भारत में तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई

भारत में हाल ही में तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 मार्च 2024 को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए इन परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी.

सेमीकंडक्टर परियोजनाएं: मुख्य बिन्दु

ये सेमीकंडक्टर परियोजनाएं भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत आती हैं. इन परियोजनाओं की लागत करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये है. ये परियोजनाएं गुजरात के धोलेरा, साणंद, और असम के मोरीगांव में स्थापित की जाएंगी.

ये परियोजनाएं भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब में बदलने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और देश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हैं. इन परियोजनाओं से सेमीकंडक्टर इको-सिस्टम मजबूत होगा.

1. धोलेरा

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) द्वारा धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (DSIR) में भारत का पहला वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब (fabrication plant) स्थापित होगा. यह देश का पहला वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब होगा.

यह परियोजना टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) द्वारा ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (PSMC) के साथ साझेदारी में स्थापित किया जाएगा. इस परियोजना पर 91,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा.

2. मोरीगांव

सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) द्वारा असम के मोरीगांव में आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) सुविधा स्थापित की जाएगी. इस पर कुल निवेश लगभग 27,000 करोड़ रुपये का होगा.

3. साणंद

इसी तरह सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड द्वारा साणंद में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) सुविधा स्थापित की जाएगी. इस पर कुल निवेश लगभग 7,500 करोड़ रुपये होगा.

भारत का सेमीकंडक्टर मिशन: एक दृष्टि

भारत को सेमीकंडक्टर उद्योग में अग्रणी बनाने के लिए सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई के लिए केंद्र सरकार ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन की स्थापना की है. इस मिशन का लक्ष्य भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है.