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2 अक्टूबर 2024: महात्मा गांधी की 155वीं जयंती, अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस

2 अक्टूबर 2024 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती थी.  इस दिन नई दिल्ली में राजघाट स्थित बापू की समाधि पर पुष्‍पांजलि अर्पित की जाती है.

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस

2 अक्टूबर को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) मनाया गया. इसे भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है.

15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित करने के लिए मतदान हुआ था. इस मतदान में महासभा में सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में स्वीकार किया था.

महात्मा गांधी: एक दृष्टि

  • राष्‍ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म, दो अक्तुबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहन दास कर्मचंद गांधी था.
  • महात्मा गांधी का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्‍वपूर्ण योगदान है. उन्‍होंने विश्व को अहिंसा का मार्ग प्रशस्त किया, इसलिए संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में नामित किया है.
  • 4 जून 1944 को नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर से प्रसारित एक रेडियो संदेश में महात्‍मा गांधी को राष्‍ट्रपिता कहकर संबोधित किया था।
  • सत्याग्रह, अहिंसा और स्‍वच्‍छता महात्‍मा गाधी के जीवन के मूल आदर्श थे, जिनके बल पर उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नई जान फूंक दी थी.
  • उन्हें सर्वप्रथम वर्ष 1915 में राजवैद्य जीवनराम कालिदास ने महात्मा कहकर संबोधित किया था. एक अन्य मत में गुरूदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने 12 अप्रैल 1919 को अपने एक लेख मे उन्हें महात्मा कहकर सम्बोधित किया था. महात्मा गांधी को सम्मानपूर्वक बापू कहकर भी संबोधित किया जाता है.
  • महात्मा गांधी के जनआंदोलनों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा प्रदान की. इनमें चंपारण आंदोलन, खेड़ा आंदोलन, असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन आदि प्रमुख हैं.
  • महात्मा गांधी ने परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शॉल पहनते हुए भारतीय हथकरघा उद्योग को एक नई पहचान दी.
  • 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली के बिरला हाउस में नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी गई थी.

30 जनवरी 2024: शहीद दिवस, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि

30 जनवरी 2024 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 76वीं पुण्य तिथि (Mahatma Gandhi 76th Death Anniversary) पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस दिन को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. 30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या कर दी गई थी.

देश के स्वतंत्रता, कल्याण और प्रगति के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में यह दिन शहीद दिवस (शहादत दिवस) मनाया जाता है.

भारत में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.

शहीद दिवस पर महात्मा गांधी और उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को कृतज्ञता के साथ याद किया जाता है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था.

महात्मा गांधी: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.
  • गांधीजी ने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात से उच्च शिक्षा बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ली थी. उन्होंने वकालत की पढ़ाई लंदन में की थी.
  • 1893 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका गए थे. वहां वह भेद-भाव के शिकार हुए.
  • 1915 में भारत लौटे और अपना पूरा जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया.
  • 1918 में शुरू किया गया चंपारण आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी पहली उपलब्धि थी.
  • 1920 में उन्होंने असहयोग आंदोलन चलाया था. इस आंदोलन के दौरान हिंसा की कुछ घटना के कारण इसे असफल माना गया.
  • 1930 में गांधीजी ने सिविल अवज्ञा आंदोलन चलाया जिसे दांडी यात्रा के नाम से जाना जाता है.
  • 1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया और जिसे उनके जीवन का सबसे सफल और सबसे बड़ा आंदोलन कहा जाता है.

2 अक्टूबर 2022: महात्मा गांधी की 153वीं जयंती, अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस

2 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती थी. इस दिन दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) मनाया जाता है. इसे भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन नई दिल्ली में राजघाट स्थित बापू की समाधि पर पुष्‍पांजलि अर्पित की जाती है.

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस
15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित करने के लिए मतदान हुआ था. इस मतदान में महासभा में सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में स्वीकार किया था.

महात्मा गांधी: एक दृष्टि

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है. उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी.

30 जनवरी 2022: शहीद दिवस, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि

प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी और 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है. 1948 में आज ही के दिन उनकी हत्या कर दी गई थी. इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि थी. देश के स्वतंत्रता, कल्याण और प्रगति के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में यह दिन शहीद दिवस (शहादत दिवस) मनाया जाता है.

भारत में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.

शहीद दिवस पर महात्मा गांधी और उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को कृतज्ञता के साथ याद किया जाता है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था.

महात्मा गांधी: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.
  • गांधीजी ने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात से उच्च शिक्षा बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ली थी. उन्होंने वकालत की पढ़ाई लंदन में की थी.
  • 1893 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका गए थे. वहां वह भेद-भाव के शिकार हुए.
  • 1915 में भारत लौटे और अपना पूरा जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया.
  • 1918 में शुरू किया गया चंपारण आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी पहली उपलब्धि थी.
  • 1920 में उन्होंने असहयोग आंदोलन चलाया था. इस आंदोलन के दौरान हिंसा की कुछ घटना के कारण इसे असफल माना गया.
  • 1930 में गांधीजी ने सिविल अवज्ञा आंदोलन चलाया जिसे दांडी यात्रा के नाम से जाना जाता है.
  • 1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया और जिसे उनके जीवन का सबसे सफल और सबसे बड़ा आंदोलन कहा जाता है.

2 अक्टूबर: गांधी जयंती, अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस

2 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती थी. इस दिन दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) मनाया जाता है. इसे भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन नई दिल्ली में राजघाट स्थित बापू की समाधि पर पुष्‍पांजलि अर्पित की जाती है.

15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित करने के लिए मतदान हुआ था. इस मतदान में महासभा में सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में स्वीकार किया था.

महात्मा गांधी: एक दृष्टि

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है. उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी.

अफ्रीका में महात्मा गांधी के सम्मान में पहला अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया गया

विदेश मंत्री एस जयशंकर और नाईजर के राष्ट्रपति महमदौ इसोफौ ने 21 जनवरी को अफ्रीका में महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया. यह सम्मेलन केंद्र भारत-नाईजर मैत्री और अफ्रीका के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र महात्मा गांधी की स्मृति में भारत द्वारा स्थापित किया गया है. आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल सुविधायुक्त यह सम्मेलन केंद्र अफ्रीका में महात्मा गांधी के सम्मान में स्थापित पहला केंद्र है. 2 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई थी.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर नाईजर और ट्यूनीशिया की तीन दिन की यात्रा के पहले चरण में नाईजर की राजधानी नियामी पहुंचे थे.

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री भारत की यात्रा, गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अन्‍तोनियो कोस्‍ता ने 19-20 दिसम्बर को भारत की यात्रा की. अक्‍टूबर 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री कोस्‍टा की यूरोप से बाहर यह पहली द्विपक्षीय यात्रा थी.

इस यात्रा के क्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता बैठक की. ये तीन साल के भीतर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच तीसरी आधिकारिक बैठक थी. इस वार्ता में दोनों नेताओं के बीच रक्षा, विज्ञान और तकनीक तथा व्‍यापार सहित विभिन्‍न मुद्दों पर संबंधों को मजबूत बनाने के विषय पर बातचीत हुई.

भारत की इस यात्रा के दौरान एंटोनियो कोस्टा ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित समारोह की आयोजन समिति की दूसरी बैठक में भी हिस्सा लिया.

पुर्तगाल ने गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा की

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा ने महात्मा गांधी के आदर्शों को शाश्वत बनाए रखने के लिए उनके विचारों और उद्धरणों से प्रेरित गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा की है. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जाएगा. पहले वर्ष का पुरस्कार ‘पशु कल्याण’ के लिए समर्पित होगा.

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति की दूसरी बैठक नई दिल्ली में हुई

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति की दूसरी बैठक (2nd Meeting of National Committee for Commemoration of 150th Birth Anniversary of Mahatma Gandhi) 19 दिसम्बर को नई दिल्ली में हुई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बैठक की अध्यक्षता की. भारत की यात्रा पर आये पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने भी इस बैठक में भाग लिया.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी के प्रति पूरे विश्व में आदर और श्रद्धा का भाव है, क्योंकि दुनिया समझ रही है कि शांति, समानता और अहिंसा का उनका दृष्टिकोण आज भी अधिक प्रासंगिक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के विचार और दर्शन को जीवन में उतारने की आवश्यकता की बात कही.

पुर्तगाल ने गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा की

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा ने महात्मा गांधी के आदर्शों को शाश्वत बनाए रखने के लिए उनके विचारों और उद्धरणों से प्रेरित गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा की है. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जाएगा. पहले वर्ष का पुरस्कार ‘पशु कल्याण’ के लिए समर्पित होगा.

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति: एक दृष्टि

  • सरकार राष्‍ट्रपिता के संदेश को प्रचारित करने के लिए उनकी 150वीं जयंती राष्‍ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्‍तर पर मना रही है. इस कार्य के लिए राष्‍ट्रपति की अध्‍यक्षता में राष्‍ट्रीय समति गठित की गई है. समिति के अन्‍य सदस्‍यों में उप-राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, गांधीवादी चिंतक और जीवन के विभिन्‍न क्षेत्रों से जुड़े महत्‍वपूर्ण व्‍यक्ति शामिल हैं. इस समिति में संयुक्‍त राष्‍ट्र के पूर्व महासचिव बान-की-मून समेत नौ अन्तर्राष्ट्रीय सदस्‍य भी हैं.
  • मई 2018 में हुई समिति की पहली बैठक में गांधीजी की 150वीं जयंती के सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में एक कार्यकारी समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था. श्री मोदी ने समारोह को सरकारी आयोजनों से आगे ले जाकर एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया था.
  • महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश के 150 प्रमुख विश्वविद्यालय 150 विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर गांधी जी पर सम्मेलनों का आयोजन करेंगे.

2 अक्टूबर 2019: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गयी

2 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती थी. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सहित कई नेताओं ने नई दिल्ली में राजघाट स्थित बापू की समाधि पर पुष्‍पांजलि अर्पित की. इस दिन राजधाट में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. महात्‍मा गांधी सर्वधर्म समभाव के पक्षधर थे.

प्रधानमंत्री ने 150वीं गांधी जयंती पर राष्ट्र को खुले में शौच से मुक्त घोषत किया

प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर को 150वीं गांधी जयंती पर राष्ट्र को खुले में शौच से मुक्त (ODF) घोषत किया. अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे (रिवर फ्रंट) पर आयोजित ‘स्वच्छ भारत दिवस’ पर बीस हज़ार से अधिक ग्राम पंचायतों की मौजूदगी में यह घोषणा की.

2014 में पहली बार सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस को लालक़िले की प्राचीर से स्वच्छ भारत अभियान शुरू करने की घोषणा की थी. उसी समय प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ किया था कि 2 अक्टूबर 2019, यानि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को देश को खुले में शौच से मुक्त कर दिया जाएगा. तब से शौचालय बनाने की रफ़्तार में तेज़ी आ गई थी.

2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति

प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए खतरा बताते हुए वर्ष 2022 तक इससे मुक्त होने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो जल-जीवन मिशन शुरू किया है, उससे भी महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी. सरकार ने जल-जीवन मिशन पर साढ़ें तीन लाख करोड रुपये खर्च करने का फैसला लिया है.

अष्टकोणीय डाक टिकट और 150 का सिक्का जारी

प्रधानमंत्री ने गांधी की 150वीं जयंती पर साबरमती नदी के किनारे आयोजित ‘स्वच्छ भारत दिवस’ पर उन्होंने स्मारक डाक टिकटों का भी विमोचन किया गया. पहली बार अष्टकोणीय डाक टिकटों को जारी किया. इनमें महात्मा गांधी के जीवन और आंदोलनों का चित्रण किया गया है. उन्होंने इस मौके पर स्मारक सिक्का भी जारी किया. 150 रुपये का यह स्मारक सिक्का 40 ग्राम चांदी से तैयार किया गया है.