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भारत-खाड़ी सहयोग परिषद के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक रियाद में आयोजित की गई

भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक सऊदी अरब के रियाद में 9 सितम्बर को आयोजित की गई थी. विदेश मंत्री सुब्रमण्‍यम जयशंकर ने इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व किया था. इस ऐतिहासिक बैठक का उद्देश्‍य भारत तथा खाड़ी देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करना था.

पहली भारत-GCC मंत्रिस्तरीय बैठक: मुख्य बिन्दु

  • पहली भारत-GCC (खाड़ी सहयोग परिषद) के मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और कतर के प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने की. वर्तमान में जीसीसी की अध्यक्षता कतर के पास है.
  • GCC की यह बैठक व्यापार, निवेश और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित थी. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर बल दिया.
  • इस बैठक में, स्वास्थ्य, व्यापार, सुरक्षा, कृषि और खाद्य सुरक्षा, परिवहन, ऊर्जा, संस्कृति आदि में संयुक्त उद्यम शुरू करने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना 2024-2028 को अपनाया गया.

खाड़ी सहयोग परिषद (GCC): एक दृष्टि

  • खाड़ी सहयोग परिषद (Golf Cooperation Council) संगठन फारस की खाड़ी से घिरे देशो का एक क्षेत्रीय समूह है. GCC अपने चार्टर के अनुसार एक राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और क्षेत्रीय संगठन है.
  • इसके सदस्य देश बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) हैं. इसका मुख्यालय सऊदी अरब की राजधानी रियाद में है.
  • इस क्षेत्र तेल और गैस का दुनिया का सबसे समृद्ध भंडार है. GCC देश भारत के लिए तेल और गैस का एक प्रमुख स्रोत हैं और भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं.
  • 2023-24 के दौरान, भारत-जीसीसी व्यापार 161.59 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. भारत का निर्यात 56.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर और आयात 105.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.
  • GCC क्षेत्र में लगभग 89 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं.

शेख अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद को कुवैत का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया

कुवैत के अमीर ने शेख अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. यह निर्णय 7 अप्रैल को पूर्व प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद सबा अल-सलेम अल-सबा के इस्तीफे के बाद लिया गया.

  • 4 अप्रैल को नई संसद के चुनाव के बाद, शेख मोहम्मद ने 6 अप्रैल को अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा सौंप दिया था. नई संसद के निर्वाचित होने के बाद उनका इस्तीफा एक प्रक्रियागत कदम था.
  • नए प्रधानमंत्री शेख अहमद, कुवैत के अर्थशास्त्री हैं. 2006 से 2011 तक स्‍वास्‍थ्‍य, तेल और सूचना मंत्री के रूप में सेवा देने के पहले वे 1999 से 2005 तक वित्‍त और संचार मंत्री रहे हैं.
  • लगभग 4.2 मिलियन की आबादी वाला कुवैत दुनिया का छठा सबसे बड़ा तेल भंडार वाला देश है. कुवैत का रणनीतिक गठबंधन संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 1991 के खाड़ी युद्ध से चला आ रहा है.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की सऊदी अरब की यात्रा: दोनों देशों के बीच 12 समझौते, FII फोरम में संबोधन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 29 अक्टूबर को सऊदी अरब की यात्रा की. वे सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्‍दुल अजीज़ के निमंत्रण पर वहां गये थे. इस यात्रा के क्रम में उन्होंने सऊदी शाह के साथ द्विपक्षीय बैठक किये और युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्‍मद बिन सलमान के साथ शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ताओं में हिस्‍सा लिया.

रियाद में फ्यूचर इन्‍वेस्‍टमेंट इनिशिएटिव फोरम

प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब के फ्यूचर इन्‍वेस्‍टमेंट इनिशिएटिव (FII) फोरम के तीसरे सत्र को सम्‍बोधित किया. फोरम को सम्‍बोधित कर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. दावेस इन डिज़र्ट कहा जाने वाला वैश्विक FII सऊदी अरब का बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन है.

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • अगले पांच वर्षों में भारत को पचास खरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का संकल्‍प दोहराया. उन्‍होंने कहा कि भारत की स्‍टार्ट-अप कंपनियों ने अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर निवेश करना शुरु कर दिया है.
  • भारत दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम बन गया है. भारत में वन बिलियन वियर्स डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाले विनिकॉम की संख्या बढती जा रही है. हमारे कई स्टार्टअप्स वैश्विक स्तर पर निवेश करने लगे हैं.
  • प्रधानमंत्री ने ग्लोबल बिजनेस को प्रभावित करने वाले पांच बड़े ट्रेंड की बात की. पहला ट्रेंड है टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का प्रभाव, दूसरा ग्लोबल ग्रोथ के लिए इन्फ्रास्टेक्चर की इंपोर्टेंस, तीसरा ह्यूमन रिसोर्स और फ्यूचर ऑफ वर्क में तेजी से हो रहा बदलाव. चौथा कंपेशन एंड एनवायरमेंट और पांचवां बिजनेस फ्रेंडली गवर्नन्स.
  • प्रधानमंत्री ने व्‍यापार को सुगम बनाने के लिए सरकार के विभिन्‍न उपायों की जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि भारत 2024 तक रिफाइनरी, पाइपलाइन और गैस टर्मिनल के क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा ताकि ऊर्जा उत्‍पादन के लिए ढांचा कायम किया जा सके.
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार की आवश्‍यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संस्‍था संघर्ष समाधान के लिए एक वांछित संस्‍थान के रूप में विकसित नहीं हो पाई है. उन्‍होंने कहा कि शक्तिशाली देशों ने संयुक्‍त राष्‍ट्र को संस्‍थान की बजाय औजार के रूप में अधिक देखा है.

दोनों देशों के बीच 12 समझौते

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. जिन क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए उनमें सुरक्षा सहयोग, नवीकरणीय ऊर्जा, अवैध व्‍यापार और मादक पदार्थों की तस्‍करी रोकने तथा नागर विमानन जैसे क्षेत्र शामिल हैं. दोनों पक्षों के बीच पहला नौसैन्य अभ्यास 2019 के अंत या अगले साल की शुरुआत में होगा.

भारत-सऊदी अरब रणनीति साझेदारी परिषद का गठन

दोनों देशों ने सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मुद्दों संबंधी निर्णयों पर समन्वय के लिए भारत-सऊदी अरब रणनीति साझेदारी परिषद गठित करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस परिषद की अगुआई प्रधानमंत्री मोदी और युवराज मोहम्मद करेंगे और यह दो साल के अंतराल पर मिला करेगी.

रुपे कार्ड शुरू करने के संबंध में सहमति

दोनों देशों ने रुपे कार्ड शुरू करने के संबंध में भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. सऊदी अरब में 26 लाख भारतीय काम करते हैं. भारत से करीब दो लाख हाजी और तीन लाख उमराह तीर्थयात्री हर साल सऊदी अरब का दौरा करते हैं और रुपे कार्ड की स्वीकार्यता उन्हें सस्ते लेन-देन में मदद करेगी.

रायगढ़ में रिफाइनरी परियोजना

भारत और सऊदी अरब ने महाराष्‍ट्र के रायगढ़ में महत्वाकांक्षी पश्चिमी तट रिफाइनरी परियोजना पर आगे बढ़ने का फैसला किया. इसमें सऊदी तेल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अरामको, यूएई की अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां निवेश करेंगी.

इंडियन ऑयल मिडिल ईस्ट और सऊदी कंपनी अल जेरी के बीच संयुक्त उपक्रम के लिए भी MOU पर हस्ताक्षर हुए जिससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंध बढ़ेंगे.

भारत और सउदी अरब का संयुक्त बयान: मुख्य बिंदु

  • भारत और सऊदी अरब ने कार्यनीतिक भागीदारी परिषद स्‍थापित करने पर सहमति व्‍यक्‍त की है. दोनों देशों ने आंतकरोधी कार्रवाई में सहयोग बढ़ाने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया है. दोनों देशों ने उग्रवाद और आंतकवाद की सार्वभौम समस्‍या को किसी खास जाति धर्म या संस्‍कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को अनुचित बताया.
  • भारत और सउदी अरब ने सभी प्रकार के आंतकवादी कृत्‍यों की निंदा की तथा मिसाइल और ड्रोन जैसे हथियारों तक आंतकवादियों की पहुंच रोकने पर बल दिया, ताकि वे अन्‍य देशों के खिलाफ उनका प्रयोग न कर सकें.
  • दोनों देशों ने अपनी राष्‍ट्रीय सुरक्षा सहित आपसी हितों पर असर डालने वाले जल-मार्गों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों को बढ़ावा देने में द्विपक्षीय समझौतों के महत्‍व को स्‍वीकार किया.
  • आतंकवादी कार्रवाई, सूचनाओं के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और संचार अपराधों से निपटने में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई.

भारत-सऊदी अरब संबंध: एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सउदी अरब ने साढे चार सौ भारतीय कैदियों को रिहा किया.
  • प्रधानमंत्री मोदी के आग्रह पर सऊदी अरब के शाह हज यात्रियों का कोटा बढ़ाकर दो लाख करने पर राजी हो गए हैं. 2019 में एक लाख 75 हजार 25 भारतीय हज पर गए थे.
  • भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और वह अपनी तेल जरूरतों का 83 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है. इराक के बाद सऊदी अरब इसका दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. भारत हर महीने सऊदी अरब से करीब 2,00,000 टन एलपीजी खरीदता है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बहरीन की यात्रा संपन्न की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24-25 अगस्त को बहरीन की यात्रा संपन्न की. वे तीन देशों- फ्रांस, संयुक्त अरब अमारात (UAE) और बहरीन की यात्रा के तीसरे चरण में मनामा पहुंचे थे. वे बहरीन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मनामा में बहरीन के सुल्‍तान हमद बिन ईसा अल खलीफा के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्‍होंने बहरीन के प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल खलीफा से भी मुलाकात की.

प्रधानमंत्री की बहरीन की यात्रा: मुख्य बिंदु

  • बहरीन के सुल्‍तान के साथ वार्ता बैठक में दोनों देशों के बीच संस्‍कृति, अंतरिक्ष, सौर ऊर्जा और रू-पे (RuPay) कार्ड को लेकर कई सहमति पत्रों पर हस्‍ताक्षर हुए हैं.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने बहरीन के मनामा में प्राचीनतम श्रीनाथजी मंदिर के पुनरुद्धार कार्य का औपचारिक शुभारंभ किया.
  • क्यू-सेट ग्राउंड स्टेशन के निर्माण, आंकड़ों के आदान-प्रदान और प्रशिक्षण में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और बहरीन की अंतरिक्ष एजेंसी के बीच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए.
  • बहरीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की उम्मीदवारी के लिए समर्थन व्यक्त किया है.
  • प्रधानमंत्री मोदी को बहरीन में “किंग हमद ऑर्डर ऑफ रेनेसां” सम्मान से सम्‍मानित किया गया.