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15 अप्रैल 2022 को 75वां हिमाचल दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस (Himachal Diwas) मनाया जाता है. 1948 में इसी दिन हिमाचल का गठन किया गया था. 15 अप्रैल 2022 को हिमाचल प्रदेश में 75वां हिमाचल दिवस मनाया गया.

हिमाचल प्रदेश: एक दृष्टि

  • हिमाचल सन् 1857 तक पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा था. अप्रैल, 1948 में 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था. सन 1966 में इस केन्द्रशासित प्रदेश में पंजाब के पहाड़ी भाग को मिलाकर इस राज्य का पुनर्गठन किया गया था.
  • ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे भारत का 18वाँ राज्य का दर्जा दिया गया था. यह 25 जनवरी, 1971 को पूर्ण राज्य बना गया था. प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस (Foundation Day of Himachal Pradesh) मनाया जाता है.
  • हिमाचल प्रदेश उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है. रावी, ब्यास और चिनाव हिमाचल प्रदेश की प्रमुख नदियां हैं.
  • यह प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है. इस प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है. यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है.
  • शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी है. डा. यशवंत सिंह परमार हिमाचल प्रदेश के पहले और जय राम ठाकुर वर्तमान मुख्यमंत्री हैं.

प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में रेणुकाजी बांध परियोजना की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश में रेणुकाजी बांध परियोजना (Renukaji Dam Project) की आधारशिला रखी. यह परियोजना सिरमौर जिले में 6,700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी. इस परियोजना से 200 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पन्न होने की संभावना है.

  • रेणुकाजी बांध परियोजना गिरि नदी पर तैयार किया जाना है. गिरि नदी यमुना की सहायक नदी है. इस बांध की भंडारण क्षमता लगभग 498 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी. यह दिल्ली की पेयजल आवश्यकता का लगभग 40% पूरा करेगा.
  • इस बांध का निर्माण पिछले तीन दशकों से लंबित था. यह अंततः छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड की ओर से सहयोग के बाद निर्मित किया जायेगा.
  • इस परियोजना में 148 मीटर ऊंचाई का एक बांध बनाने की परिकल्पना की गई है, जो दिल्ली और अन्य बेसिन राज्यों को पानी की आपूर्ति करेगा. सिंचाई या पेयजल घटक की लागत का 90% केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा जबकि 10% शेष बेसिन राज्यों द्वारा प्रदान किया जाएगा.

15 अप्रैल 2021 को 74वां हिमाचल दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस (Himachal Diwas) मनाया जाता है. 1948 में इसी दिन हिमाचल का गठन किया गया था. 15 अप्रैल 2021 को हिमाचल प्रदेश में 74वां हिमाचल दिवस मनाया गया.

74वां हिमाचल दिवस राज्यस्तरीय समारोह रिज मैदान शिमला में सादगी पूर्वक आयोजित किया गया था. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की थी.

हिमाचल प्रदेश: एक दृष्टि

  • हिमाचल सन् 1857 तक पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा था. अप्रैल, 1948 में 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था. सन 1966 में इस केन्द्रशासित प्रदेश में पंजाब के पहाड़ी भाग को मिलाकर इस राज्य का पुनर्गठन किया गया था.
  • ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे भारत का 18वाँ राज्य का दर्जा दिया गया था. यह 25 जनवरी, 1971 को पूर्ण राज्य बना गया था. प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस (Foundation Day of Himachal Pradesh) मनाया जाता है.
  • हिमाचल प्रदेश उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है. रावी, ब्यास और चिनाव हिमाचल प्रदेश की प्रमुख नदियां हैं.
  • यह प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है. इस प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है. यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है.
  • शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी है. डा. यशवंत सिंह परमार हिमाचल प्रदेश के पहले और जय राम ठाकुर वर्तमान मुख्यमंत्री हैं.

हिमाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे लंबी सुरंग ‘अटल सुरंग’ का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग का उद्घाटन किया. इस सुरंग के खुल जाने की वजह से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई.

रोहतांग दर्रे के नीचे यह ऐतिहासिक सुरंग बनाने का निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में तीन जून 2000 में लिया गया था. इसकी आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गयी थी. सेरी नाला फाल्ट जोन में 587 मीटर क्षेत्र में सुरंग बनाने का काम सबसे चुनौतीपूर्ण था.

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस सुरंग का नाम रोहतांग सुरंग के बजाय अटल सुरंग रखने को मंजूरी दी. इसके निमार्ण पर 3200 करोड़ रूपये की लागत आई है.

इस सुरंग के दोनों द्वारों पर बैरियर लगे हैं. आपात स्थिति में बातचीत के लिए हर 150 मीटर पर टेलीफोन और हर 60 मीटर पर अग्निशमन यंत्र लगे हैं. घटनाओं का स्वत पता लगाने के लिए हर ढाई सौ मीटर पर सीसीटीवी कैमरा और हर एक किलोमीटर पर वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली लगी है.

दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग

  • अटल सुरंग दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है. इसकी लंबाई 9.02 किलोमीटर है. यह मनाली को लाहौल स्पीति घाटी से जोड़ती है.
  • इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद यहाँ का आवागमन हमेशा जारी रहेगा. पहले घाटी छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण शेष हिस्से से कटी रहती थी.
  • सुरंग को हिमालय के पीर पंजाल की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच अत्याधुनिक विशिष्टताओं के साथ समुद्र तल से करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है.
  • अटल सुरंग का दक्षिणी पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर 3060 मीटर की ऊंचाई पर बना है जबकि उत्तरी पोर्टल 3071 मीटर की ऊंचाई पर लाहौल घाटी में तेलिंग, सीसू गांव के नजदीक स्थित है.
  • घोड़े की नाल के आकार वाली दो लेन वाली सुरंग में आठ मीटर चौड़ी सड़क है और इसकी ऊंचाई 5.525 मीटर है.
  • अटल सुरंग की डिजाइन प्रतिदिन तीन हजार कार और 1500 ट्रक के लिए तैयार की गई है जिसमें वाहनों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.
  • यह सुरंग सियाचिन ग्लेशियर और अक्साई चिन में स्थित सैन्य उप क्षेत्र को आपूर्ति करने के लिए मार्ग प्रदान करता है.
  • अटल सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) ने किया है. BRO रक्षा मंत्रालय के तहत काम करता है.

हिमाचल प्रदेश के नादौन पुलिस थाने को भारत के श्रेष्ठ पुलिस थानों में शामिल किया गया

हिमाचल प्रदेश के नादौन पुलिस थाने को देश के श्रेष्ठ पुलिस थानों में शामिल किया गया है. यह थाना प्रदेश के हमीरपुर जिले में है. इस थाने को प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ पुलिस थाना चुना गया है.

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इस पुलिस थाने को उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र दिया गया है. पुलिस थानों की रेंकिंग भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है. केन्द्रीय गृहमंत्री ने हाल ही में पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन के दौरान इस रेंकिंग को जारी किया था.

19 मानकों के आधार पर अवार्ड

नेशनल क्राइम ब्यूरो के 19 मानकों के आधार पर महिला क्राइम, पब्लिक सर्विस, प्रॉपर्टी क्राइम, पुलिस की लोगाें से सहभागिता और जनता के राय के बाद ही नादौन थाने को श्रेष्ठ थाने का अवार्ड दिया गया है.

हिमाचल में ग्रामीण क्षेत्रों के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पंचवटी योजना शुरू

हिमाचल प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘पंचवटी योजना’ का शुभारंभ किया है. इस योजना में ग्रामीण विकास विभाग केे माध्यम से मनरेगा योजना के अंतर्गत आवश्यक सुविधाओं से युक्त सभी विकास खंडों में पार्क और बागीचे विकसित किए जाएंगे. योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को मनोरंजन के साथ पार्क और बागीचों की सुविधा उपलब्ध करवाना है.

पार्कों पर उपलब्ध रहेंगी विभिन्न सुविधाएं

हिमाचल सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और 14वें वित्त आयोग अभिसरण में न्यूनतम एक बीघा की समतल भूमि पर इन पार्कों और बागीचों को विकसित किया जाएगा. इन पार्कों में आयुर्वेदिक और औषधीय पौधे लगाने के अलावा बुजुर्गों के लिए मनोरजंन के लिए मनोरंजक उपकरण, पैदल पथ और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी.

इस वर्ष राज्य में होगा 100 पार्कों का निर्माण

चालू वित्त वर्ष में राज्य के विभिन्न स्थानों पर लगभग 100 पार्क विकसित किए जाएंगे. इन पार्कों के पहले चरण का शुभांरभ 9 जून को मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने वीडियो काॅन्फ्रंेसिंग के माध्यम से किया था.

15 अप्रैल 2020 को 73वां हिमाचल दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस (Himachal Diwas) मनाया जाता है. 1948 में इसी दिन हिमाचल का गठन किया गया था. 15 अप्रैल 2020 को हिमाचल प्रदेश में 73वां हिमाचल दिवस मनाया गया.

इस दिन प्रदेश भर में जिलास्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहा है और भव्य तरीके से हिमाचल दिवस मनाया जाता है. लेकिन कोरोना संकट के चलते इस बार सीमित रूप से ही हिमाचल दिवस मनाया गया. 73वां हिमाचल दिवस राज्यस्तरीय समारोह रिज मैदान शिमला में सादगी पूर्वक आयोजित किया गया था. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की थी. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हिमाचल दिवस समारोह पर प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दीं.

हिमाचल प्रदेश: एक दृष्टि

  • हिमाचल सन् 1857 तक पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा था. अप्रैल, 1948 में 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था. सन 1966 में इस केन्द्रशासित प्रदेश में पंजाब के पहाड़ी भाग को मिलाकर इस राज्य का पुनर्गठन किया गया था.
  • ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे भारत का 18वाँ राज्य का दर्जा दिया गया था. यह 25 जनवरी, 1971 को पूर्ण राज्य बना गया था. प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस (Foundation Day of Himachal Pradesh) मनाया जाता है.
  • हिमाचल प्रदेश उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है. रावी, ब्यास और चिनाव हिमाचल प्रदेश की प्रमुख नदियां हैं.
  • यह प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है. इस प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है. यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है.
  • शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी है. डा. यशवंत सिंह परमार हिमाचल प्रदेश के पहले और जय राम ठाकुर वर्तमान मुख्यमंत्री हैं.

25 जनवरी 2020: हिमाचल प्रदेश का 50वॉं स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश अपना स्थापना दिवस मनाता है. ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे 25 जून 1971 को भारत का 18वाँ राज्य बनाया गया था. इस प्रकार इस वर्ष इस राज्य का 50वॉं स्थापना दिवस है.

हिमाचल प्रदेश: एक दृष्टि

  • 1948 में लगभग 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश का गठन मुख्य आयुक्त के प्रांत के रूप में किया गया था. 1 नवम्बर, 1956 को इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था.
  • यह प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है. इस प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है. यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है.
  • आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, हिमाचल प्रदेश ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया था. सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा था.

हिमाचल प्रदेश में ‘रोहतांग सुरंग’ का नाम ‘अटल सुरंग’ रखा गया

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश में रोहतांग सुरंग (टनल) का नाम अटल सुरंग करने का निर्णय लिया है. इसकी घोषणा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर 25 दिसम्बर को की गयी.

इस सुरंग का निर्माण अटल बिहारी वाजपेयी ने ही शुरू करवाया था. इस सुरंग के शुरू हो जाने से मनाली और लेह के बीच दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी.

अटल सुरंग: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

यह हिमाचल प्रदेश में एक निर्माणाधीन सुरंग है जो मनाली और लेह को जोड़ेगी. यह हिमालय के पिर-पंजाल रेंज पर स्थित रोहतांग दर्रे (Rohtang Pass) के नीचे बनाई जा रही है. इस सुरंग की लंबाई 8.8 किलोमीटर और चौडाई 10 मीटर है. इस सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) कर रही है और निर्माण कार्य साल 2020 तक पूरा हो जायेगा.

हिमाचल प्रदेश में वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘राइजिंग हिमाचल’ का आयोजन किया गया

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 7-8 नवम्बर को वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘राइजिंग हिमाचल’ का आयोजन किया गया. सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस किया था. इस सम्मेलन में लगभग 1700 निवेशक ने भाग लिया जिनमें 200 विदेशी निवेशक और 11 देशों के राजदूत भी शामिल थे. संयुक्त अरब अमारात को इस सम्मेलन में भागीदार देश बनाया गया था.

राइजिंग हिमाचल सम्मलेन में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 85000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार करते हुए, राज्य सरकार और निवेशकों के बीच 93000 करोड़ रुपये से अधिक MOU पर हस्ताक्षर किए गए. गृहमंत्री अमित शाह ने इस सम्मलेन के समापन समारोह की अध्यक्षता की.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019’ पारित किया

हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने 30 अगस्त को ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019’ पारित किया. यह विधेयक हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2006 का स्थान लेगा.

यह बिल बहकाने, जबरन, अनुचित तरीके से प्रभावित करने, दबाव, लालच, शादी या किसी भी धोखाधड़ी के तरीके से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाता है. यदि कोई भी शादी बस धर्मांतरण के लिए होती है तो वह इस बिल की धारा पांच के तहत अमान्य माना जाएगा.

नए कानून के तहत 7 साल तक की कैद का प्रावधान है जबकि पुराने कानून में 3 साल की कैद की सजा की व्यवस्था थी. नए कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना धर्म बदलना चाहता है तो उसे कम से कम एक महीने पहले जिलाधिकारी को लिखकर देना होगा कि वह अपनी मर्जी से धर्मांतरण कर रहा है.

नए बिल के मुताबिक, धर्मांतरण कराने वाले पुरोहित/पादरी या किसी धर्माचार्य को भी एक महीने पहले इसकी सूचना देनी होगी. अपने मूल धर्म में वापस आने वाले व्यक्ति पर ऐसी कोई शर्त नहीं होगी.