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नमूना पंजीकरण प्रणाली रिपोर्ट 2021 जारी: मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार

भारत के महापंजीयक (RGI) ने 7 मई 2025 को नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) रिपोर्ट 2021 जारी किया था. इस रिपोर्ट में वर्ष 2019 से 2021 की अवधि को कवर किया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) रिपोर्ट 2021 के मुख्य बिन्दु

  • मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 2014-16 में प्रति लाख जीवित जन्मों पर 130 से 37 अंक घटकर 2019-21 में 93 हो गया है.
  • शिशु मृत्युदर (IMR) वर्ष 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 39 थी जो 2021 में प्रति 1000 जन्म पर घटकर 27 हो गई.
  • नवजात मृत्यु दर (NMR) 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 26 थी जो 2021 में प्रति 1000 जन्म पर घटकर 19 आ गई.
  • इसी तरह पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 45 थी जो 2021 में प्रति 1000 जन्म पर घटकर 31 हो गई.
  • जन्म के समय लिंग अनुपात भी बेहतर हुआ है और यह 2014 में 899 से सुधरकर 2021 में 913 हो गया है. कुल प्रजनन दर (TFR) 2021 में 2.0 पर स्थिर है, जो 2014 में 2.3 से उल्लेखनीय सुधार है.
  • 8 राज्यों का MMR पहले ही SDG लक्ष्य (2030 तक 70 से कम या उसके बराबर) तक पहुंच चुके हैं. ये राज्य हैं- केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (45), आंध्र प्रदेश (46), तमिलनाडु (49), झारखंड (51), गुजरात (53) और कर्नाटक (63).
  • 12 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही U5MR का SDG लक्ष्य (2030 तक 25 से कम) प्राप्त कर चुके हैं. इनमें केरल (8), दिल्ली (14), तमिलनाडु (14), जम्मू और कश्मीर (16), महाराष्ट्र (16), पश्चिम बंगाल (20), कर्नाटक (21), पंजाब (22), तेलंगाना (22), हिमाचल प्रदेश (23), आंध्र प्रदेश (24) और गुजरात (24) शामिल हैं.
  • 6 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही NMR का एसडीजी लक्ष्य (2030 तक 12 से कम) प्राप्त कर चुके हैं. इनमें केरल (4), दिल्ली (8), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू-कश्मीर (12) और हिमाचल प्रदेश (12)शामिल हैं.
  • मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भारत की प्रगति वैश्विक औसत से अधिक है. संयुक्त राष्ट्र मातृ मृत्यु दर अनुमान अंतर-एजेंसी समूह (UN-MMEIG) रिपोर्ट 2000-2023 के अनुसार, भारत की MMR में 2020 से 2023 तक 23 अंकों की कमी आई है.
  • 1990 से 2023 तक पिछले 33 वर्षों में 48 प्रतिशत की वैश्विक कमी की तुलना में भारत की MMR में अब 86 प्रतिशत की कमी आई है.

स्वास्थ्य संकेतक: एक दृष्टि

  • मातृ मृत्यु दर (MMR): प्रति 100000 जीवित जन्मे बच्चों पर माता की मृत्यु की संख्या.
  • कुल प्रजनन दर (TFR): यह एक महिला द्वारा अपने प्रजनन जीवन चक्र के दौरान पैदा किए जा सकने वाले बच्चों की औसत संख्या.
  • नवजात मृत्यु दर (NMR): किसी वर्ष में प्रति 1000 जीवित जन्मे बच्चों के जीवन के पहले 28 दिनों के दौरान होने वाली मौतों की संख्या.
  • शिशु मृत्यु दर (IMR): किसी वर्ष में प्रति 1000 जीवित जन्मे बच्चों में से एक वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु.
  • 5 वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर (U5MR): किसी वर्ष में प्रति 1000 जीवित जन्मे बच्चों में से 5 वर्ष की आयु के बीच बच्चे की मृत्यु.

विश्व के शक्तिशाली देशों की सूची में भारत तीसरे स्थान पर

ऑस्ट्रेलिया के एक संस्थान, लोवी इन्स्टिटयूट थिंक टैंक ने हाल ही में एशिया में शक्तिशाली देशों की एक सूची ‘एशिया पावर इंडेक्स 2024’ जारी की थी.  इस सूची में भारत को एशिया में तीसरा सबसे बड़ा शक्तिशाली देश बताया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • वर्ष 2024 के इस सूची में भारत ने जापान को पीछे छोड़ा है. इस इंडेक्स में अब केवल अमेरिका एवं चीन ही भारत से आगे है. रूस तो पहले ही इस इंडेक्स में भारत से पीछे हो चुका है.
  • वर्ष 2023 के इंडेक्स में भारत को 36.3 अंक प्राप्त हुए थे जो वर्ष 2024 के इंडेक्स में 2.8 अंक बढ़कर 39.1 हो गया एवं भारत इस इंडेक्स में चौथे स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है.
  • आर्थिक क्षमता, सैन्य (मिलिटरी) क्षमता, अर्थव्यवस्था में लचीलापन, भविष्य में संसाधनों की उपलब्धता, कूटनीतिक, राजनयिक एवं आर्थिक सम्बंध एवं सांस्कृतिक प्रभाव जैसे मापदंडों पर उक्त 27 देशों एवं क्षेत्रों का आंकलन कर विभिन्न देशों को इस इंडेक्स में स्थान प्रदान किया गया है.
  • उक्त इंडेक्स में अमेरिका, 81.7 अंकों के साथ प्रथम स्थान पर है. चीन 72.7 अंकों के साथ द्वितीय स्थान पर है. जापान को 38.9 अंक, ऑस्ट्रेलिया को 31.9 अंक एवं रूस को 31.1 अंक प्राप्त हुए.
  • यूक्रेन युद्ध के कारण, एशियाई क्षेत्र में रूसी शक्ति और प्रभाव में गिरावट आई है क्योंकि रूस के अधिकतर  संसाधनों और समय का उपयोग यूक्रेन में युद्ध की लिया किया जा रहा है.

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 जारी की

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)  ने मानव विकास संस्थान द्वारा (IHD) के साथ मिलकर भारत रोजगार रिपोर्ट (India Employment Report) 2024 जारी की है.

भारत रोजगार रिपोर्ट 2024: मुख्य बिन्दु

  • ILO की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल बेरोजगार युवाओं में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या भी 2000 के मुकाबले दोगुनी हुई है.
  • 2000 में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की संख्या कुल युवा बेरोजगारों में 35.2% थी. 2022 में ये बढ़कर 65.7% हो गई है. इसमें उन्हें पढ़े-लिखे युवाओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने कम से कम 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की है.
  • रिपोर्ट के अनुसार देश में लोगों का वेतन ज्यादातर एक जैसा रहा है, या ये घटा है. रिपोर्ट में भारत के युवाओं में बुनियादी डिजिटल लिटरेसी की कमी के बारे में बताया गया है. इस वजह से उनकी रोजगार की क्षमता में रुकावट आ रही है.
  • भारत की महिला श्रमबल भागीदारी दर 2022 में 32.8% के साथ दुनिया में सबसे कम बनी हुई है, जो पुरुषों की तुलना में 2.3 गुना कम है

भारत टीबी रिपोर्ट जारी: टीबी के मामलों में 16% की गिरावट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 मार्च 2024 को ‘भारत टीबी रिपोर्ट’ (India TB Report) 2023 जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में टीबी मरीजों की संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रत्येक वर्ष भारत टीबी रिपोर्ट प्रकाशित करता है.

टीबी रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2015 से 2022 तक टीबी (तपेदिक) के मामलों में 16% की गिरावट देखी गई, जो वैश्विक गिरावट 9% से अधिक है.
  • 2015 में 100,000 जनसंख्या में टीवी के मामलों की संख्या 237 थी. जो 2022 में 199 हो गई थी. वहीं मृत्यु दर 2015 के मुकाबले में 2022 में प्रति लाख 23 हो गई थी.
  • टीबी की गिरावट में सबसे ज्यादा उछाल उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य में देखा गया है. 2023 में अधिसूचित कुल टीबी मामलों में से 60.7% पुरुष, 39.2% महिलाएं और 0.04% ट्रांसजेंडर थे.

भारत में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य

केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. टीबी उन्मूलन को लेकर राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी) 2017-25 में तेजी से टीबी की बीमारी को कम करने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया था.

तपेदिक (टीबी): एक दृष्टि

  • क्षय रोग या तपेदिक (टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है. यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है.
  • टीबी हवा के माध्यम से फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है. इसके सामान्य लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, रात में पसीना आना और वजन कम होना शामिल हैं.

SIPRI 2024 रिपोर्ट: भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश

स्वीडन की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI)  ने वैश्विक हथियारों की खरीद से संबंधित एक रिपोर्ट 11 मार्च 2024 को जारी किए थे. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत पिछले 5 वर्षों (2019-2023) में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा है.

SIPRI रिपोर्ट 2024: मुख्य बिन्दु

  • यूरोप का हथियार आयात 2014-2018 की तुलना में 2019-2023 में दोगुना हो गया. इसका सबसे बड़ा कारण रूस और यूक्रेन की जंग को माना जा रहा है.
  • 2019-2023 की अवधि में अमेरिका का हथियारों का निर्यात भी 17 फीसदी बढ़ गया है. हालांकि रूस जो कि हथियारों के निर्यात में परंपरागत रूप से बड़ा देश माना जाता रहा है, उसके निर्यात में बड़ी गिरावट हुई है. रूस हथियार बेचने के मामले में अमेरिका और फ्रांस के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.
  • फ्रांस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 47 फीसदी बढ़ा है. फ्रांस के हथियार का सबसे बड़ा खरीदार भारत रहा है, जो फ्रांस के कुल निर्यात का करीब 30 फीसदी रहा.
  • रूस जब से यूक्रेन के साथ जंग में उलझा, तभी से हथियारों का निर्यात कम हो गया. रूस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 53 फीसदी तक गिर गया है. रूस के हथियारों में 34 फीसदी भारत ने खरीदे.
  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है. 2014-18 और 2019-23 के बीच भारत का हथियार आयात 4.7 फीसदी बढ़ा. 2019-2023 की अवधि के दौरान कुल वैश्विक हथियार आयात में भारत की हिस्सेदारी 9.8 प्रतिशत थी.
  • दुनिया का शीर्ष हथियार आयातक बने रहने के बावजूद, 2013-17 और 2018-22 के बीच भारत के आयात में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस गिरावट का मुख्य कारण स्थानीय डिजाइनों से बदलने के प्रयासों को माना गया.
  • भारत ने सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदे. भारत के कुल हथियार आयात का यह 36 फीसदी रहा. 1960-64 के सोवियत समय के बाद यह पहली बार है जब भारत के हथियार आयात में रूस की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम है.
  • रिपोर्टके अनुसार पाकिस्तान के हथियार खरीदने में 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. 2019-23 में पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा. सबसे ज्यादा 82 फीसदी हथियार पाकिस्तान ने चीन से खरीदे.
  • दुनिया में हथियारों के सबसे बड़े खरीदार: भारत (9.8%), सऊदी अरब (8.4%), कतर (7.6%), यूक्रेन (4.9%), पाकिस्तान (4.3%), जापान (4.1%), मिस्र (4.0 %), ऑस्ट्रेलिया (3.7%), दक्षिण कोरिया (3.1%) और चीन (2.9%).

एक देश- एक चुनाव पर गठित कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी

एक देश- एक चुनाव (One Nation, One Election) के लिए गठित कोविंद समिति ने 14 मार्च को अपनी रिपो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी. इस रिपोर्ट में 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है.

रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु

  • 18626 पेज की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2029 से देश में पहले चरण लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. इसके बाद 100 दिनों के भीतर दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं.
  • केवल 15 राजनीतिक दलों को छोड़कर शेष 32 दलों ने न केवल साथ-साथ चुनाव प्रणाली का समर्थन किया बल्कि सीमित संसाधनों की बचत, सामाजिक तालमेल बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए ये विकल्प अपनाने की ज़ोरदार वकालत की.
  • ‘एक देश एक चुनाव’ का जिस जिस ने विरोध किया, उसमें 15 राजनीतिक दलों के अलावा हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जज और एक पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त भी शामिल थे.
  • इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के चार रिटायर न्यायमूर्ति जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस शरद अरविंद बोबडे एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में थे.
  • ‘एक देश एक चुनाव’ का विरोध करने वालों की दलील है कि ‘इसे अपनाना संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन होगा. ये अलोकतांत्रिक, संघीय ढांचे के विपरीत, क्षेत्रीय दलों को अलग-अलग करने वाला और राष्ट्रीय दलों का वर्चस्व बढ़ाने वाला होगा’.
  • रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा. साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे. मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाए. उसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव हो सकेंगे.
  • त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में नए सदन के गठन के लिए फिर से चुनाव कराए जा सकते हैं. इस स्थिति में नए लोकसभा (या विधानसभा) का कार्यकाल, पहले की लोकसभा (या विधानसभा) की बाकी बची अवधि के लिए ही होगा.
  • रिपोर्ट में एक नए संवैधानिक प्रावधान, अनुच्छेद 324 A का सुझाव दिया गया है, जो संसद को यह सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने का अधिकार देगा कि नगरपालिका और पंचायत चुनाव आम चुनावों के साथ-साथ आयोजित किए जाएं.
  • संविधान के अनुच्छेद 325 में संशोधन करने की भी सिफारिश की है ताकि भारत के चुनाव आयोग को राज्य चुनाव आयोगों के परामर्श से एक सामान्य मतदाता सूची तैयार करने और सभी चुनावों के लिए एक एकल मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) जारी करने की अनुमति मिल सके.

कोविंद की अगुवाई में सितंबर 2023 में बनी थी समिति

एक देश- एक चुनाव (One Nation, One Election) की संभावनाओं के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में सितंबर 2023 में एक समिति का गठन किया गया था.

इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और चीफ़ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल थे. इसके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर क़ानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. नितेन चंद्रा समिति में शामिल थे.

गोल्डमैन सैच रिपोर्ट: भारत 2075 तक विश्‍व की दूसरी सबसे बडी अर्थव्‍यवस्‍था होगी

निवेश बैंक गोल्डमैन सैच (Goldman Sachs) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत 2075 तक जापान, जर्मनी और अमरीका को पीछे छोडते हुए विश्‍व की दूसरी सबसे बडी अर्थव्‍यवस्‍था होगी.

गोल्डमैन सैच रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु

  • 140 करोड की आबादी के साथ भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) बढ कर 52.5 ट्रिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान है, जो अमरीका के GDP के अनुमान से अधिक है.
  • वर्तमान में, भारत जर्मनी, जापान, चीन और अमेरिका के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
  • नवाचार, प्रौद्योगिकी, उच्च पूंजी निवेश और बढ़ती श्रमिक उत्पादकता आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था की मदद करेगी.
  • अगले दो दशकों में भारत का निर्भरता अनुपात क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम होगा. निर्भरता अनुपात को कुल कामकाजी उम्र की आबादी के खिलाफ आश्रितों की संख्या से मापा जाता है.

राजद्रोह कानून को लेकर विधि आयोग की रिपोर्ट, क्या है राजद्रोह कानून

22वें विधि आयोग ने राजद्रोह कानून को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 124-A, यानी राजद्रोह कानून को बरकरार रखने की सिफारिश की है. दरअसल, केंद्र ने राजद्रोह कानून को लेकर विधि आयोग से रिपोर्ट मांगी थी.

22वें विधि आयोग की रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु

  • 22वें विधि आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कानून को समाप्त करने की जरूरत नहीं है. कुछ संशोधन करके राजद्रोह कानून को बनाये रखा जा सकता है.
  • रिपोर्ट में इस अपराध के तहत दोषी पाए जाने पर न्यूनतम सजा को बढ़ाने की सिफारिश की गई है. इस अपराध के तहत न्यूनतम सजा 3 साल से बढ़ाकर 7 साल की जानी चाहिए.
  • आयोग ने सुझाव दिया है कि सीआरपीसी 1973 की धारा-196 (3) के तहत धारा-154 में नया प्रावधान जोड़ा जा सकता है.
  • इसके तहत इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी की शुरुआती जांच और सरकार की इजाजत के बाद ही राजद्रोह अपराध के मामलों में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.

राजद्रोह कानून क्या है?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124-A के तहत राजद्रोह एक अपराध है. यह कानून राजद्रोह को एक ऐसे अपराध के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा भारत में संवैधानिक तौर पर गठित सरकार के प्रति मौखिक, लिखित, सांकेतिक या दृश्य रूप में घृणा, अवमानना या उत्तेजना पैदा करने का प्रयास किया जाता है.

राजद्रोह कानून का इतिहास

  • भारत में राजद्रोह कानून का मसौदा साल 1837 में ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थॉमस मैकाले ने तैयार किया था. साल 1860 में भारतीय दंड सहिता लागू हुई थी लेकिन इस कानून को शामिल नहीं किया गया. फिर साल 1870 में एक संशोधन के तहत भारतीय दंड सहिता की धारा 124-A (राजद्रोह) को जोड़ा गया.
  • स्वतंत्रता के बाद ‘राजद्रोह’ शब्द संविधान से हटा दिया गया और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(A) ने भाषण और अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई. हालांकि, भारतीय दंड सहिता (IPC) में धारा 124-A बनी रही.
  • 1951 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अनुच्छेद 19(1)(A) के तहत स्वतंत्रता को सीमित करने के लिए संविधान का पहला संशोधन किया.  इस संशोधन में सरकार को सशक्त बनाने के लिए अनुच्छेद 19(2) को अधिनियमित किया, जो भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर ‘उचित प्रतिबंध’ के रूप में अंकुश लगाता है.
  • इंदिरा गांधी सरकार के दौरान भारत के इतिहास में पहली बार धारा 124-A को संज्ञेय अपराध बनाया गया. 1974 में नयी सीआरपीसी, 1973 लागू हुई जिससमें राजद्रोह को संज्ञेय अपराध बना दिया गया और पुलिस को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया गया.
  • फिलहाल राजद्रोह एक गैर-जमानती अपराध है. इसमें तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. इसके साथ जुर्माना लगाया जा सकता है.

जलवायु परिवर्तन की वजह से भारत सहित एशिया के 16 देशों में गंभीर संकट

हाल ही में प्रकाशित के रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन की वजह से एशिया के 16 देशों में गंभीर संकट मंडरा रहा है. यह रिपोर्ट चाइना वॉटर रिस्क थिंक टैंक की अगुवाई में हुई रिसर्च पर आधारित है.

मुख्य बिन्दु

  • जलवायु परिवर्तन का असर हिंदूकुश और हिमालय के पहाड़ों के वाटर सिस्टम पर पड़ेगा, जो एशिया के लिए चिंता की बात है.
  • ऐसे में अगर क्षेत्रीय जल प्रवाह को बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए तो भारत समेत कई देशों में गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है.
  • हिंदूकुश-हिमालय क्षेत्र से 10 प्रमुख नदियां बहती हैं. इन नदियों पर 1 अरब लोग निर्भर हैं. इन पूरे इलाकों की सालाना 4.3 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी है.
  • ये नदियां यहां के लोगों को ना सिर्फ पीने का पानी उपलब्ध कराती हैं, बल्कि ये नदियां यहां रह रहे लोगों की खेती-बाड़ी का भी मुख्य स्रोत हैं.
  • जो 10 नदियां हिंदुकुश-हिमालय क्षेत्र से निकलती है, उनमें भारत और बांग्लादेश में बहने वाली ब्रह्मपुत्र भी शामिल है. इनके अलावा चीन की यांग्तजे और यलो नदियां इस क्षेत्र से बहती हैं जो मेकॉन्ग और सालवनी नदियों के साथ सीमाएं बांटती है.
  • थिंक टैंक ने इस बात पर जोर डाला है कि अगर हम उत्सर्जन में लगाम नहीं लगाएंगे तो इन सभी नदियों को गंभीर जोखिमों का सामना करना पड़ेगा.
  • इन 10 नदियों में 16 देशों की तीन-चौथाई हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इसके अलावा ये नदियां 44 फीसदी कोयला आधारित पावर प्रोजेक्ट्स को भी सहायता प्रदान करती है. ये देश अभी भी अपनी ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईधन पर बहुत अधिक निर्भर हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट जारी की

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपना विश्वास व्यक्त किया है.

मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था 2023 में 5.8 प्रतिशत और 2024 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की आशा है.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच भारत का एक उज्ज्वल स्थान बना हुआ है. इसके अनुसार वर्ष 2023 में भारत में मुद्रास्फीति की दर घटकर 5.5 प्रतिशत रहने की संभावना है.
  • रिपोर्ट के अनुसार भारत में आर्थिक विकास सुदृढ रहने की आशा है जबकि अन्य दक्षिण एशियाई देशों की आर्थिक विकास दर अधिक चुनौतीपूर्ण रहेंगी.

सामाजिक प्रगति सूचकांक 2022 जारी: पुडुचेरी पहले और झारखंड अंतिम स्थान पर

वर्ष 2022 का सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) रिपोर्ट 20 दिसंबर को जारी किया गया था. रिपोर्ट में पुडुचेरी, लक्षद्वीप और गोवा को सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बताया गया है. वहीं बिहार और झारखंड सबसे पीछे है.

SPI रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु

  • SPI रिपोर्ट को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) जारी करती है. इस रिपोर्ट में कई मापदंडों के आधार पर ये तय किया गया है कि सामाजिक प्रगति के मामले में कौन-सा राज्य किस स्तर पर है.
  • इस सूचकांक को तैयार करते वक्त सर्वे कर पता लगाया जाता है कि किन राज्यों में पोषण और स्वास्थ्य देखभाल, जल और स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा और रहने की स्थिति कैसी है.
  • इस रिपोर्ट में 36 राज्यों एवं संघ-शासित प्रदेशों और देश के 707 जिलों को सामाजिक प्रगति के विभिन्न मानकों पर उनके प्रदर्शन के आधार पर आंका जाता है.
  • सर्वे के दौरान सभी राज्यों में रहने वालों के जीवन स्तर के मामले में मूल ज्ञान, सूचना तक पहुंच, संचार, स्वास्थ्य और पर्यावरण की गुणवत्ता भी देखी जाती है.
  • SPI रिपोर्ट 2022 के अनुसार सभी राज्यों की तुलना में पुडुचेरी का SPI स्कोर सबसे ज्यादा 65.99 रहा. दूसरे स्थान पर 65.89 स्कोर के साथ लक्षद्वीप रहा और तीसरे स्थान पर स्कोर के साथ गोवा का नाम दर्ज है. वहीं आइजोल (मिजोरम), सोलन और शिमला (हिमाचल प्रदेश) सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले तीन जिले हैं.
  • SPI स्कोर 43.95 के साथ लिस्ट में सबसे कम प्रगति वाले राज्य के रूप में झारखंड का नाम दर्ज किया गया है. वहीं 44.47 स्कोर के साथ बिहार अंतिम से दूसरे स्थान पर रहा.

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2022: भारत 136वें स्थान पर, फिनलैंड शीर्ष पर

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट (World Happiness Report) 2022 हाल ही में जारी की गयी थी. रिपोर्ट में विभिन्न पैमानों के आधार पर 146 देशों को रैंकिंग दी गई है. भारत इस रैंकिंग में 136वें स्थान पर है.

मुख्य बिंदु

  • फिनलैंड ने लगातार पांचवी बार पहला स्थान हासिल किया है, जबकि अफगानिस्तान सबसे निचले पायदान पर है. इस रिपोर्ट में डेनमार्क दूसरे, आइसलैंड तीसरे, स्विट्जरलैंड चौथे और नीदरलैंड्स पांचवे स्थान पर है.
  • सूची में शीर्ष पांच देश यूरोप से हैं. इस सूची में अमरीका 16वें स्थान पर है. लक्जमबर्ग, नॉर्वे, इस्राइल और न्यूजीलैंड शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं.
  • इस रिपोर्ट में कोविड काल में सकारात्मक और नकारात्मक भावनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि यह पता लग सके कि कोविड ने जीवन के विभिन्न पहलुओं को कितना बदल दिया है.