ओलाक शुल्‍ज ने जर्मनी के अगले चांसलर के रूप में शपथ ली

जर्मनी में ओलाक शुल्‍ज (Olaf Schulz) ने 8 दिसम्बर को आधि‍कारिक रूप से देश के अगले चांसलर के रूप में शपथ ली. जर्मन संसद ने 8 दिसम्बर को ओलाफ शॉल्त्स को औपचारिक रूप से देश का नया चांसलर चुना था. सांसदों के कुल 707 वैध मतों में से 395 मत शुल्‍ज के पक्ष में पड़े. वह जर्मनी के नौवें चांसलर हैं. इसके साथ ही एंगेला मर्केल के 16 वर्ष का शासन सम्‍पन्‍न हो गया.

श्री सुल्‍ज जर्मनी के राजनीतिक दल सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) के सदस्य हैं. उन्होंने पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल के कुलपति के साथ-साथ 2018 से 2021 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया. SPD ने सितम्‍बर में सुश्री मर्केल के कंजरवेटिव (CDU-CSU) ब्‍लॉक पर जीत दर्ज की थी. श्री शुल्‍ज ने घोषणा की थी कि वे सबसे बडे औद्योगिक आधुनिकीकरण को बढावा देंगे जो जलवायु परिवर्तन रोकने में मददगार होगा.

जर्मनी का चांसलर
जर्मनी का चांसलर, जर्मनी की संघीय सरकार का प्रमुख होता है. वह संघीय मंत्रिमंडल का मुख्य कार्यकारी होता है. वह युद्ध के दौरान जर्मन सशस्त्र बलों के कमांडर इन चीफ के रूप में भी कार्य करता है.

बारबाडोस ने पूरी तरह से गणराज्य बना, सैंड्रा मैसन बनीं पहली राष्ट्रपति

कैरेबियाई देश बारबाडोस (Barbados) 30 नवंबर 2021 को पूरी तरह से गणराज्य (Republic State) बन गया है. सैंड्रा मैसन बारबाडोस की राष्ट्रपति बनीं हैं. बारबाडोस की संसद ने सैंड्रा मैसन को अपना राष्ट्राध्यक्ष चुना था. वह गणतंत्र बारबाडोस की पहली राष्ट्रपति हैं. इससे पहले ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ बारबाडोस की प्रमुख थीं.

मुख्य बिंदु

  • बारबाडोस पर अंग्रेजों द्वारा वर्ष 1625 में कब्ज़ा किया गया था. वैसे तो बारबाडोस ब्रिटिश औपनिवेश से 54 साल पहले ही मुक्त हो गया था. लेकिन उसकी शासन प्रणाली ऐसी थी जिसमें राज्य प्रमुख ब्रिटेन की महारानी ही थीं.
  • 72 साल की डेम सैंड्रा मैसन (Dame Sandra Mason) 30 नवंबर 2021 को बारबाडोस के राष्ट्रपति पद की शपथ लीं. ब्रिटेन से अपने देश की आजादी की 55वीं सालगिरह पर वह राष्ट्रपति पद की शपथ लीं.
  • ब्रिटेन की महारानी एलिजेबेथ द्वितीय अब भी 15 देशों की राष्ट्राध्यक्ष हैं. इनमें यूनाइटेड किंग्डम के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जमैका शामिल हैं. बारबाडोस ने महारानी को राष्ट्राध्यक्ष के पद से हटाकर नई शुरुआत की है. उनकी जगह अब सैंड्रा मैसन देश की राष्ट्रपति होंगी.

बारबाडोस (Barbados): एक दृष्टि

बारबाडोस 2.85 लाख की जनसंख्या वाला द्वीप देश है. यह कैरेबियाई द्वीपों में सबसे अधिक जनसंख्या और समृद्ध देशों में से एक है. यह 432 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करता है. इसका सबसे बड़ा शहर ब्रिजटाउन है, जो इसकी राजधानी भी है. यह देश आर्थिक रूप से पर्यटन पर ज्यादा निर्भर है.

यह कैरेबियन द्वीप समूह में पहला ब्रिटिश औपनिवेशन नहीं है जो गणराज्य बन रहा है. इसेस पहले गुयाना ने 1970 में आजाद होने के चार साल बाद गणतंत्र अपनाया था. इसके बाद त्रिनिदाद और टोबैगो ने 1976 और डोमिनिका ने 1978 में गणतंत्र अपनाया था.

चीन और अमरीका के राष्‍ट्रपति के बीच द्विपक्षीय बैठक

अमरीकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग के बीच 16 नवम्बर को बहुप्रतिक्षित वर्चुअल बैठक हुई. दोनों नेताओं के बीच यह पहली वर्चुअल बैठक थी. यह बैठक दोनों देशों के आपसी संबंधी में तनाव कम करने के लिए आयोजित की गयी थी.

बैठक में दोनों नेताओं के बीच बातचीत में ताइवान, हिन्‍द प्रशांत और व्‍यापार जैसे विवादित मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में दोनों नेताओं ने संघर्ष से बचने और जलवायु परिवर्तन तथा ऊर्जा सुरक्षा जैसी चुनौतियों से मिलकर निपटने पर बल दिया.

अमरीकी राष्‍ट्रपति ने चीन के राष्‍ट्रपति से कहा कि वे एक स्‍वतंत्र, खुला और सुरक्षित हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करें. चीन के राष्‍ट्रपति ने कहा कि जो लोग ताइवान का समर्थन कर रहे हैं, वे आग से खेल रहे हैं. अमरीका ने अपनी उस नीति को दोहराया जिसमें वह ताइवान की स्‍वतंत्रता का समर्थन नहीं करता है, लेकिन उसकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

जापान में फुमियो किशिदा एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने गए

जापान में फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने गए हैं. हाल ही में हुए संसदीय चुनाव में अपनी सत्तारुढ़ ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (Liberal Democratic Party – LDP) की बड़ी जीत के बाद उन्हें प्रधानमंत्री चुना गया है.

इससे पहले जापानी संसद ने हाल ही में उन्हें उन्हें प्रधानमंत्री चुना था, जिसके बाद उन्होंने तत्काल चुनाव कराने की घोषणा की थी. 465 सदस्यीय निचले सदन में किशिदा की पार्टी को 261 सीटों पर जीत मिली है.

फुमियो किशिदा जापान में ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ के नेता हैं. इससे पहले योशिहिदे सुगा (Yoshihide Suga) ने कोविड-19 के प्रबंधन और महामारी के बीच टोक्यो ओलंपिक कराने के फैसले को लेकर आचोलनाओं के चलते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह एक साल तक प्रधानमंत्री रहे थे.

अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने बनाई कोरोना वायरस की दवाई

अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर (Pfizer) ने कोरोना वायरस के लिए एक एंटीवायरल दवा बनाई है जिससे मौत के जोखिम को 89 फीसदी तक कम कर सकती है. यह दवा गोली (oral pill) के रूप में है जिसका ब्रांड नाम ‘पैक्सलोविड’ (Paxlovid) है. अमेरिका में कोरोना की दवा फिलहाल इंजेक्शन के माध्यम से दी जाती है लेकिन फाइजर की दवा इस्तेमाल में आसान है.

मर्क की मोलनुपिरवीर को ब्रिटेन में मंजूरी

इससे पहले फाइजर की प्रतिस्पर्धी कंपनी मर्क (Merck) ने कोविड-19 की दवा के निर्माण का दावा किया था. मोलनुपिरवीर (molnupiravir) ब्रांड नाम की इस दवा को ब्रिटेन इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी भी दे चुका है. मर्क की दवा दुनिया में कोरोना वायरस की पहली गोली (oral pill) है. फाइजर का दावा है कि उसकी गोली मर्क की तुलना में ज्यादा प्रभावी है.

चीन ने नया सीमा कानून पारित किया, पडोसी देशों की चिंता

चीन की संसद ने हाल ही में एक नया सीमा कानून पारित किया था. इस कानून का नाम “भूमि सीमा कानून” (Land Boundary Law) है. नया सीमा कानून 1 जनवरी, 2022 से लागू होगा.

इस कानून में अन्य बातों के अलावा यह कहा गया है कि भूमि सीमा मामलों पर चीन दूसरे देशों के साथ किए या संयुक्त रूप से स्वीकार किए समझौतों का पालन करेगा. कानून में सीमावर्ती क्षेत्रों में जिलों का पुनर्गठन करने का भी प्रावधान है.

यह चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए चीन की भूमि सीमाओं के पार किसी भी आक्रमण, अतिक्रमण, घुसपैठ, उकसावे का मुकाबला करने के लिए व्यवस्था करता है.

पडोसी देशों की चिंता

  • चीनी का यह कानून भारत सहित चीन के सभी पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों पर असर डालेगा. चीन 14 देशों के साथ लगभग 22,000 किलोमीटर की भूमि सीमा साझा करता है, जिसके साथ विवाद उत्पन्न होते रहते हैं.
  • भारत ने इस नए कानून पर चिंता व्यक्त की है. भारत का मानना है कि इस कानून का सीमा प्रबंधन पर वर्तमान द्विपक्षीय समझौतों और सीमा से जुड़े सम्पूर्ण प्रश्नों पर प्रभाव पड़ सकता है.
  • भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, जो अरुणाचल प्रदेश से जम्मू और कश्मीर तक फैली हुई है. भारत के साथ सीमा पूरी तरह से सीमांकित नहीं है और दोनों पक्षों ने समानता पर आधारित विचार विमर्श के आधार पर निष्पक्ष, व्यावहारिक और एक दूसरे को स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमति व्यक्त की है.

तुर्की ने अमेरिका सहित दस पश्चिमी देशों के राजदूतों को निष्कासित किया

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यप अर्दोआन ने सामाजिक कार्यकर्ता उस्मान कवला की रिहाई की अपील करने वाले अमेरिका समेत 10 देशों के राजदूतों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है. किसी भी व्यक्ति को अवांछित घोषित करने से राजदूत के तौर पर उसकी मान्यता समाप्त हो जाती है.

मुख्य बिंदु

  • तुर्की ने कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और अमेरिका के राजदूतों को देश से निष्कासित करने के लिए कहा है. तुर्की की तरफ से कहा गया है कि, इन सभी देशों के दूतावासों की तरफ से मानवाधिकार कार्यक्रता उस्मान कवाला की रिहाई की संयुक्त अपील की गई थी.
  • तुर्की के विदेश मंत्रालय ने सभी 10 देशों के राजदूतों को समन किया और विदेश मंत्रालय में बुलाया था और फिर उनके उपर विएना कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप लगाकर देश से निष्कासित करने की धमकी दी.
  • विएन कन्वेंशन के तहत देश के आंतरिक मामलों में विदेशी राजदूत हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं और तुर्की का कहना है कि, इन राजदूतों ने तुर्की के आंतरिक मामलों में दखल दिया है.

कौन है उस्मान कवला और क्या है मामला?

उस्मान कवला तुर्की के एक प्रसिद्ध कारोबारी और मानवाधिकार कार्यक्रता हैं. उन्होंने अनादोलु कल्टूर फाउंडेशन की स्थापना की थी और ये संगठन जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए काम करता है. ये संगठन खास तौर पर तुर्की और अर्मेनियाई आबाजी के बीच सुलह और कुर्द मुद्दे पर शांतिपूर्वक समाधान चाहता है.

फरवरी 2020 में तुर्की की एक अदालत ने उस्मान कवला को 2013 में सरकार विरोधी गीजी पार्क विरोध प्रदर्शनों के आरोपों से बरी कर जेल से बाहर करने का आदेश दिया था. लेकिन, तुर्की की सरकार ने एक नया वारंट जारी करते हुए कवला को 2016 में सरकार का तख्तापलट करने के आरोप में फिर गिरफ्तार कर लिया और तब से वो तुर्की की जेल में ही बंद हैं. जिनकी रिहाई की अपील इन 10 देशों के राजदूतों की तरफ से की गई थी.

माना जा रहा है कि, तुर्की कई मुद्दों को लेकर पश्चिमी देशों से भड़का हुआ है. हाल ही में FATF ने तुर्की को ग्रे लिस्ट में डाल दिया है, जो तुर्की के लिए बहुत बड़ा झटका है. इसके पीछे तुर्की का कहना है कि, चुंकी वो रूस से एस-400 मिसाइस डिफेंस सिस्टम खरीद रहा है, इसीलिए अमेरिका उससे बदला ले रहा है.

बारबाडोस ने क्वीन एलिजाबेथ को राष्ट्रप्रमुख के पद से हटाया

बारबाडोस ने पूरी तरह से गणराज्य (Republic State) होने का फैसला किया है. बारबाडोस की संसद ने अपने दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में सैंड्रा मैसन को अपना राष्ट्राध्यक्ष चुन लिया. वह गणतंत्र बारबाडोस की पहली राष्ट्रपति होंगी. ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ बारबाडोस की प्रमुख नहीं रहेंगी.

बारबाडोस पर अंग्रेजों द्वारा वर्ष 1625 में कब्ज़ा किया गया था. वैसे तो बारबाडोस ब्रिटिश औपनिवेश से 54 साल पहले ही मुक्त हो गया था. लेकिन उसकी शासन प्रणाली ऐसी थी जिसमें राज्य प्रमुख ब्रिटेन की महारानी ही थीं.

72 साल की डेम सैंड्रा मैसन (Dame Sandra Mason) 30 नवंबर 2021 को बारबाडोस के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी. ब्रिटेन से अपने देश की आजादी की 55वीं सालगिरह पर यह पद संभालेंगी.

बारबाडोस (Barbados): एक दृष्टि

  • बारबाडोस 2.85 लाख की जनसंख्या वाला द्वीप देश है. यह कैरेबियाई द्वीपों में सबसे अधिक जनसंख्या और समृद्ध देशों में से एक है. यह 432 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करता है. इसका सबसे बड़ा शहर ब्रिजटाउन है, जो इसकी राजधानी भी है. यह देश आर्थिक रूप से पर्यटन पर ज्यादा निर्भर है.
  • यह कैरेबियन द्वीप समूह में पहला ब्रिटिश औपनिवेशन नहीं है जो गणराज्य बन रहा है. इसेस पहले गुयाना ने 1970 में आजाद होने के चार साल बाद गणतंत्र अपनाया था. इसके बाद त्रिनिदाद और टोबैगो ने 1976 और डोमिनिका ने 1978 में गणतंत्र अपनाया था.

FATF ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार रखा, तुर्की, माली और जॉर्डन को ग्रे सूची जोड़ा गया

वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार रखा है. FATF की 19-21 अक्तूबर को पेरिस में आयोजित पूर्ण सत्र में यह फैसला लिया गया था. सत्र की अध्यक्षता जर्मनी के डॉक्‍टर मार्कस प्लीयर ने की थी. प्लीयर ने अपनी घोषणा में कहा कि पाकिस्तान सरकार FATF की 34 सूत्रीय कार्य योजना में से चार का अनुपालन करने में नाकाम रही.

तुर्की, माली और जॉर्डन को भी FATF की ग्रे सूची जोड़ा गया

FATF की बैठक में तीन और देशों- तुर्की, माली और जॉर्डन को भी ग्रे सूची में जोड़ दिया गया है. FATF ने अफगानिस्‍तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद वहां बढ रहे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण जोखिम के माहौल के बारे में चिंता व्यक्त की.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी: Dr. Marcus Pleyer

चीन ने अंतरिक्ष से धरती पर हमला करने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया

हाल ही में प्रकाशित एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अंतरिक्ष से धरती पर हमला करने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है. चीन ने यह परीक्षण अपने लॉन्‍ग मार्च रॉकेट की मदद से किया था.

इस परीक्षण में परमाणु क्षमता से लैस हाइपरसोनिक मिसाइल को धरती की निचली कक्षा में भेजा, इसके बाद मिसाइल ने पृथ्‍वी का चक्‍कर लगाया. फिर मिसाइल ने ध्‍वनि की पांच गुना से ज्‍यादा रफ्तार से अपने लक्ष्‍य को निशाना लगाया.

रिपोर्ट के मुताबिक चीन का यह ताजा सिस्‍टम अगर काम करने लगता है तो वह धरती पर कहीं भी अचानक से अंतरिक्ष से परमाणु बम गिराने में सक्षम हो जायेगा. यह अंतर‍िक्ष से धरती के उत्‍तरी और दक्षिणी हिस्‍से पर समान रूप से हमला कर सकती है.

हाइपरसोनिक मिसाइल

  • हाइपरसोनिक मिसाइलों को आधुनिक ‘ब्रह्मास्‍त्र’ कहा जाता है. इसकी रफ्तार ध्‍वनि से 5 गुना ज्‍यादा होती है. दुनिया में अभी ऐसा कोई एयर डिफेंस‍ सिस्‍टम नहीं है जो हाइपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक करके उसे रोक पाए. हालांकि रूस का दावा है कि उसका एस-500 एयर डिफेंस सिस्‍टम हाइपरसोनिक मिसाइलों को मार गिरा सकता है.
  • अभी तक हाइपरसोनिक मिसाइलों को बनाने की तकनीक अमेरिका, रूस, चीन और भारत के पास है. भारत ने सितम्बर 2020 में इस तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था.
  • भारत के डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने ओडिशा के बालासोर में हाइपरसोनिक टेक्‍नॉलजी डिमॉन्‍स्‍ट्रेटर वीइकल (HSTDV) टेस्‍ट को अंजाम दिया था. इस परीक्षण के बाद भारत के पास अब बिना विदेशी मदद के हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने की क्षमता हो गई है.

जोनास गहर स्टोर नार्वे के नये प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये

जोनास गहर स्टोर (Jonas Gahr Store) को नॉर्वे का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. उन्होंने 14 अक्टूबर 2021 को प्रधान मंत्री का पदभार ग्रहण किया. उन्होंने मौजूदा प्रधान मंत्री एर्ना सोलबर्ग (Erna Solberg) का स्थान लिया है.

जोनास गहर स्टोर नॉर्वे की सेंटर-लेफ्ट लेबर पार्टी के नेता हैं. वह लेफ्ट झुकाव वाले गुट के गठबंधन का नेतृत्व करते हैं. सितंबर 2021 में हुए संसदीय चुनाव में, स्टोर ने जीत दर्ज की थी.

चीन और रूस की नौसेनाओं के बीच ‘संयुक्त समुद्र -2021’ युद्धाभ्यास आयोजित किया गया

चीन और रूस की नौसेनाओं के बीच 14 से 17 अक्तूबर के बीच एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास (Naval Exercise) आयोजित किया गया था. इस युद्धाभ्यास का नाम ‘संयुक्त समुद्र -2021’ (Joint Sea 2021) था. यह युद्धाभ्यास रूस के सुदुर पूर्व में पीटर महान की खाड़ी में आयोजित किया गया था.

युद्धाभ्यास के दौरान संचार, बारूदी सुरंग रोधी, हवाई खतरों और पनडुब्बी रोधी कार्रवाई का अभ्यास किया गया इस दौरान समुद्री लक्ष्यों को संयुक्त रूप से निशाना बनाया गया.

पहली बार चीन ने अपने पनडुब्बी रोधी विमान और 10 हजार टन से अधिक जल विस्थापन क्षमता वाले विध्वंसकों को विदेश युद्धाभ्यास के लिए भेजा था.

अमेरिकी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए चीन और रूस एकजुट

अमेरिका के वैश्विक स्तर पर प्रभाव का मुकाबला करने के लिए चीन और रूस एकजुट हैं और दोनों ने अफगानिस्तान और अन्य मुद्दों पर अमेरिकी विदेशी नीति की आलोचना की है.