यून सुक-इयोल दक्षिण कोरिया के नए राष्‍ट्रपति चुने गए

दक्षिण कोरिया में विपक्ष के उम्‍मीदवार और पूर्व शीर्ष अधिवक्‍ता यून सुक-इयोल (Yoon Suk-yeol) को देश का नया राष्‍ट्रपति चुना गया है.

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए 9 मार्च को मतदान किया गया था. इस चुनाव में पीपल पावर पार्टी के उम्‍मीदवार यून सुक इयोल का मुकाबला उदारवादी सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार और ग्योंगी प्रांत के पूर्व गर्वनर उदारवादी ली जेई-म्युंग के बीच था.

यून के पक्ष में 48.6 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि इनके प्रतिद्वंदी डेमोक्रेटिक पार्टी के ली जेई-म्युंग को 47.8 प्रतिशत मत प्राप्‍त हुए. विजयी उम्मीदवार मई 2022 में राष्ट्रपति पद के तौर पर पांच साल का कार्यकाल संभालेगा.

रूस ने गैर मित्र देशों की सूची जारी की, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, यूक्रेन का नाम शामिल

रूस ने गैर मित्र देशों की सूची जारी की है. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व वाली सरकार ने उन देशों और क्षेत्रों की सूची को मंजूरी दे दी जो रूस, उसकी कंपनियों और उसके नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की है.

सूची में उन देशों और क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिन्होंने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं या शामिल हुए हैं. इस लिस्ट में अमेरिका, ब्रिटेन, यूक्रेन, जापान और यूरोपियन यूनियन के सदस्य देशों के नाम हैं. यूरोपियन यूनियन में 27 देश शामिल हैं.

सूची में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा, यूरोपीय संघ के सभी 27 देश, ब्रिटेन, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, अल्बानिया, आइसलैंड, नॉर्वे, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ताइवान के नाम हैं.

FATF की बैठक: UAE ग्रे लिस्ट में शामिल, पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का वर्चुअल सत्र 1-4 मार्च को पेरिस में आयोजित की गयी थी. सत्र की अध्यक्षता जर्मनी के डॉक्‍टर मार्कस प्लीयर ने की थी. इसमें दुनियाभर के दो सौ ज्‍यादा सदस्‍यों और पर्यवेक्षक संगठनों ने हिस्‍सा लिया था. इनमें अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष, संयुक्‍त राष्‍ट्र और एगमोंट ग्रुप ऑफ फाइनेंशियल इंटेलिजेंस इकाइयां शामिल थीं.

बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. आठ बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है. FATF ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को भी अपनी ग्रे लिस्ट में शामिल किया है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी: Dr. Marcus Pleyer

जापान ने हाइड्रोजन इंधन से चलने वाली ट्रेन विकसित किया

जापान ने हाइड्रोजन इंधन (Hydrogen Fuel) से चलने वाली ट्रेन विकसित किया है. जापान में मार्च 2022 में इस ट्रेन का परीक्षण किया जायेगा. इसकी कमर्शियल सर्विसेज साल 2030 में शुरू होने की संभावना है.

मुख्य बिंदु

  • यह जापान के पहली हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन है. जो 2050 तक कार्बन न्यूट्रल (Carbon Neutral) बनने के देश के लक्ष्य की ओर एक कदम है.
  • जापान का लक्ष्य साल 2050 तक एक प्रमुख क्लीन एनर्जी सोर्स के रूप में हाइड्रोजन (क्लीन एनर्जी सोर्स) के उपयोग की मात्रा को 20 मिलियन टन तक बढ़ाना है.
  • दो कार ‘हाइबारी’ ट्रेन (Hybari Train) की लागत लगभग 35 मिलियन डॉलर (4 बिलियन येन) है और यह एक बार हाइड्रोजन भरने के बाद 140 किलोमीटर (87 मील) तक 100 किमी/घंटा की टॉप स्पीड से यात्रा कर सकती है.
  • ईस्ट जापान रेलवे कंपनी (East Japan Railway Co) ने टोयोटा मोटर और हिताची के साथ मिलकर हाइड्रोजन चालित ट्रेन को विकसित किया है.
  • अब तक यूरोप हाइड्रोजन ट्रेनों में अग्रणी रहा है. जर्मनी में साल 2018 में अलस्टॉम एसए (Alstom SA) द्वारा बनाई गई दुनिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन शुरू हुई. सीमेंस एजी (Siemens AG) और ड्यूश बहन एजी (Deutsche Bahn) नई रीजनल ट्रेनें और स्पेशल फ्यूलिंग स्टेशन विकसित कर रहे हैं और 2024 में उनका परीक्षण करेंगे.

यूक्रेन-रूस तनाव: यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्‍वतंत्र देश के रूप में मान्‍यता

रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन से अलग हुए क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्‍वतंत्र देश के रूप में मान्‍यता देने की घोषणा की है. ये दोनों पूर्वी यूक्रेन के क्षेत्र थे. राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों क्षेत्रों के स्वतंत्रता की मान्यता देने के बाद वहां सैनिक टुकड़ियां तैनात कर दी है.

रूस के इस कदम के बाद बाद से यूक्रेन और रूस के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस के साथ सभी राजनीयिक संबंध तोड़ने की बात कही है. रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा (Russia Annexed Crimea From Ukraine) कर लिया था. जिसके बाद से ही दोनों देशों में तनाव बरकरार है.

अमरीका और यूरोप ने उनके इस कदम की निंदा की है और नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. यूक्रेन के दो इलाकों डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्वघोषित पीपुल्स रिपब्लिक की मान्यता देने पर अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी है.

डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र क्या हैं?

डोनेट्स्क और लुहान्स्क पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा हैं. इन इलाकों को सम्मिलित रूप से डोनबास क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. इस इलाके में रूस के समर्थन वाले अलगाववादियों का कब्जा है. ये इलाके 2014 से ही यूक्रेनी सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं और खुद को स्वतंत्र पीपुल्स रिपब्लिक घोषित किया हुआ है. हालांकि, इन इलाकों को रूस और बेलारूस ने ही मान्यता दी है. डोनबास क्षेत्र में जारी संघर्ष में अबतक कई लोगों की मौत हो चुकी है.

डोनबास क्षेत्र में रूसी भाषी नागरिकों की संख्या ज्यादा है. ये लोग खुद को रूस के ज्यादा नजदीक मानते हैं, वहीं यूक्रेनी सरकार इन्हें अलगाववादियों के रूप में देखती है.

मिन्स्क शांति प्रक्रिया क्या है?

यूक्रेन और रूसी समर्थित अलगाववादियों के बीच हुए समझौते को मिन्स्क शांति प्रक्रिया नाम से जानते हैं. यह समझौता दो चरणों में हुआ था.

पहले चरण में यूक्रेन और रूसी समर्थित अलगाववादियों ने सितंबर 2014 में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में 12-सूत्रीय युद्धविराम समझौते पर सहमति व्यक्त की थी. इसके प्रावधानों में कैदियों की अदला-बदली, मानवीय सहायता और भारी हथियारों की वापसी पर सहमति बनी थी.

दूसरे चरण में फरवरी 2015 में रूस, यूक्रेन, यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन (OSCE) के प्रतिनिधियों और दो रूसी समर्थक अलगाववादी क्षेत्रों के नेताओं ने मिन्स्क में 13-सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

रूस की यूक्रेन के इलाकों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता मिन्स्क शांति प्रक्रिया का उल्लंघन करती है. हालांकि, इस शांति प्रक्रिया को अभी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है.

पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया

अमेरिका समेत अधिकतर पश्चिमी देश रूस के खिलाफ हैं. ब्रिटेन ने रूस के पांच बैंकों और तीन बड़े बिजनेसमैन के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की है. जर्मनी ने भी नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन प्रॉजेक्ट को रद्द करने के संकेत दिए हैं. अमेरिका और यूरोपीय यूनियन भी रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की तैयारी में जुटा हुआ है. अमेरिका ने रूस के इस कदम को यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया है.

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का आपात सत्र

यूक्रेन-रूस तनाव पर 22 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का आपात सत्र आयोजित किया गया था. यह बैठक यूक्रेन ने अमरीका और ब्रिटेन के साथ मिलकर बुलाई थी.

इस आपात बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने हिस्सा लिया था. बैठक में भारत ने यूक्रेन-रूस संकट का परस्‍पर स्‍वीकार्य समाधान निकालने पर बल दिया है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है.

रूस और यूक्रेन के बीच विवाद क्यों?

यूक्रेन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का सदस्य देश बनना चाहता है और रूस इसका विरोध कर रहा है. नाटो अमेरिका और पश्चिमी देशों के बीच एक सैन्य गठबंधन है. नाटो देश यूक्रेन को पश्चिमी देशों का सैन्य अड्डा बनाना चाहता है.

रूस, यूक्रेन के साथ 450 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है. अब रूस के सामने चुनौती यह है कि उसके कुछ पड़ोसी देश पहले ही NATO में शामिल हो चुके हैं. इनमें एस्टोनिया और लातविया जैसे देश हैं, जो पहले सोवियत संघ का हिस्सा थे. अब अगर यूक्रेन भी NATO का हिस्सा बन गया तो रूस हर तरफ से अपने दुश्मन देशों से घिर जाएगा और अमेरिका जैसे देश उस पर हावी हो जाएंगे.

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) क्या है?

नाटो या NATO, North Atlantic Treaty Organization (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का संक्षिप्त रूप है. यह 30 यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों का एक सैन्य गठबन्धन है जो रूसी आक्रमण के खिलाफ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में बनाया गया था. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. नाटो सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत बाहरी हमले की स्थिति में सदस्य देश सहयोग करते हैं.

नाटो के सदस्य देश

मूल रूप से नाटो में 12 सदस्य (फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं. सबसे हालिया सदस्य उत्तर मैसेडोनिया है जिसे 2020 में संगठन में जोड़ा गया था.

नाटो के अन्य सदस्य देश- ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया, अल्बानिया और क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो और उत्तर मैसेडोनिया.

अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर जर्मनी के म्यूनिख में सुरक्षा सम्मेलन सम्मेलन

जर्मनी के म्यूनिख में 18-20 फरवरी को सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में 70 से अधिक देशों के 350 से अधिक नेताओं और अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

नाटो और यूरोपीय संघ के वरिष्ठ राजनेताओं, राजनयिकों, सैन्य और सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ-साथ भारत, चीन, जापान, ईरान और रूस जैसे अन्य देशों को इस सम्मेलन में रक्षा और सुरक्षा नीतियों में मौजूदा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया गया था.

सम्मेलन में भारत

विदेश मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था. विदेश मंत्री जर्मनी और फ्रांस की छह दिवसीय यात्रा के दौरान इस सम्मेलन जर्मनी यात्रा के दौरान डॉ. जयशंकर हिन्‍द प्रशांत पर एक परिचर्चा में भी भाग लेंगे.

इस सम्मेलन के दौरान यूरोप, एशिया और दुनिया के अन्‍य देशों के मंत्रियों के साथ बैठक की. डॉ. जयशंकर ने रोमानिया, मंगोलिया और स्‍वीडन के विदेश मंत्रियों तथा अन्‍य प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.

मुख्य बिंदु

  • रोमानिया के विदेश मंत्री बोगदान ऑरेस्कु के साथ बैठक में डॉ. जयशंकर ने गतिशीलता, साइबर, अंतरिक्ष, रक्षा, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य के मुद्दों पर चर्चा की.
  • स्वीडन विदेश मंत्री एन लिंडे के साथ, विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति और संबंधित राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की.
  • डॉ. एस. जयशंकर और मंगोलिया के विदेश मंत्री बत्सेत्सेग बटमुंख ने ऊर्जा, आईटी और कोयला क्षेत्रों सहित विभिन्न मुद्दों पर सहयोग पर चर्चा की.
  • विदेश मंत्री ने यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ भी मुलाकात की और पारदर्शिता, विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला और विश्व व्यवस्था पर चर्चा की. उन्होंने मजबूत भारत-यूरोपीय संघ सहयोग के लिए प्रतिबद्धता दोहराई.
  • इससे पहले डॉ. एस. जयशंकर ने सिंगापुर के रक्षा मंत्री एनजी इंग हेन (Ng Eng Hen) से मुलाकात की. उन्होंने द्विपक्षीय और आसियान से संबंधित रक्षा सहयोग तथा महत्‍वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की. विदेश मंत्री ने अमरीका के पूर्व रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से भी मुलाकात की.

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन: एक दृष्टि

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर चर्चा के लिए प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है. यह सम्मेलन सिर्फ बहस के लिए प्रयोग किया जाता है; अंतर-सरकारी निर्णयों को बाध्य करने के लिए यह कोई प्राधिकरण नहीं है.

फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर जर्मनी के पुनः राष्ट्रपति चुने गए

जर्मनी के मौजूदा राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर (Frank Walter Steinmeier) को अगले पांच सालों के लिए फिर से राष्ट्रपति चुन लिया गया है. राष्ट्रपति के रूप में यह उनका दूसरा कार्यकाल है. जर्मनी की संसद के निचले सदन के सदस्यों और 16 प्रांतों के प्रतिनिधियों से बनी विशेष एसेंबली की ओर से बड़े बहुमत से स्टीनमीयर को राष्ट्रपति चुना.

फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) के सदस्य हैं. वह 2017 में पहली बार राष्ट्रपति चुने गये थे. इससे पहले वो एंजेला मर्केल के चांसलर रहने के दौरान विदेश मंत्री थे.

जर्मनी में राष्ट्रपति और चांसलर

जर्मनी में राष्ट्रपति के पास कार्यकारी शक्तियां तो नहीं हैं, लेकिन वो एक अहम नैतिक प्राधिकार होते हैं. वह देश का मुखिया होता है. राष्ट्रपति के पास महासंघ की ओर से क्षमादान देने का विशेषाधिकार भी होता है. जर्मन राष्ट्रपति लगातार दो कार्यकाल (पांच वर्ष) के लिए चुने जा सकते हैं.

1949 के संविधान (मूल कानून) के अनुसार, जर्मनी में सरकार की संसदीय प्रणाली है, जहां चांसलर सरकार का मुखिया होता है. अधिकतर कार्यकारी शक्तियां चांसलर के पास होते हैं. ओलाफ शोल्ज जर्मनी के वर्तमान चांसलर हैं.

नेपाल के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में महाभियोग प्रस्ताव

नेपाल में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा के खिलाफ 13 फरवरी को महाभियोग प्रस्ताव लाया गया. जस्टिस बनने वाले राणा को 2 जनवरी 2019 को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. इस प्रस्ताव के आते ही वह पद से स्वत: निलंबित हो गए हैं. इस बीच जस्टिस दीपक कुमार कर्की को कार्यवाहक चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है.

मुख्य बिंदु

  • सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल नेपाली कांग्रेस, माओवादी समेत अन्य दलों के 98 सांसदों ने उनके खिलाफ प्रस्ताव संसद सचिवालय में पेश किया. खास बात यह है कि चीफ जस्टिस राणा के फैसले से ही देश में मौजूदा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में सरकार बनी थी.
  • यह महाभियोग प्रस्ताव अदालत के सही ढंग से काम नहीं कर पाने और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप के कारण लाया गया है. प्रस्ताव में मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. इसमें लोकतंत्र को सुरक्षित रखने, मानवाधिकारों, कानून के नियमों, न्यायिक स्वतंत्रता व निष्पक्षता को बनाए रखने में नाकामी के आरोप हैं.
  • मुख्य न्यायाधीश पर कार्यालय आने पर पाबंदी और इस्तीफे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश और वकील पिछले कई दिनों से धरना दे रहे थे. प्रदर्शनकारी उन पर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगा रहे हैं.
  • यदि महाभियोग प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा या संसद में मौजूद सदस्यों की कुल संख्या के कम से कम दो तिहाई बहुमत से पास हो जाता है तो मुख्य न्यायाधीश को उनके पद से हटा दिया जाएगा. इससे पहले 2017 में तत्कालीन चीफ जस्टिस सुशीला कर्की के खिलाफ भी महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था.

अमेरिका ने बहुप्रतीक्षित हिंद प्रशांत नीति जारी की

अमेरिका ने बहुप्रतीक्षित हिंद प्रशांत नीति जारी कर दी है. यह नीति अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने 10 फरवरी को जारी की थी. इस नीति में हिंद प्रशांत नीति में चीन की हठधर्मिता, महामारी तथा जलवायु परिर्वतन सहित क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया गया है. इसमें भारत की भूमिका, अमरीका भारत के रिश्ते का महत्वपूर्ण तत्व है.

अमेरिकी हिंद प्रशांत नीति: मुख्य बिंदु

  • अमरीका ऐसा हिंद प्रशांत क्षेत्र चाहता है जो मुक्त, खुला, जुड़ा हुआ, खुशहाल, सुरक्षित तथा हर परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हो.
  • अमरीका भारत के उत्थान और क्षेत्रीय नेतृत्व को समर्थन देना तथा विभिन्न मुद्दों पर भारत के साथ परस्पर ढंग से और अन्य  समूहों के जरिए सहयोग करना जारी रखेगा.
  • इसमें भारत को क्वाड समूह में “एक जैसी सोच वाले साझीदार” तथा “संवाहक शक्ति” के रूप में उल्लेखित किया गया है.
  • नीति के अनुसार पिछले प्रशासन की नीतियों को जारी रखा गया है. इसमें चीन से उत्पन्न चुनौतियों, भारत के साथ प्रमुख रक्षा भागीदारी तथा समूचे क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में उसकी भूमिका का समर्थन करना शामिल है.

रूस और बेलारूस ने संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया

रूस और बेलारूस ने 10 फरवरी को संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया है. इस अभ्यास में 30 हजार से अधिक रूसी सैनिक अगले 10 दिनों तक सैन्य अभ्यास करेंगे. टैंक, लड़ाकू विमान और S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के साथ ही हजारों सैनिक बेलारूस में 20 फरवरी तक ‘एलाइड रिजॉल्यूशन 2022’ अभ्यास में भाग ले रहे हैं.

मुख्य बिंदु

  • युद्ध अभ्यास यूक्रेन के साथ ही पोलैंड और लिथुआनिया के पास किए जा रहे हैं. पोलैंड और लिथुआनिया नाटो के सदस्य हैं.
  • यह युद्ध अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है जब रूस ने एक लाख से अधिक सैनिक यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात किए हुए हैं.
  • इस अभ्यास को लेकर अमेरिका और नाटो ने चिंता जताई है. नाटो ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन पर हमला करने से पहले रूस युद्ध अभ्यास कर रहा है.
  • यूक्रेन ने इसके जवाब ने स्वयं का 10 दिनों का अभ्यास शुरू किया है. यूक्रेन के अभ्यास में करीब 10,000 सैनिक शामिल हैं.
  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मॉस्को को धमकी दी है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो क्रेमलिन पर ऐसे-ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देखे नहीं होंगे.

अमेरिका ने बहुप्रतीक्षित हिंद प्रशांत नीति जारी की

अमेरिका ने बहुप्रतीक्षित हिंद प्रशांत नीति जारी कर दी है. यह नीति अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने 10 फरवरी को जारी की थी. इस नीति में हिंद प्रशांत नीति में चीन की हठधर्मिता, महामारी तथा जलवायु परिर्वतन सहित क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया गया है. इसमें भारत की भूमिका, अमरीका भारत के रिश्ते का महत्वपूर्ण तत्व है.

अमेरिकी हिंद प्रशांत नीति: मुख्य बिंदु

  • अमरीका ऐसा हिंद प्रशांत क्षेत्र चाहता है जो मुक्त, खुला, जुड़ा हुआ, खुशहाल, सुरक्षित तथा हर परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हो.
  • अमरीका भारत के उत्थान और क्षेत्रीय नेतृत्व को समर्थन देना तथा विभिन्न मुद्दों पर भारत के साथ परस्पर ढंग से और अन्य  समूहों के जरिए सहयोग करना जारी रखेगा.
  • इसमें भारत को क्वाड समूह में “एक जैसी सोच वाले साझीदार” तथा “संवाहक शक्ति” के रूप में उल्लेखित किया गया है.
  • नीति के अनुसार पिछले प्रशासन की नीतियों को जारी रखा गया है. इसमें चीन से उत्पन्न चुनौतियों, भारत के साथ प्रमुख रक्षा भागीदारी तथा समूचे क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में उसकी भूमिका का समर्थन करना शामिल है.

ऑस्ट्रेलिया में कोआला प्रजाति को लुप्तप्राय सूची में शामिल किया गया

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने आधिकारिक तौर पर प्रतिष्ठित कोआला (Koala) प्रजाति को लुप्तप्राय सूची में शामिल कर लिया है. सरकार ने संकटग्रस्त प्रजाति समिति की सिफारिश पर ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र न्यू साउथ वेल्स और क्वीनंसलैंड में कोआला आबादी की स्थिति को देखते हुए उसे लुप्तप्राय घोषित किया है. इससे पहले कोआला को कमजोर प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.

सरकार द्वारा प्रजातियों की मदद के लिए पांच करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (3.57 करोड़ अमेरिकी डॉलर) की रकम जारी करने के बाद यह घोषणा की गई है.

पर्यावरण समूहों ने वर्ष 2019-20 में जंगल में लगी भीषण आग के बाद से कोआला को लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अभियान चलाया है, गौरतलब है कि इस आग में करीब 60,000 कोआला प्रभावित हुए थे या मारे गए थे.

कोआला क्या है?

कोआला, ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक जानवर है. यह प्रजाति न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स में रहती है. यह अपने मोटे, बड़े सिर, बिना पूंछ वाले शरीर, गोल  कानों और बड़ी, चम्मच के आकार की नाक से पहचानी जाती है. इसके शरीर की लंबाई 60-85 सेंटीमीटर होती है जबकि वजन 4-15 किलोग्राम होता है.