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विश्व आर्थिक मंच की 55वीं वार्षिक बैठक दावोस में आयोजित की गई

  • विश्व आर्थिक मंच (WEF) की 55वीं वार्षिक बैठक 20 से 24 जनवरी तक स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित की गई थी.
  • बैठक के दौरान समावेशी विकास, सामाजिक, भौतिक और डिजिटल बुनियादी सुविधाओं में निवेश जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई.
  • विश्‍व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक वैश्विक नेताओं के लिए प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रि‍य चुनौतियों पर विचार करने का एक मंच है.

विश्व आर्थिक मंच की 55वीं बैठक में भारत

  • इस सम्‍मेलन में भारत की ओर से पांच केंद्रीय मंत्रियों (अश्विनी वैष्‍णव, सीआर पाटिल, के राममोहन नायडू, चिराग पासवान तथा जयंत चौधरी) ने भाग लिया.
  • भारत के छह राज्य आंध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्‍तर प्रदेश और केरल के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी शामिल हुए थे.
  • इस बैठक में भारत की भागीदारी का उद्देश्य साझेदारी को मजबूत करना, निवेश आकर्षित करना और देश को सतत विकास और तकनीकी नवाचार में वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करना है.
  • प्रमुख क्षेत्रों में उल्लेखनीय विकास सहित भारत की प्रभावी आर्थिक वृद्धि दर ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा है. इस आयोजन में समावेश विकास और डिजिटल क्रांति के भारतीय मॉडल का विशेष रूप से उल्लेख हुआ.

महाराष्ट्र सरकार ने 54 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

  • महाराष्ट्र सरकार ने विश्व आर्थिक मंच की इस बैठक के दौरान 15.7 लाख करोड रुपये के 54 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
  • सबसे बड़ा समझौता ज्ञापन रिलायंस समूह के साथ हस्ताक्षरित हुआ, जिसने पेट्रोकेमिकल्स, पॉलिएस्टर, नवीकरणीय ऊर्जा, बायोएनर्जी, हरित हाइड्रोजन, दूरसंचार, डेटा केंद्र, आतिथ्य और रियल एस्टेट में निवेश के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा है.
  • महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के लक्ष्य पर जोर दिया.

विश्व आर्थिक मंच (WEF)

  • विश्व आर्थिक मंच (WEF) एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संगठन है. यह सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिए काम करता है. इसके संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस शवाब हैं.
  • जर्मन अर्थशास्त्री क्लॉस श्वाब ने एक गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में 1971 में WEF की स्थापना की थी. WEF का मुख्यालय कोलोनी, स्विट्जरलैंड में है.

WEF के ऊर्जा संक्रमण सूचकांक में भारत 63वें और स्वीडन शीर्ष स्थान पर

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने 19 जून को वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (Global Energy Transition Index) रिपोर्ट जारी की थी. इस सूचकांक में भारत को 63वां स्थान दिया गया है. स्वीडन सूचकांक में शीर्ष पर रहा, जिसके बाद डेनमार्क, फिनलैंड, स्विट्जरलैंड और फ्रांस शीर्ष पांच में रहे. चीन को 20वां स्थान दिया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • सूचकांक में सर्वेक्षण किए गए 120 देशों में से भारत को 63वें स्थान पर रखा गया है. पिछले साल भारत 67वें स्थान पर था. रिपोर्ट के अनुसार भारत ने ऊर्जा समानता, सुरक्षा और स्थिरता के मामले में उल्लेखनीय सुधार किया है.
  • 120 देशों में से 107 देशों ने पिछले दशक में अपनी ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में प्रगति की है. हालाँकि, आर्थिक अस्थिरता, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और तकनीकी बदलाव के कारण ऊर्जा संक्रमण की गति धीमी रही है.
  • WEF ने सौर ऊर्जा जैसे गैर-जीवाश्म-आधारित ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहल की सराहना की है.
  • भारत और चीन, जिनकी आबादी, वैश्विक आबादी की लगभग एक-तिहाई है, वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
  • WEF वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक, ऊर्जा उत्पादन के कारण कार्बन डाइऑक्साइड गैसों के उत्पादन में कमी को प्रोत्साहित करने, गैर-जीवाश्म-आधारित बिजली (जैसे सौर, पवन, छोटे पनबिजली संयंत्र, आदि) संयंत्रों को प्रोत्साहित करने तथा समग्र ऊर्जा तीव्रता में कमी लाने के लिए सरकारी नीतियों और उनकी प्रभावशीलता को ट्रैक करता है.

विश्व आर्थिक मंच (WEF)

  • विश्व आर्थिक मंच (WEF) एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संगठन है. यह सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिए काम करता है. इसके संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस शवाब हैं.
  • जर्मन अर्थशास्त्री क्लॉस श्वाब ने एक गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में 1971 में WEF की स्थापना की थी. WEF का मुख्यालय कोलोनी, स्विट्जरलैंड में है.

WEF यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक: भारत 36वें स्थान पर

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हाल ही में के यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (Travel & Tourism Development Index) 2024 की रैंकिंग जारी की थी. 119 देशों के इस सूचकांक में अमेरिका को पहला और भारत को 36वां स्थान दिया गया है.

यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक: मुख्य बिन्दु

  • यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (TTDI) प्रत्येक देश की यात्रा और पर्यटन उद्योग को विकसित करने और बनाए रखने की क्षमता को दर्शाती है.
  • यह सूचकांक अनुकूल कारोबारी माहौल, मजबूत परिवहन और पर्यटन बुनियादी ढाँचे और प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक संसाधनों के आधार पर निर्धारित होता है.
  • वर्ष 2024 के TTDI में शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन, जापान, फ्राँस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, चीन, इटली और स्विट्जरलैंड शामिल हैं.
  • वर्ष 2019 के स्तर से 20% अधिक पर्यटक आगमन के साथ पश्चिम एशिया अन्य क्षेत्रों से आगे निकल गया, जबकि यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका अपने महामारी-पूर्व स्तर के लगभग 90% तक वापस आ गए हैं.
  • विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) एक गैर-लाभकारी अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक है जिसे सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 1971 में जर्मनी के क्लॉस श्वाब द्वारा स्थापित किया गया था. डबल्यूईएफ़ का मुख्यालय  कोलोनी, स्विट्जरलैंड में है.

विश्‍व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक दावोस में आयोजित की गई

विश्‍व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक (World Economic Forum Annual Meeting) 2024 स्विट्जरलैंड के दावोस में 15-19 जनवरी के बीच हुई थी.

मुख्य बिन्दु

  • इस बैठक में, 60 से ज़्यादा राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों समेत 300 से ज़्यादा सार्वजनिक हस्तियों ने हिस्सा लिया. इस बैठक का विषय था, “विश्वास का पुनर्निर्माण”.
  • इस बैठक में जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप-फेक से जुडे खतरे, आर्थिक मुद्दे, वर्तमान वैश्विक राजनीति में सहयोग तथा अन्‍य समस्‍याओं पर चर्चा की गई. यूक्रेन युद्ध और इस्राइल-हमास युद्ध जैसे संघर्ष भी एजेंडा में शामिल थे.
  • केन्‍द्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी, अश्विनी वैष्‍णव तथा हरदीप सिंह पुरी ने इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
  • अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत की असाधारण सफलताओं की सराहना की है. बैठक को संबोधित करते हुए श्री ब्लिंकन ने भारत की जनता पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की नीतियों और कार्यक्रमों के सकारात्मक प्रभावों का उल्लेख किया.
  • भारत ने इस बैठक में विश्‍व कल्‍याण और स्‍त्री-पुरूष समानता के लिए वैश्विक गठबंधन की घोषणा की. यह गठबंधन अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर बडे पैमाने पर लाभ के लिए जी-20 नेताओं की प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाएगा. इनमें बिजनेस-20, महिला-20 जैसे विभिन्‍न समूहों की प्रतिबद्धताएं शामिल होंगी.

विश्व आर्थिक मंच (WEF)

विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक, जनवरी के अंत में स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित की जाती है. यह एक आमंत्रण-आधारित बैठक है. इसमें, इस मंच की 1,000 सदस्य कंपनियों के सीईओ, चुनिंदा राजनेता, शिक्षा जगत, गैर-सरकारी संगठन, और धार्मिक प्रतिनिधि शामिल होते हैं.

WEF एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संगठन है. यह सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिए काम करता है. इसके संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस शवाब हैं.

स्विट्ज़रलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक आयोजित की गयी

स्विट्ज़रलैंड के दावोस में 17 से 21 जनवरी तक विश्व आर्थिक मंच की बैठक आयोजित की गयी थी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई देशों के प्रमुख इस सम्मेलन को संबोधित कर अपने दृष्टिकोण साझा किये. इनमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, इस्रायल के प्रधानमंत्री के अलावा चीन और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भी शामिल थे.

मुख्य बिंदु

  • इस सम्मलेन में उद्योग जगत के शीर्ष नेता, सामाजिक संस्थायें और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी भाग लिया. इस दौरान वे दुनिया के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान निकालने को लेकर विचार-विमर्श किया.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से इस बैठक को संबोधित किया था. उन्होंने जलवायु परिवर्तन और वैक्सीन के मुद्दे पर समानता जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किये. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के पुनर्गठन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
  • प्रधानमंत्री ने दुनिया को जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अभी भी पर्यावरण के संरक्षण की अपनी सदियों पुरानी परंपराओं पर टिकी हुई है.

WEF के वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट में भारत 140वें स्थान पर, आईसलैंड शीर्ष पर

विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum’s- WEF) ने हाल ही में ‘वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट’ (Global Gender Gap Index Report), 2021 जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के 156 देशों के बीच भारत को 140वां स्थान मिला है. पिछले वर्ष (2020 में) जारी रिपोर्ट में भारत 153 देशों में से 112वें स्थान पर था.

वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट 2021: एक दृष्टि

  • दक्षिण एशियाई देशों में भारत का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है, भारत रैंकिंग में 156 देशों में 140वें स्थान पर है.
  • दक्षिण एशिया के देशों में बांग्लादेश 65वें, नेपाल 106वें, पाकिस्तान 153वें, अफगानिस्तान 156वें, भूटान 130वें और श्रीलंका 116वें स्थान पर है.
  • भारत के राजनीतिक सशक्तीकरण सूचकांक में 13.5 प्रतिशत की गिरावट आई है. महिला मंत्रियों की संख्या वर्ष 2019 में 23.1% थी जो वर्ष 2021 में घटकर 9.1% रह गई है.
  • राजनीति में महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत विश्व में यह 51वें स्थान पर है. शिक्षा प्राप्ति सूचकांक में भारत को 114वें स्थान पर रखा गया है.
  • भारत में इस वर्ष आर्थिक भागीदारी में अंतर 3% बढ़ा है. पेशेवर और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 29.2% तक घट गई है.
  • भारत में उच्च और प्रबंधकीय पदों पर भी महिलाओं की हिस्सेदारी 14.6% है तथा देश में केवल 8.9% फर्मों में ही शीर्ष पर महिला प्रबंधक हैं.
  • भारत में महिलाओं की अनुमानित आय पुरुषों की केवल 1/5 है, जो इस संकेतक पर देश को वैश्विक स्तर पर 10 पायदान नीचे रखता है.

ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स रिपोर्ट: एक दृष्टि

  • ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स रिपोर्ट वर्ष 2006 से जारी किया जा रहा है.
  • इस रिपोर्ट में चार प्रमुख आयामों- आर्थिक भागीदारी और अवसर, शैक्षिक उपलब्धि, स्वास्थ्य और जीवन रक्षा, और राजनीतिक सशक्तीकरण को लेकर लिंग आधारित अंतर की सीमा को मापा जाता है.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स में भारत 112वें स्थान पर, आईसलैंड शीर्ष पर

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने 17 दिसम्बर को ‘ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स’ (Global Gender Gap Index) 2020 पर एक रिपोर्ट जारी किया. इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के 153 देशों के बीच भारत को 112वां स्थान मिला है. पिछले वर्ष के रिपोर्ट में भारत 108वें स्थान पर था.

इस रिपोर्ट के अनुसार आईसलैंड सबसे बेहतर देश है, जहां कोई लिंग आधारित भेदभाव नहीं है. इसके बाद नार्वे, फिनलैंड, स्वीडेन व निकारगुआ हैं. वहीँ यमन सबसे अंतिम 153वें स्थान पर, ईराक 152वें स्थान पर और पाकिस्तान 151वें स्थान पर है. आइसलैंड 11वीं बार पहले स्थान पर बना हुआ है. इस रिपोर्ट में बांग्लादेश को 50वां स्थान मिला है और दक्षिण एशिया क्षेत्र में सबसे आगे है.

रिपोर्ट के इस वर्ष के संस्करण में 153 देश को शामिल किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया क्षेत्र अपने लिंग अंतर में दो-तिहाई के करीब है. अगर बीते 15 सालों की प्रगति की दर जारी रही तो लिंग अंतर को भरने में 71 साल लगेंगे.

ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स रिपोर्ट: एक दृष्टि

  • ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स रिपोर्ट वर्ष 2006 से जारी किया जा रहा है.
  • इस रिपोर्ट में चार प्रमुख आयामों- आर्थिक भागीदारी और अवसर, शैक्षिक उपलब्धि, स्वास्थ्य और जीवन रक्षा, और राजनीतिक सशक्तीकरण को लेकर लिंग आधारित अंतर की सीमा को मापा जाता है.

WEF वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019: भारत 68वें और सिंगापुर पहले स्थान पर

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हाल ही में अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 जारी की है. इस सूचकांक में भारत 10 स्थान फिसलकर 68वें पायदान पर रहा. जबकि सिंगापुर ने अमेरिका से पहला स्थान छीन लिया है और दुनिया की सबसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बन गया है. तीसरे पर हांगकांग, चौथे पर नीदरलैंड और पांचवें पर स्विट्जरलैंड रहा.

इस सूचकांक में श्रीलंका 84वें स्थान पर, बांग्लादेश 105वें स्थान पर, नेपाल 108वें स्थान पर तथा पाकिस्तान 110वें स्थान पर है. चीन इस सूची में 28वें स्थान पर है.

रिपोर्ट के अनुसार भारत सूचना, संचार एवं प्रौद्योगिकी को अपनाने में सुस्त रहा और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र की खराब स्थिति व स्वस्थ जीवन संभावना की खराब दर ने कई भारत के प्रदर्शन पर काफी असर डाला है. स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान 109वां रहा.

WEF ने कहा कि भारत में लैंगिक असमानता काफी ज्यादा है और पुरुष कामगारों के मुकाबले महिलाओं का अनुपात महज 0.26 है. इस मामले में भारत 128वें पायदान पर रहा.

WEF ने कहा है कि वृहद आर्थिक स्थिरता और बाजार के आकार के मामले में भारत की रैंकिंग अच्छी है. उसका वित्तीय क्षेत्र भी स्थिर है, लेकिन ऋण चूक की दर अधिक होने से बैंकिंग प्रणाली प्रभावित हुई है.

भारत वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 में 34वें स्थान पर पहुंचा

विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum- WEF) ने हाल ही में वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक (Travel and Tourism Competitiveness Report) 2019 जारी किया है. इस सूचकांक में भारत ने 6 पायदान का सुधार कर 34वें स्थान पर पहुंच गया है. वर्ष 2017 में भारत 40वें स्थान पर था, जबकि सन 2013 में 65वें स्‍थान पर. रिपोर्ट के मुताबिक भारत दक्षिण एशिया में सबसे प्रतिस्पर्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

विश्व आर्थिक मंच की इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के रैंकिंग में सुधार की वजह प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में भारत का समृद्ध होना और कीमत के लिहाज से बेहद प्रतिस्पर्धी होना है.

मुख्य तथ्य: एक दृष्टि

  • वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन परिषद् (World Travel and Tourism Council) के अनुसार भारत सरकार की 2018 में आय ₹16.91 लाख करोड़ (US$240 billion) और GDP में हिस्सा 9.2% था.
  • भारत में कुल रोजगार का 8.1% (4.2 करोड़) लोग पर्यटन उद्योग में हैं.