SIPRI 2024 रिपोर्ट: भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश

स्वीडन की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI)  ने वैश्विक हथियारों की खरीद से संबंधित एक रिपोर्ट 11 मार्च 2024 को जारी किए थे. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत पिछले 5 वर्षों (2019-2023) में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा है.

SIPRI रिपोर्ट 2024: मुख्य बिन्दु

  • यूरोप का हथियार आयात 2014-2018 की तुलना में 2019-2023 में दोगुना हो गया. इसका सबसे बड़ा कारण रूस और यूक्रेन की जंग को माना जा रहा है.
  • 2019-2023 की अवधि में अमेरिका का हथियारों का निर्यात भी 17 फीसदी बढ़ गया है. हालांकि रूस जो कि हथियारों के निर्यात में परंपरागत रूप से बड़ा देश माना जाता रहा है, उसके निर्यात में बड़ी गिरावट हुई है. रूस हथियार बेचने के मामले में अमेरिका और फ्रांस के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.
  • फ्रांस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 47 फीसदी बढ़ा है. फ्रांस के हथियार का सबसे बड़ा खरीदार भारत रहा है, जो फ्रांस के कुल निर्यात का करीब 30 फीसदी रहा.
  • रूस जब से यूक्रेन के साथ जंग में उलझा, तभी से हथियारों का निर्यात कम हो गया. रूस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 53 फीसदी तक गिर गया है. रूस के हथियारों में 34 फीसदी भारत ने खरीदे.
  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है. 2014-18 और 2019-23 के बीच भारत का हथियार आयात 4.7 फीसदी बढ़ा. 2019-2023 की अवधि के दौरान कुल वैश्विक हथियार आयात में भारत की हिस्सेदारी 9.8 प्रतिशत थी.
  • दुनिया का शीर्ष हथियार आयातक बने रहने के बावजूद, 2013-17 और 2018-22 के बीच भारत के आयात में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस गिरावट का मुख्य कारण स्थानीय डिजाइनों से बदलने के प्रयासों को माना गया.
  • भारत ने सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदे. भारत के कुल हथियार आयात का यह 36 फीसदी रहा. 1960-64 के सोवियत समय के बाद यह पहली बार है जब भारत के हथियार आयात में रूस की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम है.
  • रिपोर्टके अनुसार पाकिस्तान के हथियार खरीदने में 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. 2019-23 में पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा. सबसे ज्यादा 82 फीसदी हथियार पाकिस्तान ने चीन से खरीदे.
  • दुनिया में हथियारों के सबसे बड़े खरीदार: भारत (9.8%), सऊदी अरब (8.4%), कतर (7.6%), यूक्रेन (4.9%), पाकिस्तान (4.3%), जापान (4.1%), मिस्र (4.0 %), ऑस्ट्रेलिया (3.7%), दक्षिण कोरिया (3.1%) और चीन (2.9%).