नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड ने फ़िलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की घोषणा की
नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड ने फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है. यह मान्यता आधिकारिक रूप से 28 मई 2024 से प्रभावी होगी. इजरायली सरकार ने इस कदम की निंदा की है, जबकि फिलिस्तीनियों ने इसका स्वागत किया.
मुख्य बिन्दु
- नॉर्वे के प्रधान मंत्री, जोनास गहर स्टोरे ने कहा कि फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दिए बिना क्षेत्र में कोई शांति नहीं हो सकती है.
- स्पेन के प्रधान मंत्री पेड्रो सांचेज़ ने भी अपने देश की संसद में फ़िलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की घोषणा की
- आयरलैंड के प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने कहा कि यह स्पेन और नॉर्वे के यह एक साथ समन्वित कदम था और इसका उद्देश्य दो-राष्ट्र समाधान के माध्यम से इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष को हल करने में मदद करना था.
- बेंजामिन नेतन्याहू की इजरायली सरकार ने स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे के कदम की निंदा की और इन तीन देशों से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया.
- इज़राइल के धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री, इतामार बेन ग्विर ने यरूशलेम के अल अक्सा मस्जिद परिसर का दौरा किया, और घोषणा की कि विवादित पवित्र स्थल केवल इज़राइल राज्य का है.
- पुराने येरूशलम शहर में स्थित अल अक्सा मस्जिद इजराइल के नियंत्रण में है. इस मस्जिद को मक्का और मदीना के बाद मुसलमानों का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है.
- जिस पहाड़ी की चोटी पर अल अक्सा मस्जिद स्थित है, उसे यहूदी भी पवित्र मानते हैं. इस स्थान को लेकर दोनों समुदायों को बीच में हिंसक संघर्ष भी होते रहते हैं.
कितने देश फ़िलिस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता देते हैं?
- संयुक्त राष्ट्र के 193 देशों में से लगभग दो तिहाई सदस्य फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं, जिसमें भारत, रूस और चीन जैसे देश भी शामिल हैं.
- अल्जीरिया दुनिया का पहला देश था जिसने दो-राष्ट्र समाधान, फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी थी.
- संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, अधिकांश पश्चिमी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया ने फ़िलिस्तीन को मान्यता नहीं दी है.
- अप्रैल 2024 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीनी के पूर्ण संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्य बनने के प्रयास को रोकने के लिए अपने वीटो का भी इस्तेमाल किया था.
भारत और फ़िलिस्तीन
- भारत ने 1988 में फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने वाले दुनिया के पहले कुछ देशों में से एक था. भारत ने 1996 में गाजा शहर में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोला जिसे बाद में 2003 में पश्चिमी तट के रामल्लाह में स्थानांतरित कर दिया गया.
- 2011 में फ़िलिस्तीन को यूनेस्को के सदस्य के रूप में शामिल किया गया था. भारत ने फ़िलिस्तीन को यूनेस्को के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने के पक्ष में मतदान किया था.
- भारत, 29 नवंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किए गए प्रस्ताव का सह-प्रायोजक था, जिसने फिलिस्तीन को मतदान के अधिकार के बिना संयुक्त राष्ट्र में ‘गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य’ के रूप में स्वीकार करने का प्रस्ताव किया गया था.
- इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद फिलिस्तीन को मतदान के अधिकार के बिना संयुक्त राष्ट्र में ‘गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य का दर्जा मिला हुआ है.
- सितंबर 2015 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में पहली बार फिलिस्तीनी झंडा आधिकारिक तौर पर फहराया गया.