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पाकिस्तान-समर्थित आतंकवाद को उजागर करने के लिए कूटनीतिक अभियान

  • पाकिस्तान-समर्थित आतंकवाद को उजागर करने और ऑपरेशन सिंदूर पर विश्व समुदाय को विश्वास में लेने के लिए सघन कूटनीतिक अभियान शुरु किया है.
  • भारत के सफल आतंकरोधी अभियान के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देने के लिए भारत ने 7 बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल गठित किए गए हैं. ये सात संसदीय समूह 32 देशों का दौरा करेंगे.

7 बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल

  1. भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्‍व में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें गुलाम नबी आज़ाद, निशिकांत दुबे और असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं, अल्जीरिया, बहरीन, सऊदी अरब और कुवैत का दौरा करेंगे.
  2. भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्‍व में एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें डॉ अमर सिंह, प्रियंका चतुर्वेदी और पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर शामिल हैं, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस, इटली, डेनमार्क और यूरोपीय संघ का दौरा करेगा.
  3. जनता दल यूनाइटेड के सांसद संजय कुमार झा का प्रतिनिधिमंडल जिसमें यूसुफ पठान, जॉन ब्रिटास और सलमान खुर्शीद शामिल हैं, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और सिंगापुर का दौरा करेगा.
  4. शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें बांसुरी स्वराज, सस्मित पात्रा, ईटी मोहम्मद बशीर और एसएस अहलूवालिया शामिल हैं, लाइबेरिया, सिएरा लियोन, कांगो और संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करेगा.
  5. कांग्रेस सांसद शशि थरूर एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जिसमें सरफराज अहमद, शांभवी, जीएम हरीश बालयोगी और मुरली देवड़ा शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल पनामा, गुयाना, कोलंबिया और संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करेगा.
  6. डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी जिसमें मियां अल्ताफ अहमद, राजीव राय और प्रेम चंद गुप्ता शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल लातविया, रूस, स्पेन, स्लोवेनिया और ग्रीस का दौरा करेगा.
  7. सुप्रिया सुले एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी और अनुराग सिंह ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी शामिल हैं, इथियोपिया, कतर, मिस्र और दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगा.

भारतीय सशस्‍त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, पाकिस्तान में सैन्य कार्रवाई

  • भारतीय सशस्‍त्र बलों ने आतंकवादियों के खात्मे के लिए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. यह अभियान हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया है.
  • पहलगाम हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है. रेजिस्टेंस फ्रंट पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है.
  • ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान तथा पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर स्थित कई आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया गया. इन ठिकानों से ही भारत के विरूद्ध आतंकी हमले की योजना बनाई गई थी.
  • आतंकवाद के विरुद्ध  भारतीय कार्यवाही के बाद पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए जिसे भारतीय डिफेन्स सिस्टम से हवा में ही निरस्त कर दिया. इसके जवाब में भारतीय हमलों से पाकिस्तान के कई एयर बेस को व्यापक क्षति पहुंची.
  • 10 मई को पाकिस्तान के सैन्य ऑपरेशन्‍स महानिदेशक ने युद्ध विराम का आह्वान किया जिसके बाद चर्चा हुई और गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर दोनों देशों के बीच सीधे तौर पर सहमति बनी.

पहलगाम में आतंकी हमला, भारत ने पाकिस्‍तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाये

  • जम्मू-काश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को कुछ आतंकवादियों ने कई पर्यटकों की हत्या कर दी. इस हत्या की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है.
  • भारत ने इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री आवास पर 23 अप्रैल को हुई मंत्रिमंडल की सुरक्षा कार्य समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई.
  • भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 का सिंधु जल समझौता रोक दिया गया है और तत्काल प्रभाव से अटारी एकीकृत सीमा चौकी बंद कर दी गयी है.
  • सार्क वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्‍तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं मिलेगी. उन्हें पहले से जारी वीजा़ रद्द माने जाएंगे. इस वीजा़ के तहत भारत में रह रहे पाकिस्‍तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ना होगा.
  • नई दिल्‍ली में पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग में रक्षा सलाहकारों को एक सप्ताह के अंदर भारत छोड़ना होगा. भारत भी अपने रक्षा सलाहकारों को इस्‍लामाबाद में भारतीय उच्‍चायोग से वापस बुला लेगा.
  • दोनों देशों के उच्‍चायोगों में यह पद रद्द माने जाएंगे. उच्‍चायोगों से सलाहकारों के पांच सहयोगी कर्मचारियों को भी हटाया जाएगा. 1 मई तक उच्‍चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से कम करके 30 की जाएगी.

भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 का सिंधु जल संधि निलंबित की

भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 का सिंधु जल संधि (IWT) निलंबित करने की घोषणा की है. यह निर्णय जम्मू-काश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुई आतंकी घटना के बाद लिया गया है.

क्या है सिंधु जल संधि?

  • सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में हुआ जल बंटवारा है. यह संधि 19 सितंबर 1960 को कराची में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान की उपस्थिति में हुए थे.
  • यह संधि सिंधु नदी और उसकी पाँच सहायक नदियों सतलज, ब्यास, रावी, झेलम और चिनाब के पानी के उपयोग और इससे संबंधित सूचना के आदान-प्रदान के निर्धारण के लिए किया गया था.
  • संधि के अनुसार पूर्वी नदियों – सतलुज, व्यास और रावि – पर पूर्ण नियंत्रण भारत को दिया गया था. जबकि पश्चिमी नदियों – सिंधु, झेलम और चिनाब – का जल पाकिस्तान को आवंटित किया गया था.
  • वहीं पश्चिमी नदियों के पानी के इस्तेमाल का कुछ सीमित अधिकार भारत को भी दिया गया था. जैसे बिजली बनाना, कृषि के लिए सीमित पानी.
  • इसी संधि में सिंधु आयोग भी स्थापित किया गया. इस आयोग के तहत दोनों देशों के कमिश्नरों के बीच किसी भी विवादित मुद्दे पर बातचीत का प्रावधान है.
  • जब कोई एक देश किसी परियोजना पर काम करता है और दूसरे को उस पर कोई आपत्ति है तो पहला देश उसका जवाब देगा. इसके लिए दोनों पक्षों की बैठकें होंगी.

भारत और पाकिस्तान ने परमाणु ठिकानों और कैदियों की सूची साझा की

भारत और पाकिस्तान ने 1 जनवरी 2023 को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और कैदियों की सूची का आदान प्रदान किया था. इन सूची का आदान-प्रदान नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यम से एक साथ किया गया.

भारत ने वर्तमान में देश की जेलों में बंद 339 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों और 95 पाकिस्तानी मछुआरों की सूची साझा की. इसी तरह, पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में 51 नागरिक कैदियों और 654 मछुआरों की सूची साझा की.

परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची संबंधी समझौता: एक दृष्टि

  • पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले पर प्रतिबंध संबंधी समझौते (Agreement on Prohibition of Attacks against Nuclear Installations and Facilities) के अनुच्छेद-2 के तहत यह सूची साझा की जाती है. इस समझौते के तहत दोनों देश हर वर्ष 1 जनवरी को इस सूची का आदान प्रदान करते हैं.
  • यह समझौता 31 दिसम्बर 1988 में किया गया था और 27 जनवरी 1991 से अमल में है. 1 जनवरी 1992 को पहली बार दोनों देशों ने एक दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची सौंपी थी.
  • दोनों देशों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद असैन्य कैदियों (civilian prisoners) की सूची का भी 1 जनवरी को आदान-प्रदान करते हैं. कैदियों की सूची का आदान-प्रदान 21 मई, 2008 को हुए राजनयिक पहुंच संबंधी समझौते के तहत किया जाता है.

भारत और पाकिस्तान ने परमाणु ठिकानों और कैदियों की सूची साझा की

भारत और पाकिस्तान ने 1 जनवरी को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और कैदियों की सूची का आदान प्रदान किया. इन प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यम से एक साथ किया गया. यह आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच परमाणु ठिकानों पर हमले के विरुद्ध समझौते (Agreement on Prohibition of Attacks against Nuclear Installations and Facilities) के तहत किया जाता है.

परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची संबंधी समझौता: एक दृष्टि

  • पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले पर प्रतिबंध संबंधी समझौते के अनुच्छेद-2 के तहत यह सूची साझा की जाती है. इस समझौते के तहत दोनों देश हर वर्ष 1 जनवरी को इस सूची का आदान प्रदान करते हैं.
  • यह समझौता 31 दिसम्बर 1988 में किया गया था और 27 जनवरी 1991 से अमल में है. 1 जनवरी 1992 को पहली बार दोनों देशों ने एक दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची सौंपी थी.
  • दोनों देशों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का भी 1 जनवरी को आदान-प्रदान करते हैं. कैदियों की सूची का आदान-प्रदान 21 मई, 2008 को हुए राजनयिक पहुंच संबंधी समझौते के तहत किया जाता है.

भारत और पाकिस्‍तान ने अपनी हिरासत में मौजूद नागरिकों की सूची का आदान-प्रदान किया

भारत और पाकिस्तान ने 1 जुलाई को एक-दूसरे को अपनी हिरासत में मौजूद कैदियों और मछुआरों की सूची का आदान-प्रदान किया. सूची का आदान-प्रदान नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यम से एक साथ किया गया.

भारत ने अपनी हिरासत में मौजूद 265 पाकिस्‍तानी आम नागरिकों और 97 मछुआरों की सूची सौंपी. पाकिस्‍तान ने अपनी हिरासत में मौजूद 54 आम नागरिकों और 270 मछुआरों की सूची सौंपी.

भारत और पाकिस्‍तान ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का आदान-प्रदान प्रत्‍येक वर्ष पहली जनवरी और पहली जुलाई को करते हैं. कैदियों की सूची का आदान-प्रदान 21 मई, 2008 को हुए राजनयिक पहुंच संबंधी समझौते के तहत किया जाता है.

IMD मौसम रिपोर्ट में पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को भी शामिल किया गया

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मौसम रिपोर्ट में पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र- मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान को शामिल किया जाना हाल के दिनों में चर्चा में रहा है.

दरअसल IMD ने जम्मू और कश्मीर के अपने मौसम संबंधी उप-मंडल का उल्लेख ‘जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद’ के रूप में करना शुरू किया है. इनमें मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के अंतर्गत आते हैं.

IMD द्वारा यह परिवर्तन 5 मई से उत्तर-पश्चिमी डिविजन के दैनिक पूर्वानुमान में दिखाई देना शुरू हुआ था. देश में इस समय 36 मौसम संबंधी उप-मंडल हैं. इन्हें राज्य की सीमाओं के साथ परिभाषित किया गया है.

उत्तर पश्चिम डिविजन के तहत 9 उप-मंडल (सबडिवीजन) आते हैं जिसमें जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली-चंडीगढ़-हरियाणा, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान शामिल हैं.

घटनाक्रम का महत्व

इस घटनाक्रम का महत्व ऐसे समय में काफी बढ़ जाता है जब भारत ने हाल ही एक बार फिर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि POK भारत का हिस्सा है. इसमें बगैर भारत की अनुमति के किसी तरह की छेड़खानी सहन नहीं की जाएगी.

IMD ने मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान के लिये मौसम पूर्वानुमान जारी करना तब शुरू किया गया है जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव की अनुमति दी थी.

पाकिस्तान और चीन का संयुक्त हित

  1. वर्तामान में पाकिस्तान, POK को देश का ‘स्वतंत्र हिस्सा’ मानता है. यहाँ पृथक सरकार चलती है. POK के अपने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति हैं.
  2. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (China–Pakistan Economic Corridor- CPEC), गिलगित-बाल्टिस्तान से होकर गुजरता है.
  3. POK के इस हिस्से में चीन तभी पूंजी निवेश करेगा, जब यह हिस्सा पूरी तरह पाकिस्तान के नियंत्रण में न आ जाए. यह यहाँ नई सरकार के गठन से ही यह संभव है.
  4. इस कारण पाकिस्तान ने POK के उपरी हिस्से गिलगित-बाल्टिस्तान को देश का पांचवां प्रदेश बनाने का मंसूबा तैयार किया है. अभी पाकिस्तान में चार प्रांत सिंध, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वाह और बलूचिस्तान हैं.

भारत और पाकिस्तान ने परमाणु ठिकानों और कैदियों की सूची साझा की

भारत और पाकिस्तान ने 1 जनवरी को एक-दूसरे को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और कैदियों की सूची सौंपी. इन प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यम से एक साथ किया गया. यह आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच परमाणु ठिकानों पर हमले के विरुद्ध समझौते (Agreement on Prohibition of Attacks against Nuclear Installations and Facilities) के तहत किया जाता है.

परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची संबंधी समझौता: एक दृष्टि

  • पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले पर प्रतिबंध संबंधी समझौते के अनुच्छेद-2 के तहत यह सूची साझा की जाती है. इस समझौते के तहत दोनों देश हर वर्ष 1 जनवरी को इस सूची का आदान प्रदान करते हैं.
  • यह समझौता 31 दिसम्बर 1988 में किया गया था और 27 जनवरी 1991 से अमल में है. 1 जनवरी 1992 को पहली बार दोनों देशों ने एक दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची सौंपी थी.
  • दोनों देशों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का भी 1 जनवरी को आदान-प्रदान करते हैं. कैदियों की सूची का आदान-प्रदान 21 मई, 2008 को हुए राजनयिक पहुंच संबंधी समझौते के तहत किया जाता है.

प्रधानमंत्री ने 550वें प्रकाश वर्ष पर करतारपुर गलियारे के उदघाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 9 नवम्बर को पंजाब में गुरूदासपुर के डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे की समन्वित जांच चौकी का उदघाटन किया. उन्‍होंने कहा कि करतारपुर गलियारे के खुलने के बाद दरबार साहिब गुरूद्वारा पर मत्‍था टेकना सरल हो जायेगा. उन्‍होंने भारत की इस भावना को समझने के लिए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का धन्‍यवाद किया.

प्रधानमंत्री नानक देव जी के 550वें प्रकाश वर्ष पर गुरुदासपुर के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे पहुंचे थे. उन्होंने सुल्‍तानपुर लोधी में गुरूद्वारा बेरसाहिब में मत्था टेका. यहाँ प्रधानमंत्री को शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति अमृतसर ने कौमी सेवा पुरस्कार प्रदान किया. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर 550 रूपये का एक यादगारी सिक्‍का और पांच यादगारी डाक टिकटें भी जारी कीं.

करतारपुर साहिब गलियारा (कोरिडोर): एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2018 में देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दी थी.
  • चार किलोमीटर से ज्‍यादा यह कोरिडोर पाकिस्तान (पंजाब प्रांत के नारोवल जिले) के करतारपुर में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक शाइन को जोड़ेगा.
  • करतारपुर दरबार साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है. यह पाकिस्तान के पंजाब में भारत-पाक सीमा से 3-4 किलोमीटर दूर स्थित है.
  • इसकी स्थापना सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देवजी द्वारा 1522 में की गयी थी. यहाँ गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे.

भारत ने ‘अंरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संस्था’ में पाकिस्तान की शिकायत की

भारत ने 28 अक्टूबर को ‘अंरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संस्था’ (International Civil Aviation Organisation) में पाकिस्तान की शिकायत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सऊदी अरब दौरे के लिए विमान को अपने एयरस्पेस से उड़ने की मंजूरी न देने के कारण यह शिकायत की गयी है.

यह दूसरा मौका है, जब पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान को अपने एयरस्पेस से उड़ने की अनुमति नहीं दी है. इससे पहले सितंबर में उनके अमेरिका दौरे के वक्त भी पाकिस्तान ने ऐसा ही किया था.

‘अंरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संस्था’ एक वैश्विक संस्था है. इसके नियमों के मुताबिक एक देश मंजूरी मांगता है और दूसरा देश इसकी अनुमति देता है.

भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किये

भारत और पाकिस्तान ने 24 अक्टूबर को करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. बाबा गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव पर डेरा बाबा नानक में जीरो प्वाइंट पर दोनों देशों के अधिकारियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 नवंबर को डेरा बाबा नानक सीमा पर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और 550 सदस्यों वाली पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

समझौते के मुख्य बिंदु

  1. समझौते के अनुसार सभी धर्मों के पांच हजार भारतीय श्रद्धालु और भारतीय मूल के लोग करतारपुर साहिब दर्शन के लिए वीजा मुक्त यात्रा कर सकेंगे. श्रद्धालुओं को अपने साथ केवल एक वैध पासपोर्ट लाना होगा.
  2. करतारपुर कॉरिडोर सुबह सूर्योदय से शाम तक खुला रहेगा. सुबह आने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम को लौटना होगा. यह गलियारा कुछ अधिसूचित दिनों के अलावा वर्ष भर खुला रहेगा.
  3. भारत, यात्रा से दस दिन पहले श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्‍तान को भेजेगा और पाकिस्‍तान से यात्रा से चार दिन पहले श्रद्धालुओं की अंतिम सूची जारी की जायेगी.
  4. समझौते से पहले भारत ने पाकिस्तान की ओर से प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर का शुल्क लगाने के फैसले को लेकर उनसे पुनर्विचार करने के लिए कहा है. हालांकि इस कॉरिडोर की अहमियत के मद्देनजर फिलहाल मौजूदा सहमतियों के साथ आगे बढ़ने का फैसला भी किया गया.

करतारपुर साहिब गलियारा (कोरिडोर): एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2018 में देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दी थी.
  • चार किलोमीटर से ज्‍यादा यह कोरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक शाइन को जोड़ेगा.
  • करतारपुर दरबार साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है. यहाँ गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे.