भगवद गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल

  • प्राचीन भारतीय ग्रंथ, श्रीमद भगवद गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर (Memory of the World Register) में शामिल किया गया है.
  • संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के कार्यकारी बोर्ड की 17 अप्रैल 2025 को पेरिस में आयोजित बैठक में विश्व के 74 नए आलेखों को जोड़ने की मंजूरी दी गई थी.
  • श्रीमद्भगवद्गीता, हिंदू महाकाव्य महाभारत के भीष्मपर्व के अंतर्गत रखा गया है. यह ग्रंथ संस्कृत में लिखा गया है और इसे श्रीकृष्ण एवं अर्जुन के संवाद के रूप में प्रस्तुत किया गया है. महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की थी.
  • नाट्यशास्त्र की रचना भरतमुनि ने दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में की थी. नाट्यशास्त्र को गंधर्व वेद के नाम से भी जाना जाता है. यह नाट्य (नाटक), अभिनय (प्रदर्शन), रस (सौंदर्य सार), भाव (भावना) और संगीत (संगीत) पर एक विस्तृत ग्रंथ है.
  • यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल भारतीय अभिलेखों की कुल संख्या अब 14 हो गई है.

यूनेस्को में शामिल भारतीय अभिलेख

  1. आईएएस तमिल मेडिकल पांडुलिपि संग्रह (1997): यह यूनेस्को के विश्व रजिस्टर में पहली भारतीय प्रविष्टि है. यह ताड़ के पत्तों लिखा गया तमिल चिकित्सा ग्रंथ है.
  2. शैव पांडुलिपियाँ (2005): शैव धर्म से संबंधित प्राचीन ग्रंथ- आगम, भजन, स्थानीय मंदिर की किंवदंतियाँ. इसमें सिद्ध चिकित्सा ज्ञान भी शामिल है.
  3. ऋग्वेद (2007): सबसे पुराना ज्ञात वेद और विश्व की पहली साहित्यिक कृति. इसमें 10 मंडलों (पुस्तकों) में 10,552 मंत्र हैं.
  4. तारीख-ए-खानदान-ए-तिमुरिया (2011): अकबर के शासनकाल के दौरान 1577-78 में लिखी गई. तैमूर और उसके वंशजों (तिमुरीदों) का इतिहास वर्णित है. ज्योतिष, चिकित्सा, कला और वास्तुकला में योगदान पर प्रकाश डाला गया.
  5. लघुकालचक्रतंत्रराजटिका विमलप्रभा (2011): 11वीं शताब्दी का तिब्बती बौद्ध ग्रन्थ है. तंत्र, ज्योतिष, खगोल विज्ञान और भारतीय दर्शन पर केंद्रित.
  6. शांतिनाथ चरित्र (2013): 1396 ई. में लिखा गया जैन संस्कृत ग्रंथ. 16वें जैन तीर्थंकर शांतिनाथ की जीवन गाथा है.
  7. गिलगित पांडुलिपियाँ (2017): भारत में पाई गई सबसे पुरानी पांडुलिपियाँ (5वीं-6वीं शताब्दी). गुप्त ब्राह्मी लिपि का उपयोग करते हुए संकर संस्कृत में सन्टी छाल पर लिखा गया. इसमें प्रारंभिक बौद्ध शिक्षाएं और साहित्य शामिल हैं.
  8. मैत्रेयव्याकरण (2017): भविष्य में बुद्ध मैत्रेय के आगमन की भविष्यवाणी करता है. कुटिला और रंजना लिपियों का उपयोग करके पाल काल में लिखा गया.
  9. अभिनवगुप्त पांडुलिपियाँ (2023): कश्मीरी विचारक अभिनवगुप्त (940-1015 ई.) की 248 पांडुलिपियाँ. इसमें दर्शन, कला, संगीत, तंत्र और सौंदर्यशास्त्र को शामिल किया गया है.
  10. रामचरितमानस (2024): तुलसीदास द्वारा 16वीं शताब्दी में अवधी में लिखी गई. रामायण का काव्यात्मक पुनर्कथन.
  11. पंचतंत्र (2024): संस्कृत पशु दंतकथाएँ, गद्य और पद्य का मिश्रण. इसका वर्तमान स्वरूप लगभग 300 ई. का है, लेकिन कहानियाँ इससे भी पुरानी हैं. पशु कहानियों के माध्यम से नैतिकता सिखाता है.
  12. सहृदयलोक-स्थान (2024): भारतीय काव्यशास्त्र के दो प्रमुख ग्रंथ. आनंदवर्धन द्वारा सहृदयालोक ने ‘ध्वनि’ सिद्धांत (सुझाया गया अर्थ) पेश किया. लोचन अभिनवगुप्त द्वारा रचित भाष्य है.
  13. श्रीमद्भगवद्गीता (2025): पवित्र हिंदू धर्मग्रंथ – कृष्ण और अर्जुन के बीच वार्तालाप. महाभारत का एक भाग जिसमें 700 श्लोक हैं.
  14. भरत मुनि का नाट्यशास्त्र (2025): भारतीय प्रदर्शन कलाओं – नाटक, नृत्य, संगीत पर सबसे पुरानी पुस्तक. अभी भी शास्त्रीय कलाकारों का अनुसरण किया जाता है.