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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ब्रिटेन यात्रा: दोनों देशों के बीच दो समझौते

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 9 जनवरी तक ब्रिटेन की यात्रा पर थे. उनके साथ रक्षा मंत्रालय का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी था. इस प्रतिनिधि मंडल में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), सेवा मुख्‍यालय, रक्षा विभाग और रक्षा उत्पादन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी थे.

मुख्य बिन्दु

  • इस यात्रा के दौरान वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और विदेश मंत्री डेविड कैमरन से मिले. ब्रिटेन के रक्षा उद्योग के प्रमुखों और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक की.
  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रेंट शेप्‍स ने दोनों देशों के व्यापक रक्षा संबंधों की समीक्षा की. दोनों नेताओं के बीच रक्षा सहयोग, सुरक्षा और रक्षा औद्योगिक सहयोग बढाने से जुडे विभिन्न मुद्दों पर सार्थक विचार-विमर्श हुआ.
  • भारत और ब्रिटेन के बीच दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गये. ये समझौते रक्षा अनुसंधान सहयोग से संबंधित थे. ये दोनों देशों के लोगों विशेषकर युवाओं के बीच संपर्क मजबूत करेंगे.

विदेश मंत्री ने ब्रिटेन के नवनियुक्‍त विदेश और रक्षा मंत्री से मुलाकात की

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने 13 नवंबर को लंदन में ब्रिटेन के नवनियुक्‍त विदेश और रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी.

मुख्य बिन्दु

  • जयशंकर ने रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्‍स के साथ दोनो देशो के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढाने पर विचार-विमर्श किया. इसके साथ ही साझा वैश्‍विक चुनौतियों और इनसे निपटने के उपायों पर भी बातचीत हुई. डॉ जयशंकर ने कहा कि मेक-इन-इंडिया पहल ने ब्रिटिश भागीदारों के समक्ष नए अवसर रखे हैं.
  • इससे पहले डॉ जयशंकर ने ब्रिटेन के नवनियुक्‍त विदेश मंत्री डेविड कैमरून से भेंट की थी और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी बढाने पर विचार-विमर्श किया था.
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्‍स से टेलीफोन पर बातचीत की थी. दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. विशेष रूप से हिन्‍द प्रशांत क्षेत्र पर बातचीत हुई.
  • ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रिषी सुनक ने अगले वर्ष आम चुनाव से पहले अपने मंत्रिमंडल में फेर-बदल किया है.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारत यात्रा पर, रूस के बाद भारत का दूसरा बड़ा रक्षा सहयोगी बनेगा ब्रिटेन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 21-22 अप्रैल को दो दिन की भारत यात्रा पर थे. प्रधानमंत्री के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा थी. इस यात्रा के दौरान श्री जॉनसन ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी. इससे पहले उन्होंने गुजरात का दौरा कर कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.

भारत और ब्रिटेन के बीच छह समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए हैं. इनमें से दो सरकारी और चार गैर सरकारी समझौते हैं. प्रधामनंत्री नरेन्‍द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद इन समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए. दोनों नेताओं ने रक्षा समझौतों, विशेषकर अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी के संयुक्त विकास और संयुक्त उत्पादन पर विस्तृत चर्चा की.

भारत-ब्रिटेन संयुक्त रक्षा सहयोग समझौता: एक दृष्टि

  • दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, ब्रिटेन का रक्षा विज्ञान एवं तकनीक प्रयोगशाला तथा भारत का DRDO मिलकर रक्षा तकनीकों के विकास के लिए शोध करेंगे और उभरती सैन्य तकनीकें विकसित करेंगे. दोनों देश संयुक्त रूप से उनका उत्पादन भी करेंगे, जिससे दोनों देशों के सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी होंगी.
  • इसमें इलेक्ट्रिक प्रपल्सन को लेकर ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाने की भी बात कही गई है. यह तकनीक नौसेना के पोतों एवं पनडुब्बियों के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
  • दोनों देश समग्र रणनीतिक साझेदारी के लिए उभरती तकनीकें विकसित करने के अलावा आधुनिक लड़ाकू विमानों, जेट इंजन एडवांस्ड कोर टेक्नोलॉजी, रक्षा प्लेटफॉर्म, कल पुर्जे और अन्य कंपोनेंट बनाने के लिए भी काम करेंगे.
  • ब्रिटेन की तकनीक और निवेश से इन रक्षा सामानों का देश में निर्माण होगा तो इससे भारत की जरूरतें पूरी होंगी और उसे दूसरे देशों को निर्यात भी किया जा सकेगा.
  • ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत के लिए रक्षा सामग्री को लेकर ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस का भी ऐलान किया है. इससे भारत को प्रौद्यौगिकी से जुड़ने का मौका मिलेगा तथा वह ब्रिटेन के विमानों एवं पोतों के निर्माण कार्यक्रम में भी भाग ले सकेगा.

रूस के बाद ब्रिटेन दूसरा रक्षा सहयोगी देश बना

  • भारत और ब्रिटेन ने संयुक्त रूप से रक्षा उपकरणों पर शोध करने, उन्हें विकसित करने एवं उत्पादन करने पर सहमति जताई है. ब्रिटेन के साथ इस प्रकार के समझौते से भविष्य में वह रूस के बाद भारत का दूसरा बड़ा सहयोगी बन सकता है.
  • भारत के कई देशों के साथ रक्षा समझौते हैं लेकिन अभी तक संयुक्त रूस से रक्षा तकनीकों का उत्पादन भारत रूस के साथ मिलकर करता है. इनमें ब्रहमोस मिसाइल और इंडो रशियन राइफल लिमिटेड प्रमुख उपक्रम हैं.
  • यदि ब्रिटेन से हुआ समझौता आगे बढ़ता है तो भविष्य में इस प्रकार के उपक्रम भारत और ब्रिटेन द्वारा भी स्थापित किए जा सकते हैं.
  • यूनाइटेड किंगडम भारत के प्रमुख व्यापार साझेदारों में से एक है. 2019-20 में दोनों देशों के बीच व्यापार 15 दशमलव चार-पांच बिलियन डॉलर का रहा. मॉरिशस, सिंगापुर, नीदरलैंड, जापान और अमरीका के बाद, यूनाइटेड किंगडम भारत में छठा सबसे बड़ा निवेशकर्ता है.

भारत-ब्रिटेन वर्चुअल शिखर बैठक, 2030 के लिए रूपरेखा जारी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच 4 मई को वर्चुअल शिखर बैठक आयोजित की गयी थी. इस बैठक में विभिन्‍न मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया. बैठक के दौरान आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्‍विक मुद्दों तथा द्विपक्षीय सम्बंधों के सभी पहलुओं पर व्‍यापक चर्चा हुई.

2030 के लिए रूपरेखा जारी

बैठक का पहला महत्‍वपूर्ण निष्‍कर्ष 2030 के लिए रूपरेखा जारी होना था. दोनों नेताओं ने ‘भारत-ब्रिटेन साझेदारी’ को बढ़ाकर ‘व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी’ का रूप देने के लिए 2030 की महत्‍वकांशी रूपरेखा स्‍वीकार की.

इस रूपरेखा में अनेक ठोस, भविष्‍योन्मुखी और परिणाम केन्‍द्र‍ित गतिविधियों की व्‍यापक सूची बनाई गई. इसके लिए पांच महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है. ये पांच क्षेत्र हैं- व्‍यक्ति से व्‍यक्ति के बीच संबंध बढ़ाना, व्‍यापार और समृद्धि, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई और स्‍वास्‍थ्‍य.

व्‍यापार साझेदारी बढ़ाने की घोषणा

शिखर बैठक की एक और बड़ी उपलब्‍धि व्‍यापार साझेदारी बढ़ाने की घोषणा था. 2019-20 में दोनों देशों के बीच दो तरफा व्‍यापार 15 अरब चालीस करोड़ डॉलर का था.

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने से दोनों देशों के लिए नए और शानदार अवसर उपलब्‍ध हुए हैं. इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए दोनों नेताओं ने अंतरिम व्‍यापार समझौते पर विचार करने के लिए वार्ता शुरू करने की घोषणा की. इसके तहत 2030 तक आपसी व्‍यापार दोगुने से अधिक बढ़ाना है.

शीघ्र बाजार सुलभ कराने के पैकेज पर सहमति

दोनों नेता शीघ्र बाजार सुलभ कराने के पैकेज पर भी सहमत हुए. इसके तहत ब्रिटेन भारतीय उद्यमियों के लिए अपने मत्‍स्‍य क्षेत्र को खोलेगा, नर्सों को अधिक अवसर उपलब्‍ध कराएगा, भारतीय नौवहन चालकों के प्रमाण-पत्रों को मान्‍यता देगा और सामाजिक सुरक्षा समझौते पर संयुक्‍त संवाद करेगा.

इसके बदले भारत ने फलों, चिकित्‍सा उपकरणों और स्‍नातकोत्‍तर डिग्री की परस्‍पर मान्‍यता के बारे में ब्रिटेन के प्रस्‍ताव पर सहमति व्‍यक्‍त की है. भारत विधिक सेवाओं को खोलने की दिशा में भी काम करेगा.

भारत-ब्रिटेन वैश्‍विक नवाचार साझेदारी

वर्चुअल बैठक में नई भारत-ब्रिटेन वैश्‍विक नवाचार साझेदारी आरंभ करने के समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए. प्रवासन और मोबीलिटी के क्षेत्र में साझेदारी के समझौते पर भी हस्‍ताक्षर किए गए.

भारत और ब्रिटेन के बीच सीमा शुल्क सहयोग मामले में प्रस्ताव को मंजूरी

सरकार ने भारत और ब्रिटेन के बीच सीमा शुल्क की जांच से जुड़े मामले में सूचनाओं के आदान-प्रदान और संबंधित अपराधों को रोकने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह मंजूरी 28 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में दी गयी.

सीमा शुल्क सहयोग और सीमा शुल्क के मामलों में पारस्परिक प्रशासनिक सहयोग के बारे में भारत सरकार और ब्रिटेन तथा उत्तरी आयरलैंड की सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी गयी है.

इस समझौते से सीमा शुल्क से जुड़े अपराधों की रोकथाम और जांच के लिए उपयोगी जानकारी की उपलब्धता में मदद मिलेगी. साथ ही इससे व्यापार को आसान बनाने और दोनों देशों के बीच व्यापार किए गए माल की प्रभावी तरीके से मंजूरी सुनिश्चित होने की भी उम्मीद है.

यह समझौता दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच सूचना एवं खुफिया जानकारी साझा करने का एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा. साथ ही सीमा शुल्क कानूनों के उपयुक्त अमल और सीमा शुल्क अपराधों की रोकथाम एवं जांच और वैध व्यापार को सहज बनाने में मदद करेगा.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री की भारत यात्रा रद्द, गणतंत्र दिवस 2021 समारोह में मुख्य अतिथि थे

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा को रद्द कर दिया है. वह गणतंत्र दिवस 2021 समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले थे. ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर भारत आने में अपनी असमर्थता व्यक्त की.

कोरोना वायरस के खतरनाक स्ट्रेन की वजह से ब्रिटेन में लॉकडाउन लगाया गया है. प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि उनके लिए ब्रिटेन में रहना महत्वपूर्ण है ताकि वह वायरस को रोकने के लिए ध्यान केंद्रित कर सकें. बातचीत में बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि वह 2021 की पहली छमाही में भारत का दौरा करने में सक्षम होने की उम्मीद करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 नवंबर को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान जॉनसन को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया था. भारत में किसी भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री को गणतंत्र दिवस के मौके पर लंबे समय बाद बुलाया गया था. आखिरी बार साल 1993 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉन मेजर गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बने थे.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 2021 के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे. भारत के दौरे पर आए वहां के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत में इस बात की पुष्टि की.

प्रधानमंत्री जॉनसन ने गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के भारत के निमंत्रण को स्वीकर कर लिया है. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ब्रिटेन की G7 सम्मलेन में बतौर अतिथि राष्ट्र के रूप में शामिल होने का न्योता भी दिया है. भारत के साथ दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया भी G7 सम्मलेन में अतिथि सदस्य के तौर पर शामिल होंगे.

जॉनसन भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनने वाले दूसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे. उनसे पहले 1993 में जॉन मेजर को यह सम्मान दिया गया था.

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन

गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के चयन के लिए सबसे पहले विदेश मंत्रालय भारत के संबंधों के आधार पर कुछ देशों के नाम आगे करता है. फिर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भवन की मंजूरी ली जाती है. फिर चयनित नेता को न्योता दिया जाता है.

भारत-ब्रिटेन आर्थिक और व्यापार समिति की 14वीं बैठक

भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक और व्यापार समिति की 14वीं बैठक (14th UK-India Joint Economic and Trade Committee- JETCO) 24 जुलाई को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गयी. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन की अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार राज्य मंत्री एलिजाबेथ ट्रस ने बैठक की संयुक्‍त अध्‍यक्षता की.

इस बैठक में दोनों देशों ने आपसी मुक्त व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्धता दोहराई. मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में प्रारंभिक उपायों के तौर पर दोनों पक्ष सीमित व्यापार समझौते करेंगे. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए श्री गोयल और सुश्री ट्रस के बीच नई दिल्ली में विचार-विमर्श होगा.

भारत, ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निवेशक देश बना

भारत, ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निवेशक देश बन गया है. वर्ष 2019 में भारत ने ब्रिटेन में 120 परियोजनाओं में निवेश और 5429 रोज़गार सृजित किया था.

ब्रिटेन सरकार के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत FDI में चार प्रतिशत की वृद्धि कर तीसरे से दूसरे पायदान पर आ गया है. वर्तमान में ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिहाज से अमरीका पहले स्थान पर है. दूसरे स्थान पर भारत और तीसरे स्‍थान पर जर्मनी है.

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ‘अजेय वारियर-2020’ सैन्य-अभ्यास का आयोजन किया जायेगा

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच संयुक्त सैन्य-अभ्यास ‘अजेय वारियर-2020’ का आयोजन 13 से 26 फरवरी तक किया जाएगा. यह दोनों देशों के बीच इस सैन्य अभ्यास का पांचवां संस्करण है, जिसका आयोजन यूनाइटेड किंगडम के सैलिसबरी मैदान में किया जायेगा.

इस अभ्यास में भारतीय और यूनाइटेड किंगडम सेना के 120 सैनिक शामिल होंगे. इस अभ्यास का उद्देश्य शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्रों में आतंकवादियों के संचालन पर जोर देने के साथ की कंपनी स्तर के संयुक्त प्रशिक्षण का संचालन किया जायेगा.

अजेय वारियर सैन्य-अभ्यास: एक दृष्टि

अजेय वारियर अभ्यास यूनाइटेड किंगडम और भारत में वैश्विक रूप से आयोजित किया जाता है. दोनों देशों के बीच इस अभ्यास का आयोजन 2005 से किया जा रहा है.