रूस और बेलारूस ने संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया

रूस और बेलारूस ने 10 फरवरी को संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया है. इस अभ्यास में 30 हजार से अधिक रूसी सैनिक अगले 10 दिनों तक सैन्य अभ्यास करेंगे. टैंक, लड़ाकू विमान और S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के साथ ही हजारों सैनिक बेलारूस में 20 फरवरी तक ‘एलाइड रिजॉल्यूशन 2022’ अभ्यास में भाग ले रहे हैं.

मुख्य बिंदु

  • युद्ध अभ्यास यूक्रेन के साथ ही पोलैंड और लिथुआनिया के पास किए जा रहे हैं. पोलैंड और लिथुआनिया नाटो के सदस्य हैं.
  • यह युद्ध अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है जब रूस ने एक लाख से अधिक सैनिक यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात किए हुए हैं.
  • इस अभ्यास को लेकर अमेरिका और नाटो ने चिंता जताई है. नाटो ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन पर हमला करने से पहले रूस युद्ध अभ्यास कर रहा है.
  • यूक्रेन ने इसके जवाब ने स्वयं का 10 दिनों का अभ्यास शुरू किया है. यूक्रेन के अभ्यास में करीब 10,000 सैनिक शामिल हैं.
  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मॉस्को को धमकी दी है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो क्रेमलिन पर ऐसे-ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देखे नहीं होंगे.

अमेरिका ने बहुप्रतीक्षित हिंद प्रशांत नीति जारी की

अमेरिका ने बहुप्रतीक्षित हिंद प्रशांत नीति जारी कर दी है. यह नीति अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने 10 फरवरी को जारी की थी. इस नीति में हिंद प्रशांत नीति में चीन की हठधर्मिता, महामारी तथा जलवायु परिर्वतन सहित क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया गया है. इसमें भारत की भूमिका, अमरीका भारत के रिश्ते का महत्वपूर्ण तत्व है.

अमेरिकी हिंद प्रशांत नीति: मुख्य बिंदु

  • अमरीका ऐसा हिंद प्रशांत क्षेत्र चाहता है जो मुक्त, खुला, जुड़ा हुआ, खुशहाल, सुरक्षित तथा हर परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हो.
  • अमरीका भारत के उत्थान और क्षेत्रीय नेतृत्व को समर्थन देना तथा विभिन्न मुद्दों पर भारत के साथ परस्पर ढंग से और अन्य  समूहों के जरिए सहयोग करना जारी रखेगा.
  • इसमें भारत को क्वाड समूह में “एक जैसी सोच वाले साझीदार” तथा “संवाहक शक्ति” के रूप में उल्लेखित किया गया है.
  • नीति के अनुसार पिछले प्रशासन की नीतियों को जारी रखा गया है. इसमें चीन से उत्पन्न चुनौतियों, भारत के साथ प्रमुख रक्षा भागीदारी तथा समूचे क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में उसकी भूमिका का समर्थन करना शामिल है.

ऑस्ट्रेलिया में कोआला प्रजाति को लुप्तप्राय सूची में शामिल किया गया

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने आधिकारिक तौर पर प्रतिष्ठित कोआला (Koala) प्रजाति को लुप्तप्राय सूची में शामिल कर लिया है. सरकार ने संकटग्रस्त प्रजाति समिति की सिफारिश पर ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र न्यू साउथ वेल्स और क्वीनंसलैंड में कोआला आबादी की स्थिति को देखते हुए उसे लुप्तप्राय घोषित किया है. इससे पहले कोआला को कमजोर प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.

सरकार द्वारा प्रजातियों की मदद के लिए पांच करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (3.57 करोड़ अमेरिकी डॉलर) की रकम जारी करने के बाद यह घोषणा की गई है.

पर्यावरण समूहों ने वर्ष 2019-20 में जंगल में लगी भीषण आग के बाद से कोआला को लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अभियान चलाया है, गौरतलब है कि इस आग में करीब 60,000 कोआला प्रभावित हुए थे या मारे गए थे.

कोआला क्या है?

कोआला, ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक जानवर है. यह प्रजाति न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स में रहती है. यह अपने मोटे, बड़े सिर, बिना पूंछ वाले शरीर, गोल  कानों और बड़ी, चम्मच के आकार की नाक से पहचानी जाती है. इसके शरीर की लंबाई 60-85 सेंटीमीटर होती है जबकि वजन 4-15 किलोग्राम होता है.

नासा ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के संचालन को 2030 तक बंद करने की घोषणा की

अमेरिकी स्पेस एजेंसी (नासा) ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के संचालन को वर्ष 2030 के अंत तक बंद करने की घोषणा की है. वर्ष 2031 में इसे कक्षा (ऑर्बिट) से बाहर निकाल दिया जाएगा. नासा ने ISS को धरती पर गिराने के लिए दक्षिण प्रशांत महासागरीय निर्जन क्षेत्र क्षेको चुना है, जिसे प्वाइंट निमो (Point Nemo) नाम से जाना जाता है.

नासा का कहना है कि ISS की सेवानिवृत्ति के बाद व्यावसायिक रूप से संचालित स्पेस प्लेटफॉर्म ISS की जगह लेंगे. नासा ने इसे विकसित करने के लिए तीन कंपनियों के साथ करार की घोषणा की है. इन तीन कंपनियों में जेफ बेज़ोस (Jeff Bezos) की ब्लू ओरिजिन (Blue Origin), नैनोरैक्स और नादर्न ग्रूममैन शामिल है.

ISS के संचालन को क्यों बंद किया जा रहा है?

रूस के अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS के एक सेगमेंट में नए दरारों की खोज की थी. अंतरिक्ष अधिकारीयों ने आने वाले समय में इन दरारों के और अधिक चौड़ी होने की चेतावनी दी थी. उन्होंने ने कहा था कि ISS के ज्यादातर उपकरण अब पुराने हो चुके हैं और 2025 के बाद ये उपकरण टूट सकते हैं.

अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन क्या है?

अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS) बाहरी अन्तरिक्ष में मानव निर्मित उपग्रह है. इसे अनुसंधान और शोध के लिए बनाया गया है. इसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया गया है.

ISS विश्व की कई स्पेस एजेंसियों का संयुक्त उपक्रम है. इसे बनाने में संयुक्त राज्य की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (RKA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) काम कर रही हैं.

ISS का इतिहास

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को 1998 में लॉन्च किया गया था. फुटबॉल के आकार की यह स्पेस लैब धरती से करीब 420 किमी की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी की परिक्रमा कर रही है. यह लगभग आठ किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है इसमें 19 अलग-अलग देशों के 200 से अधिक अंतरिक्ष यात्री रिसर्च और मिशन के उद्देश्य से सवार हो चुके हैं.

सर्जियो मातारेला इटली के दोबारा राष्ट्रपति चुने गए

सर्जियो मातारेला को इटली का दोबारा राष्ट्रपति चुन लिया गया है. वह पहली बार 2015 में राष्ट्रपति बने थे. अब उन्हें दोबारा 7 साल के कार्यकाल के लिए चुना गया है. उन्हें कुल 1,009 मतों में से उन्हें 759 मत मिले. मातारेला के नाम पर दक्षिणपंथी और वामपंथियों समेत ज्यादातर पार्टियां राजी थीं. इटली में राष्ट्रपति चुनाव 24 जनवरी से 29 जनवरी, 2022 के बीच रोम में संपन्न हुआ था.

इटली में राष्ट्रपति

इटली में राष्ट्रपति का कार्यकाल 7 साल का होता है. भारत की तरह ही इटली में भी राष्ट्रपति की भूमिका आमतौर पर रस्मी ही होती है. हालांकि, राष्ट्रपति के पास संसद भंग करने, नया प्रधानमंत्री चुनने और पार्टियों के कमजोर गठबंधनों को सरकार बनाने की अनुमति ना देने जैसी कई बड़ी शक्तियां होती हैं.

चीन-लिथुआनिया विवाद: यूरोपीय संघ ने चीन के खिलाफ WTO में शिकायत दर्ज की

यूरोपीय संघ (EU) ने चीन के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज की है. यह शिकायत चीन द्वारा लिथुआनिया के साथ व्यापार भेदभाव करने के लिए दर्ज करायी है.

क्या है मामला?

दरअसल, लिथुआनिया ने चीन के साथ कूटनीतिक परंपरा को तोड़ते हुए ताइवान में अपना कार्यालय चीनी ताइपे के बजाय ताइवान नाम से खोला है. ताइपे के विलयुनेस स्थित इस ताइवानी कार्यालय को चीन अपने साथ विश्वासघात के रूप में देखता है. क्योंकि चीन, ताइवान को अलग देश के बजाय अपना अभिन्न अंग मानता है.

प्रतिक्रिया स्वरुप चीन ने लिथुआनिया के राजदूत को बर्खास्त कर दिया है और अपने राजदूत भी वहां से वापस बुला लिया है. इससे पहले लिथुआनिया ने चीन की राजधानी में अपने दूतावास को बंद कर दिया था.

तनाव बढ़ने के बाद चीनी सरकार ने लिथुआनिया पर आयात प्रतिबंध लगा दिया है. इसलिए इस मुद्दे को यूरोपीय संघ अब WTO के समक्ष उठा रहा है. EU का कहना है कि इस बाल्टिक देश के साथ चीन के झगड़े से अन्य देशों का निर्यात भी प्रभावित हो रहा है.

जर्मन और फ्रांसीसी कंपनियां लिथुआनिया के रास्ते चीन को अपना निर्यात भेजती है. ये कंपनियां अब बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई हैं. इस प्रकार, लिथुआनिया को अवरुद्ध करके चीन यूरोपीय संघ के व्यापार पर प्रभाव डाल रहा है.

इंडोनेशिया ने अपनी राजधानी जकार्ता से बदलकर नुसंतारा करने को मंजूरी दी

इंडोनेशिया ने अपनी राजधानी को बदलने का फैसला किया है. नई राजधानी का नाम नुसंतारा (Nusantara) होगा. इंडोनेशिया की संसद ने 19 जनवरी 2022 को इसकी मंजूरी दी थी. राष्ट्रपति जोको विडोडो साल 2019 में पहली बार नई राजधानी बसाने से संबंधित बिल संसद में लाए थे. नुसंतारा, ईस्ट कालीमंतन इलाके में है, जो बोर्नियो द्वीप का हिस्सा है.

1949 में आजादी के बाद से जकार्ता ही इंडोनेशिया की राजधानी है. नई राजधानी को वर्ल्ड सिटी विजन के तहत तैयार किया जाएगा. जैसे दुबई या सिंगापुर. एक अनुमान के मुताबिक, नई राजधानी के कंस्ट्रक्शन पर राष्ट्रीय खजाने से करीब 33 अरब डॉलर खर्च होंगे. नुसंतारा को 256,142 हेक्टेयर में बसाया जाएगा.

जकार्ता से नुसंतारा क्यों?

जकार्ता देश की 60% आबादी वाले जावा द्वीप का हिस्सा है. यहाँ हर साल बाढ़ से कई लोग मारे जाते हैं. जकार्ता की आबादी 1 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है. यह दुनिया के सबसे ज्यादा पॉल्यूटेड शहरों में से एक है. खराब ट्रैफिक की वजह से हर साल 6.8 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है.

कालीमंतन जकार्ता से 2300 किमी दूर है. इंडोनेशियाई भाषा में नुसंतारा का मतलब ऐसी जगह से है, जो चारों तरफ पानी से घिरी हो.

भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली बदली गयी थी

अंग्रेजों के दौर में पहले भारत की राजधानी भी दिल्ली नहीं, बल्कि कलकत्ता थी. 11 दिसंबर 1911 को जॉर्ज पंचम ने इसे दिल्ली शिफ्ट करने का ऐलान किया. इस कवायद को पूरा होने में दो दशक लग गए. 13 फरवरी 1931 को दिल्ली देश की नई राजधानी बनी.

 

चीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया-जापान ने एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए

चीन के खिलाफ 10 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया और जापान ने एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के एयरबेस, बंदरगाहों, रसद और बुनियादी सुविधाओं तक गहरी पहुंच की अनुमति देता है. इस डील से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन को साधने में मदद मिलने की संभावना है, क्योंकि चीन बहुत तेजी से अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने ऑनलाइन एक सम्मेलन में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह अमेरिका के अलावा किसी भी देश के साथ जापान द्वारा हस्ताक्षरित ऐसा पहला रक्षा समझौता है.

मुख्य बिंदु

  • ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच हुए रक्षा समझौते के कारण दोनों देशों की सेनाएं एक साथ प्रशिक्षण, अभ्यास और संचालन में भी तेजी ला सकती हैं. ऐसे में अगर भविष्य में चीन के साथ कोई युद्ध होता है तो दोनों देश एक साथ मिलकर प्रभावी और तेज जवाबी कार्रवाई भी कर सकते हैं.
  • इसका उद्देश्य कानूनी बाधाओं को खत्म करना है, ताकि एक देश के सैनिकों को प्रशिक्षण और अन्य उद्देश्यों के लिए दूसरे में प्रवेश करने की अनुमति मिल सके.
  • इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती आक्रामकता से सबसे अधिक खतरा भारत को है. ऐसे में भारत से भी अपेक्षा की जा रही है कि वह दुनिया के बाकी चीन विरोधी देशों के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करे.

अमरीका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने का संकल्प लिया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थाई देश (अमरीका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन) ने परमाणु हथियारों की रेस को कम करने की रणनीति बनाई है. इन नेताओं ने पहली बार 3 जनवरी को परमाणु युद्ध छिड़ने से रोकने और हथियारों की दौड़ से बचने पर एक संयुक्त बयान जारी किया और साथ ही एक-दूसरे पर परमाणु हथियारों का उपयोग न करने का संकल्प जताया.

मुख्य बिंदु

  • पांचों देशों के साझा बयान में कहा गया है कि हम इस बात की दावा करते हैं कि परमाणु युद्ध नहीं जीता जा सकता है और इसे कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए.
  • पांच परमाणु शक्तियों के साझा बयान के अनुसार, चीन, रूस, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस ने सहमति व्यक्त की है कि परमाणु हथियारों के और प्रसार और परमाणु युद्ध से बचा जाना चाहिए. परमाणु हथियारों के उपयोग के दूरगामी परिणाम होंगे.
  • फ्रांस ने भी बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि पांचों शक्तियों ने परमाणु हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के लिए अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया है. परमाणु हथियार नियंत्रण के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दृष्टिकोण जारी रखेंगे.
  • पड़ोसी देश यूक्रेन के पास रूस के सैन्य निर्माण को लेकर चिंताओं को लेकर मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच यह बयान आया है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. इस बातचीत में अमेरिका ने रूस को यूक्रेन के पास सैन्य निर्माण को लेकर चेतावनी भी दी थी.

सूडान के प्रधानमंत्री अब्‍दुल्‍ला हमदोक ने त्‍याग-पत्र दिया

सूडान के प्रधानमंत्री अब्‍दुल्‍ला हमदोक ने 2 जनवरी को अपने पद से त्‍याग-पत्र दे दिया. उन्‍होंने हाल ही में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर सेना के बल प्रयोग के विरोध में यह निर्णय किया है. हमदोक के इस्तीफे के बाद अब सेना के पास सरकार का पूर्ण नियंत्रण हो गया है.

श्री हमदोक संयुक्‍त राष्‍ट्र के पूर्व अधिकारी हैं और उन्‍हें सूडान में लोकतांत्रिक सरकार के प्रमुख चेहरे के रूप में जाना जाता है. सैन्य तख्ता पलट के बाद अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण उन्हें नवम्बर में नई सरकार गठित करने के लिए फिर से प्रधानमंत्री बनाया गया था.

सूडान की सेना ने अक्टूबर, 2021 में तख्तापलट किया था. इस तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री हमदोक को शुरू में नजरबंद कर दिया था. इसके बाद, नागरिक और सैन्य नेताओं ने सत्ता-साझाकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के विरोध में राजधानी खार्तूम में सशस्‍त्र बलों की हिंसा में कई लोग मारे गए थे.

मिस्र को ब्रिक्स बैंक का नया सदस्य बनाया गया

मिस्र को ब्रिक्स (BRICS) के न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) का नया सदस्य बनाया गया है. NDB के अध्यक्ष मार्कोस त्रोयजो ने इसकी घोषणा 30 दिसम्बर 2021 को की थी. मिस्र NDB में शामिल होने वाला चौथा नया सदस्य होगा. इससे पहले NDB ने बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और उरुग्वे को सदस्य बनाया था.

मुख्य बिंदु

  • बैंक की सदस्यता तब प्रभाव में आती है जब शामिल किए गए देश की ओर से घरेलू प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाती हैं और परिग्रहण का साधन जमा कर दिया जाता है.
  • छह साल पहले अपनी स्थापना के बाद से NDB अपने सदस्यों के लिए 80 परियोजनाओं को अनुमति दे चुका है. इनका कुल पोर्टफोलियो 30 अरब अमेरिकी डॉलर का है.
  • इन परियोजनाओं में परिवहन, जल एवं साफ-सफाई, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल व सामाजिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरी विकास जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
  • NDB का मुख्यालय चीन के शंघाई शहर में है. इसकी स्थापना ब्रिक्स देशों यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने की थी. इसकी औपचारिक शुरुआत जुलाई 2015 में हुई थी.

नाटो ने रूस के साथ काम करने के लिए नए सुरक्षा प्रस्ताव के तहत शर्तें तय कीं

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने रूस के साथ काम करने के लिए अपने नए सुरक्षा प्रस्ताव के तहत शर्तें तय की है. नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने 17 दिसम्बर को ये शर्तें तय कीं और आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए मॉस्को के साथ काम करने की पेशकश की. उन्होंने कहा कि साथ काम करने से यूक्रेन को लेकर पैदा हुए तनाव को कम करने में मदद मिलेगी.

रूस ने भी सुरक्षा समझौता मसौदा देकर बातचीत की इच्छा जताई है. रूस ने भी एक मसौदा दस्तावेज दिया है जिसमें सुरक्षा व्यवस्था का खाका है. इसमें उसने अमेरिका और नाटो साझेदारों से बातचीत करने की मंशा प्रकट की है.

स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, नाटो के 30 सदस्य देशों ने स्पष्ट कर दिया है कि रूस को तनाव कम करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, हम विश्वास बहाली के कदमों को मजबूत करने के लिए काम करने को तैयार हैं.

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) क्या है?

नाटो या NATO, North Atlantic Treaty Organization (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का संक्षिप्त रूप है. यह 30 यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों का एक सैन्य गठबन्धन है जो रूसी आक्रमण के खिलाफ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में बनाया गया था. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. नाटो सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत बाहरी हमले की स्थिति में सदस्य देश सहयोग करते हैं.

नाटो के सदस्य देश

मूल रूप से नाटो में 12 सदस्य (फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं. सबसे हालिया सदस्य उत्तर मैसेडोनिया है जिसे 2020 में संगठन में जोड़ा गया था.

नाटो के अन्य सदस्य देश- ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया, अल्बानिया और क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो और उत्तर मैसेडोनिया.