रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मंजूरी दी

रिजर्व बैंक ने वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2.11 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है. रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 22 मई को मुंबई में हुई 608वीं बैठक में इसे मंजूरी दी गई. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आकस्मिक जोखिम बफर को 6.50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया.

मुख्य बिन्दु

  • आकस्मिक बफर जोखिम से तात्पर्य उस धनराशि से है जो आरबीआई को अपनी वर्तमान देनदारियों (जैसे दिन-प्रतिदिन की लागत, कर्मचारी वेतन, आदि) को पूरा करने और मौद्रिक और विदेशी मुद्रा कार्यों जैसे अपने वैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए बनाए रखना होता है.
  • आरबीआई ने भारत सरकार के परामर्श से 2018 में आरबीआई के आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया. समिति की अध्यक्षता बिमल जालान ने की.
  • आरबीआई ने 26 अगस्त 2019 को जालान समिति की सिफारिश को अपनाया था.
  • बिमल जालान समिति ने सिफारिश की थी कि आरबीआई को एक आकस्मिक बफर जोखिम बनाए रखना होगा जो उसके बैलेंस शीट का 6.5 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत होगा.
  • समिति ने आकस्मिक बफर जोखिम बनाने के बाद बाकी अधिशेष केंद्र सरकार को लाभांश को रूप में हस्तांतरित कर देने की सिफारिश की थी.
  • कोरोना महामारी के कारण, आरबीआई ने 2018-19 से 2021-22 तक अपनी बैलेंस शीट का 5.5 प्रतिशत का आकस्मिक बफर जोखिम बनाए रखा.
  • मजबूत आर्थिक विकास के कारण, आकस्मिक बफर जोखिम को 2022-23 में 6 प्रतिशत और 2023-24 में 6.5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था.