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16वां ब्रिक्‍स सम्मेलन रूस के कज़ान में आयोजित किया गया

16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (16th BRICS Summit) रूस के कज़ान में 22-23 अक्तूबर को आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन की मेजबानी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बैठक की थी. इसका विषय ‘निष्पक्ष वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ था.

16वां ब्रिक्‍स सम्मेलन: मुख्य बिन्दु

  • रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन द्वारा आयोजित शिखर बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, इथियोपिया के राष्ट्रपति अबी अहमद, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भाग लिया.
  • सऊदी अरब का प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने किया और ब्राजील का प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री मौरो लुइज़ इकर विएरा ने किया.
  • बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस और न्यू डेवलपमेंट की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ भी शामिल हुईं.
  • 13 देशों को ब्रिक्स का भागीदार देश बनाया गया, हालाँकि वे ब्रिक्स के पूर्ण सदस्य नहीं हैं. ये देश हैं अफ्रीका के अल्जीरिया, युगांडा, नाइजीरिया, यूरोप से बेलारूस और तुर्किये, लैटिन अमेरिकी देश बोलीविया, क्यूबा और एशियाई देश इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, मलेशिया, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान और वियतनाम.
  • सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त घोषणा जारी की गई जिसका शीर्षक ‘कज़ान घोषणापत्र वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ था.
  • कज़ान घोषणापत्र में ब्रिक्स देशों को सदस्य देशों के बीच वित्तीय लेनदेन निपटाने में स्थानीय मुद्राओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किए जाने की बात कही गई है.

पहली ब्रिक्स आउटरीच/ब्रिक्स प्लस संवाद

  • 16वीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान 24 अक्टूबर 2024 को पहली ब्रिक्स प्लस/आउटरीच संवाद (BRICS Plus/Outreach Dialogue) आयोजित किया गया था. इस बैठक की मेजबानी भी रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन ने की थी.
  • ब्रिक्स आउटरीच से तात्पर्य उन देशों से है जो ब्रिक्स के सदस्य नहीं हैं लेकिन भविष्य में इसमें शामिल होने के इच्छुक हैं.
  • ब्रिक्स आउटरीच/ब्रिक प्लस संवाद का विषय था ‘ब्रिक्स और ग्लोबल साउथ: एक साथ मिलकर एक बेहतर दुनिया का निर्माण.’
  • ब्रिक्स आउटरीच बैठक में एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका के 36 देशों ने भाग लिया. 22 देशों का प्रतिनिधित्व उनके राष्ट्राध्यक्षों ने किया और अन्य देशों का प्रतिनिधित्व उनके विदेश मंत्रियों ने किया. भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने किया था.

द्विपक्षीय वार्ता

  • 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 21-23 अकतूबर तक रूस की यात्रा पर थे.
  • अपनी यात्रा के दौरान श्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.
  • श्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं.
  • श्री पुतिन के साथ बैठक में श्री मोदी ने संबंधित मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्‍यकता पर बल दिया. उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान में सहायता करने को तैयार है.
  • श्री मोदी और ईरान के राष्‍ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन के बीच भी बैठक हुई. दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्‍ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.

चीन के राष्‍ट्रपति षी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 23 अक्तूबर को रूस के कज़ान में ब्रिक्‍स सम्‍मेलन के अवसर पर चीन के राष्‍ट्रपति षी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी.
  • प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति के बीच पिछले पांच वर्षों में यह पहली सुनियोजित बैठक थी. आखिरी बार दोनों नेताओं की मुलाकात नवंबर 2019 में ब्रासीलिया,ब्राज़ील में आयोजित  ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हुई थी.
  • दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधि सीमा मुद्दों को हल करने के लिए शीघ्र मिलेंगे.
  • दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त पर अपने देशों के बीच समझौते का स्वागत किया.

जानिए क्या है ब्रिक्स और इसकी अहमियत…»

रूस में ब्रिक्स देशों के NSA का सम्मेलन, भारतीय NSA की राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात

ब्रिक्स (BRICS) देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) का सम्मेलन 11 से 13 सितंबर 2024 तक रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित किया गया था. बैठक की मेजबानी रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर्गेई शोइगु ने की. बैठक में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने भाग लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • रूस वर्तमान में ब्रिक्स समूह का अध्यक्ष है और 2024 में ब्रिक्स से संबंधित सभी बैठकों की मेजबानी करेगा. राष्ट्रपति पुतिन 22 से 24 अक्टूबर 2024 तक रूसी शहर कज़ान में 16वीं ब्रिक्स शिखर बैठक की मेजबानी करेंगे.
  • बैठक में भारत, ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका, चीन, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, इथियोपिया और सऊदी अरब के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भाग लिया.

भारतीय NSA की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात

  • भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने 12 सितंबर 2024 को ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी.
  • सेंट पीटर्सबर्ग में बैठक के दौरान एनएसए अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की.
  • अजीत डोभाल से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस में शिखर बैठक में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया.

ब्रिक्स (BRICS): एक दृष्टि

  • ब्रिक्स (BRICS) दुनिया की पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं. इन्ही देशों के अंग्रेज़ी में नाम के प्रथम अक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है.
  • ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुई थी. साल 2010 में दक्षिण अफ़्रीका के शामिल होने से पहले इसे ‘ब्रिक’ (BRIC) के नाम से जाना जाता था.
  • 15वें ब्रिक्‍स शिखर सम्मेलन 2023 के दौरान ब्रिक्‍स के पांच सदस्‍यीय समूह के विस्तार का फैसला किया गया था.
  • इस फैसले के तहत 1 जनवरी 2024 को मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी इस समूह में शामिल किया गया.
  • इन पाँच देशों के शामिल होते ही, सदस्य देशों की कुल संख्या 10 हो गई.

ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक रूस में आयोजित की गई

ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक रूस के निज़नी नोवगोरोड में 10 जून को आयोजित की गई थी. बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया.

मुख्य बिन्दु

  • ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों ने विश्‍व के कई भागों में चल रहे संघर्षों पर चिंता व्यक्त की. उन्‍होनें कूटनीति, समावेशी विचार-विमर्श के माध्यम से विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है.
  • विदेश मंत्रियों ने संयुक्त वक्तव्य में, संघर्ष की स्थितियों में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के प्रति पूर्ण सम्मान और मानवता के मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बल दिया.
  • विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध मामलों के सचिव डी रवि ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर को विदेश मंत्री के रूप में 10 जून को ही दोबारा नियुक्त किया गया था, इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हो सके थे.
  • भारत ने ब्रिक्स की बैठक में पहली बार भाग लेने वाले नए सदस्य देशों – मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और इथियोपिया के प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत किया. 2023 में हुए ब्रिक्स के विस्तार में इन देशों को शामिल किया गया था.

जोहान्‍सबर्ग में 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (15th BRICS Summit) 2023 दक्षिण अफ्रीका के जोहान्‍सबर्ग में 22 से 24 अगस्त तक आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का विषय (थीम) था- ब्रिक्‍स और अफ्रीका : परस्‍पर वृद्धि, सतत विकास और समावेशी बहुपक्षीयवाद के लिए भागीदारी.

इसकी मेजबानी दक्षिण अफ्रीका ने की थी. ब्रिक्‍स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. प्रधानमंत्री के अतिरिक्त ब्राजील के राष्‍ट्रपति जायर बोलसानारो, रूस के राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति षी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्‍ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने हिस्सा लिया.
  • दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने ब्रिक्स देशों के साथ वैश्विक विकास पर उच्चस्तरीय संवाद की अध्यक्षता की थी.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ब्रिक्‍स सम्‍पर्क’ और ‘ब्रिक्‍स प्‍लस’ संवाद में भाग लिया. इसमें ब्रिक्‍स तथा अफ्रीका, एशिया और लातिन अमरीका के आमंत्रित देशों के नेताओं ने हिस्‍सा लिया.
  • ब्रिक्‍स के पांच सदस्‍यीय समूह के विस्‍तार का फैसला
  • 15वें ब्रिक्‍स शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्‍स के पांच सदस्‍यीय समूह के विस्तार का फैसला किया गया. इस समय ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्‍य हैं.
  • अर्जेंटीना, मिस्र, इथोपिया, ईरान, सउदी अरब और संयुक्‍त अरब अमीरात भी अब ब्रिक्‍स के पूर्ण सदस्य बन जायेंगें.
  • सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने ब्रिक्‍स के विस्तार का हमेशा समर्थन किया है और उसका हमेशा से मानना है कि नये सदस्‍यों को शामिल करने से ब्रिक्‍स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा.

जानिए क्या है ब्रिक्स…»

14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चीन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया

14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 23-24 जून को ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया था. इसकी मेजबानी चीन ने की थी. सम्‍मेलन का थीम “वैश्विक विकास के नये दौर के लिए उच्च गुणवत्ता की ब्रिक्स भागीदारी को बढ़ावा” (Foster High-Quality BRICS Partnership, Usher in a New Era for Global Development) था.

इस सम्मेलन में भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. प्रधानमंत्री के अतिरिक्त ब्राजील के राष्‍ट्रपति जायर बोलसानारो, रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन, चीन के राष्‍ट्रपति षी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्‍ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने हिस्सा लिया.

चीन के राष्ट्रपति षी.जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों के साथ वैश्विक विकास पर उच्चस्तरीय संवाद की अध्यक्षता की. सम्मेलन के दौरान यूक्रेन में मानवीय संकट, आतंकवाद, व्यापार मुद्दों पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श हुआ.

ब्रिक्स (BRICS): एक दृष्टि

ब्रिक्स (BRICS) दुनिया की पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं. इन्ही देशों के अंग्रेज़ी में नाम के प्रथम अक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है. ब्रिक्स देशों में विश्वभर की 43% आबादी रहती है, जहां विश्व का सकल घरेलू उत्पाद 30% है और विश्व व्यापार में इसकी 17% हिस्सेदारी है. जानिए क्या है ब्रिक्स…»

भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स देशों की 13वीं शिखर बैठक आयोजित की गयी

ब्रिक्स देशों की 13वीं शिखर बैठक 9 सितम्बर को आयोजित की गयी थी. इस बैठक की  अध्‍यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वर्चुअल माध्‍यम से किया. भारत वर्तमान (2021) में ब्रिक्‍स का अध्‍यक्ष देश है. इस बैठक का विषय – ‘BRICS@15: निरंतरता, एकीकरण और आम सहमति के लिए ब्रिक्‍स के अंतर्गत सहयोग’ (BRICS@15: Intra-BRICS Cooperation for Continuity, Consolidation and Consensus) था.

इस बैठक में ब्राजील के राष्‍ट्रपति जायर बोलसानारो, रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन, चीन के राष्‍ट्रपति षी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्‍ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने हिस्सा लिया.

ब्रिक्स देशों की 13वीं शिखर बैठक: मुख्य बिंदु

  • ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन पर नई दिल्ली घोषणा में ब्रिक्स देशों ने शांति, विधि सम्मत शासन, मानवाधिकार का सम्मान औऱ मौलिक स्वतंत्रता और सभी के लिए लोकतंत्र के साझा मूल्यों की वचनबद्धता व्यक्त की.
  • भारत ने अपनी अध्‍यक्षता में चार प्राथमिकता के क्षेत्रों का उल्‍लेख किया था. ये थे- बहुस्‍तरीय प्रणाली का सुधार, आतंकवाद का मुकाबला, टिकाऊ विकास लक्ष्‍यों को हासिल करने के लिए डिजिटल और प्रौद्योगिकीय माध्‍यम का उपयोग तथा सदस्‍य देशों के बीच लोगों का सम्‍पर्क बढ़ाना.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ब्रिक्‍स शिखर बैठक की दूसरी बार अध्‍यक्षता करेंगे. इससे पहले उन्‍होंने 2016 में गोवा शिखर बैठक की अध्‍यक्षता की थी. इस वर्ष ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता भारत, ब्रिक्‍स की 15वीं वर्षगांठ के समय कर रहा है.

जानिए क्या है ब्रिक्स और इसकी अहमियत…»

ब्रिक्स देशों के बीच पहली रोजगार कार्यसमूह (EWG) की बैठक आयोजित की गयी

ब्रिक्स (BRICS) देशों के बीच पहली रोजगार कार्यसमूह (Employment Working Group) की बैठक हाल ही में आयोजित की गयी थी. ब्रिक्स का अध्यक्ष होने के नाते इस बैठक की अध्यक्षता भारत (सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र) ने की. भारत ने इसी साल ब्रिक्स का अध्यक्ष पद संभाला है.
ब्रिक्स सदस्य देशों के अलावा इस बैठक में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) तथा अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा एजेंसी (ISSA) के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया

ब्रिक्स की इस पहली EWG की बैठक में सामाजिक सुरक्षा समझौतों को प्रोत्साहन देने, श्रम बाजारों को आकार देने, श्रमशक्ति के रूप में महिलाओं की भागीदारी और श्रम बाजार में कार्यशील घंटे इत्यादि मुद्दों पर चर्चा हुई.

ब्रिक्स (BRICS) क्या है?

ब्रिक्स दुनिया की पाँच सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं – ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बना एक समूह है. ब्रिक्स नाम इन पांचों देशों के नाम के पहले अक्षर B, R, I, C, S से बना है. इसकी औपचारिक स्थापना जुलाई 2006 में रूस के सेंट्स पीटर्सबर्ग में जी-8 देशों के सम्मेलन के दौरान हुई थी.

12वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, भारत 2021 में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा

12वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (12th BRICS Summit) 17 नवंबर को आयोजित किया गया था. यह बैठक आभासी रूप से आयोजित किया गया था जिसकी अध्यक्षता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की थी. इस वर्ष ब्रिक्स सम्मेलन का विषय- ‘वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवाचारी वृद्धि’ (Global Stability, Shared Security and Innovative Growth) था.

प्रधानमंत्री का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्या बताया. उन्होंने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों का मिलकर सामना करने की आवश्यकता पर बल दिया.

इस बैठक में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सुधार के लिए ब्रिक्स सहयोगियों से समर्थन की अपील की. उन्होंने भारत द्वारा प्रस्तावित ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की संकल्पना को ब्रिक्स देशों के साथ साझा किया.

ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी रणनीति

शिखर सम्मेलन के दौरान ‘ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी रणनीति’ (BRICS Counter-terrorism Strategy) को भी हस्ताक्षर के लिये रखा गया है. इस रणनीति के कार्यान्वयन का दायित्व ब्रिक्स ‘आतंकवाद-निरोधी कार्य समूह’ (Counter-terrorism Working Group- CTWG) को सौंपा जाएगा.

भारत 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा

भारत 2021 में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा. यह तीसरी बार होगा जब भारत इसमें शामिल होने के बाद से ब्रिक्स अध्यक्ष का पद संभालेगा. इससे पहले भारत 2012 और 2016 में अध्यक्ष रहा था.

जानिए क्या है ब्रिक्स और इसकी अहमियत…»

11वां ब्रिक्‍स शिखर सम्मेलन ब्रासीलिया में आयोजित किया गया, पढ़ें पूरा आलेख

11वां ब्रिक्‍स शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में 13-14 नवम्बर को किया गया. इस वर्ष सम्मेलन का विषय- ‘अभिनव भविष्य के लिए आर्थिक विकास’ था.

इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. श्री मोदी ने छठी बार इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया. उन्‍होंने पहली बार 2014 में ब्राजील के फोर्टालेजा में हुए सम्मेलन में भाग लिया था. प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में ब्रिक्स नेताओं के बीच व्यापार, नवाचार, प्रौद्योगिकी और संस्कृति क्षेत्र में संबंध मजबूत करने पर कई उपयोगी विचार-विमर्श किये.

रूस, ब्राजील और चीन के राष्‍ट्रपति के साथ बैठक

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रिक्‍स शिखर बैठक के मौके पर रूस, ब्राजील और चीन के राष्‍ट्रपति के साथ भी द्विपक्षीय वार्ताएं की.

ब्राजील: श्री मोदी ने भारतीय नागरिकों को ब्राजील की वीज़ा मुक्‍त यात्रा की स्‍वीकृति देने के लिए राष्‍ट्रपति के फैसले का भी स्‍वागत किया. प्रधानमंत्री ने ब्राजील से संभावित निवेश के लिए कृषि उपकरण, फसल कटाई के बाद की प्रौद्योगिकी और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों का उल्‍लेख किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्‍ट्रपति जायर बोल्‍सनारो को 2020 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार कर लिया.

रूस: रूस के राष्‍ट्रपति के साथ बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने तेल और प्राकृतिक‍ गैस के आयात में स्थिरता और प्रगति को भी नोट किया. राष्‍ट्रपति पुतिन ने प्राकृतिक गैस में आर्कटिक क्षेत्र की सम्‍भावनाओं का विशेष उल्‍लेख किया और भारत को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया.

दोनों नेताओं ने ढांचागत क्षेत्र में विशेष रूप से नागपुर-सिकन्‍दराबाद खंड पर रेलगाडि़यों की गति बढ़ाने के संदर्भ में भी प्रगति की समीक्षा की. उन्‍होंने तीसरे देशों में असैन्‍य परमाणु ऊर्जा में सहयोग की उम्‍मीदों का भी स्‍वागत किया. राष्‍ट्रपति पुतिन ने अगले वर्ष विजय दिवस समारोह में हिस्‍सा लेने के लिए प्रधानमंत्री को रूस आने का निमंत्रण दिया जिसे प्रधानमंत्री ने प्रसन्‍नता से स्‍वीकार कर लिया.

चीन: प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्‍ट्रपति षी जिनफिंग के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की. श्री जिनफिंग ने प्रधानमंत्री को 2020 में चीन में तीसरी भारत-चीन अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए आमंत्रित किया. दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि व्‍यापार और अर्थव्‍यवस्‍था से संबंधित नये उच्‍चस्‍तरीय तंत्र की जल्‍दी ही बैठक होनी चाहिए.

उन्‍होंने नोट किया कि सीमा विवाद से संबंधित मामलों पर विशेष प्रतिनिधियों की एक और बैठक होगी. दोनों ने सीमा क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्‍व की बात दोहराई. श्री मोदी और श्री चिनफिंग ने अगले वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्‍बंध स्‍थापित होने के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह की तैयारियों की भी समीक्षा की.

ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधन

  • ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के पूर्ण सत्र को सम्‍बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संगठन की स्‍थापना के दस सफल वर्षों की सराहना की. प्रधानमंत्री ने कहा कि सदस्‍य देशों को अगले दस वर्षों में सहयोग और बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. उन्‍होंने इसके लिए कारगर व्‍यवस्‍था का आह्वान किया.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि आंतकवाद के कारण विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था को 10 खरब (1 ट्रिलियन) डॉलर का नुकसान हुआ है. उन्‍होंने आंतकवाद से मुकाबले के लिए ब्रिक्‍स देशों की रणनीति पर पहली संगोष्ठी (सेमीनार) की सराहना की और आशा व्‍यक्‍त की कि ऐसी गतिविधियों से ब्रिक्‍स देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा. इस दिशा में भारत आतंकवाद की डिजिटल फोरेंसिक एनालिसिस पर एक वर्कशॉप का आयोजन करेगा.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्रमोदी ने ब्रिक्‍स के सदस्‍य देशों के बीच व्‍यापार और निवेश पर जोर दिया है. श्री मोदी ने कहा कि ब्रिक्‍स देशों का आपसी व्‍यापार विश्‍व व्‍यापार का मात्र 15 प्रतिशत है.
  • उन्‍होंने कहा कि नवाचार (इनोवेश) विकास का आधार बन गया है. इसलिए आवश्‍यक हो गया है कि सदस्‍य देश इस क्षेत्र में आपसी सहयोग मजबूत करें.

ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद को संबोधन

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद की बैठक को संबोधित किया. उन्‍होंने परिषद से आग्रह किया कि अगली शिखर बैठक तक ब्रिक्‍स देशों के बीच व्‍यापार 500 अरब डॉलर का करने की योजना तैयार की जाये.
  • प्रधानमंत्री ने व्‍यापार मंच से अनुरोध किया कि वे अगले ब्रिक्‍स शिखर बैठक तक पांच ऐसे क्षेत्रों का खाका तैयार करें जिनमें संयुक्‍त उद्यम की जा सके.
  • विश्व में मंदी के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी है. करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और टेक्नोलॉजी तथा इनोवेशन में नई-नई सफलताएं हासिल की है.
  • श्री मोदी ने निजी क्षेत्रों से मानव संसाधन पहलुओं जैसे आई-ब्रिक्‍स और ब्रिक्‍स इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्युचर नेटवर्क के साथ जुड़ने का अनुरोध किया.

न्‍यू डेवलपमेंट बैंक की क्षेत्रीय शाखा

ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद और न्‍यू डेवलेपमेंट बैंक (NDB) के साथ बातचीत में श्री मोदी ने उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया. श्री मोदी ने भारत में न्‍यू डेवलपमेंट बैंक की क्षेत्रीय शाखा जल्‍दी खोले जाने का अनुरोध किया.

न्‍यू डेवलपमेंट बैंक के अध्‍यक्ष के वी कामथ ने भारत में नई क्षेत्रीय शाखाएं खोलने की घोषणा की. उन्‍होंने कहा कि बैंक ने गैर सरकारी परियोजनाओं के लिए भी वित्‍तीय सहायता की शुरूआत की है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महत्‍वपूर्ण कार्य में सदस्‍य देशों के बीच आर्थिक संभावनाओं का पता लगाना जरूरी होगा.

12वां ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन 2020 में रूस में आयोजित होगा.

ब्रिक्स (BRICS): एक दृष्टि

ब्रिक्स (BRICS) दुनिया की पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं. इन्ही देशों के अंग्रेज़ी में नाम के प्रथम अक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है. ब्रिक्स देशों में विश्वभर की 43% आबादी रहती है, जहां विश्व का सकल घरेलू उत्पाद 30% है और विश्व व्यापार में इसकी 17% हिस्सेदारी है.
जानिए क्या है ब्रिक्स और इसकी अहमियत…»

भारत के रवि प्रकाश को हाल ही में ‘ब्रिक्स-यंग इनोवेटर प्राइज’ दिया गया

भारत के रवि प्रकाश को हाल ही में ‘ब्रिक्स-यंग इनोवेटर प्राइज’ (BRICS Young Innovator Prize) का प्रथम पुरस्कार दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार ‘मिल्क चिल्लिंग यूनिट’ (Milk Chilling Unit) के अविष्कार के लिए दिया गया है. इस पुरस्कार स्वरुप उन्हें 25,000 अमेरिकी डॉलर धनराशी दी गयी है.

रवि प्रकाश द्वारा तैयार की गयी ‘मिल्क चिल्लिंग यूनिट’ Nano Fluid Based Phase Change Material तकनीक पर आधारित है. यह मशीन दूध निकालने के तुरंत बाद ही कच्चे दूध के तापमान को 37 डिग्री सेलसियस से 7 डिग्री सेलसियस तक सिर्फ़ 30 मिनट के भीतर पहुंचा देती है.