विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मंजूरी, 2,150 लाख टन क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य

केंद्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दी है. इस योजना पर लगभग एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह सहकारी क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा अन्न भंडारण कार्यक्रम है.

अन्न भंडारण योजना: मुख्य बिन्दु

  • देश में अभी तक कुल 1450 लाख टन अन्न भंडारण की क्षमता है. अब सहकारिता क्षेत्र में सात सौ लाख टन भंडारण की अतिरिक्त क्षमता पर काम शुरू होगा. अगले पांच वर्षों में भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 2,150 लाख टन कर दिया जाएगा.
  • योजना के चार मुख्य उद्देश्य हैं. अन्न भंडारण सुविधाओं की कमी के चलते अनाज की बर्बादी पर नियंत्रण और किसानों को औने-पौने दामों पर फसल बेचने से रोकना है. इसके साथ ही आयात पर निर्भरता कम करना और गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है.
  • केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भंडारण क्षमता बढ़ाने से अनाज की परिवहन लागत कम होगी, जिससे खाद्य सुरक्षा की मजबूती आएगी.
  • देश में प्रत्येक वर्ष लगभग 31 करोड़ टन से ज्यादा अनाज का उत्पादन होता है, किंतु वर्तमान भंडारण क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है.
  • एक रिपोर्ट के अनुसार गोदामों के अभाव में कम से कम 12 से 14 प्रतिशत तक अन्न बर्बाद हो जाते हैं.
  • योजना पर शीघ्रता से काम के लिए सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) का गठन किया जाएगा.
  • देश में अभी लगभग एक लाख प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियां (पैक्स) हैं, जिनके 13 करोड़ से अधिक किसान सदस्य हैं.
  • इस योजना के जरिए पैक्सों को मजबूती मिलेगी. पैक्सों के स्तर पर भंडारण गृह, कस्टम हायरिंग सेंटर्स, प्रसंस्करण इकाई आदि कई तरह की कृषि अवसंरचनाएं बनाई जाएंगी. साथ ही पैक्सों को कई अन्य गतिविधियां करने के लिए भी सक्षम बनाया जाएगा.