Tag Archive for: Subhas Chandra Bose

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया. बाद में इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर नेताजी की भव्य ग्रेनाइट प्रतिमा लगाई जाएगी जिसका निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है. होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है.

सरकार ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्‍य प्रतिमा स्‍थापित करने का फैसला किया है. ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के महान योगदान के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि होगी.

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार प्रदान किया.

केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में विभिन्न लोगों और संगठनों के अमूल्य योगदान और निःस्वार्थ सेवा की सराहना और सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की शुरूआत की थी.

पुरस्कार में एक संस्थान को 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र तथा एक व्यक्ति को पांच लाख रुपये और प्रमाण-पत्र दिया जाता है.

21 अक्टूबर 2020: आजाद हिंद सरकार की 78वीं वर्षगांठ

21 अक्टूबर 2020 को ‘आजाद हिंद सरकार’ की 78वीं वर्षगांठ थी. सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में इसी दिन आजाद हिंद सरकार का गठन किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अक्टूबर 2018 को आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ पर दिल्ली के लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. इससे पहले स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को ही प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण की परंपरा रही थी. ऐसा पहली बार हुआ था जब 21 अक्टूबर को भी लालकिले से तिरंगा फहराया गया था.

आजाद हिंद सरकार क्या है?

  • 21 अक्तूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत की अस्थायी सरकार की स्थापना की थी. इस सरकार को आजाद हिन्द सरकार कहा जाता था. इस सरकार के पास अपना बैंक, अपनी फौज अपनी मुद्रा, डाक टिकट, गुप्तचर विभाग और दूसरे देशों में दूतावास भी थे.
  • इस सरकार को जर्मनी, जापान, फिलिपींस, कोरिया, चीन, इटली, आयरलैंड समेत 9 देशों ने मान्यता भी दी थी. बोस ही इस सरकार के राज्याध्यक्ष (प्रधानमंत्री) थे. उन्होंने ब्रिटेन और अमेरिका के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था. फौज को आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करने में जापान ने मदद की थी.
  • जापान ने ही अंडमान और निकोबार द्वीप आजाद हिंद सरकार को सौंपे. बोस ने अंडमान का नाम बदलकर शहीद द्वीप और निकोबार का स्वराज द्वीप रखा था.
  • हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमलों के बाद जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया और यहीं से आजाद हिंद फौज का पतन शुरू हुआ. सैनिकों पर लाल किले में मुकदमा चला था.

23 जनवरी: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, महत्वपूर्ण तथ्यों पर एक दृष्टि

प्रत्येक वर्ष 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है. आज ही के दिन 1897 में नेताजी का जन्‍म ओडि‍सा के कटक में हुआ था. राष्‍ट्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती पर उन्‍हें श्रद्धाजंलि अर्पित की.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस: एक दृष्टि

  • नेताजी ने सिविल सर्विस परिक्षा पास की थी. लेकिन उन्होंने भारत की आजादी के आंदोलन में शामिल होने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. 1938-39 के दौरान वे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. बाद में मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस से त्याग-पत्र दे दिया तथा फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की.
  • सुभाष चन्द्र बोस ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में ‘आज़ाद हिन्द फौज’ की स्थापना की थी. इसकी स्थापना में रास बिहारी बोस की भूमिका महत्वपूर्ण थी.
  • ‘आज़ाद हिन्द फौज’ एक सशस्त्र सेना थी. सुभाष चन्द्र बोस इस फ़ौज के सर्वोच्च कमांडर थे. 1943 में नेता जी तथा उनकी आज़ाद हिंद फौज ने भारत भूमि पर पहली बार आज़ादी का झंडा फहराया था.
  • नेताजी के कई प्रसिद्ध नारों ने स्वाधीनता की लड़ाई में लोगों के अंदर उत्साह का संचार किया. उनमें से एक प्रसिद्ध नारा था, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा”.

30 दिसम्बर 2019: नेता जी सुभाषचंद्र बोस के पहले ध्वजारोहण की 76वीं वर्षगांठ

30 दिसम्बर 2019 को नेता जी सुभाषचंद्र बोस के पहले ध्वजारोहण की 76वीं वर्षगांठ पर अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्टब्लेयर में एक समारोह आयोजित किया गया. समारोह में उप-राज्यपाल एडमिरल डीके जोशी और स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे ने ध्वजारोहण किया.

सुभाषचंद्र बोस के पहले ध्वजारोहण की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 150 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. अंडमान निकोबार की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान निकोबार के 3 द्वीपों के नाम बदलने की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के ‘रॉस द्वीप’ का नाम बदल कर ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप’, ‘नील द्वीप’ को ‘शहीद द्वीप’ और ‘हैवलॉक द्वीप’ को ‘स्वराज द्वीप’ कर दिया था.

29 दिसंबर, 1943 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्टब्लेयर आए थे और 30 दिसंबर को ऐतिहासिक जिमखाना मैदान में उन्होंने प्रथम भारतीय तिरंगा फहराया था. उस समय इन द्वीपों में जापानी हुकूमत थी.