GISAT-1: एक दृष्टि
GISAT-1 एक अत्याधुनिक तेजी से धरती का अवलोकन करने वाला उपग्रह है. इसका वजन 2,275 किलोग्राम है.
इस GSLV उड़ान में पहली बार चार मीटर व्यास का ओगिव आकार का पेलोड फेयरिंग (हीट शील्ड) प्रवाहित किया जा रहा है.
GISAT-1 में इमेजिंग कैमरों की एक विस्तृत श्रंखला है. ये निकट इंफ्रारेड और थर्मल इमेजिंग करने में सक्षम हैं. इन कैमरों में हब्बल दूरदर्शी जैसा 700 एमएम का एक रिची च्रीटियन प्रणाली का टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया गया है.
इसमें कई हाइ-रिजोल्यूशन कैमरे हैं जो उपग्रह की ऑन-बोर्ड प्रणाली द्वारा ही संचालित होंगे. इसकी एक और खासियत ये है कि ये 50 मीटर से 1.5 किलोमीटर की रिजोल्यूशन में फोटो ले सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-02-26 23:10:182020-02-26 23:10:18ISRO ने GSLV-F 10 जियो इमेजिंग सैटेलाइट, GISAT-1 के प्रक्षेपण की घोषणा की