51वां G-7 शिखर सम्मेलन (51st G7 summit) 15 से 17 जून 2025 तक कनाडा के कनानास्किस में आयोजित किया गया था.
बैठक में G-7 के सदस्य देशों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी और मेजबान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भाग लिया.
इस वर्ष इस सम्मेलन के फोकस क्षेत्रों में समुदायों और विश्व की रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा का निर्माण और डिजिटल परिवर्तन में तेजी लाने के साथ-साथ भविष्य की साझेदारी को सुरक्षित करना शामिल था.
प्रधानमंत्री मोदी ने आउटरीच सत्र में भाग लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. इस शिखर सम्मेलन में भारत की 12वीं और श्री मोदी की लगातार 6ठी भागीदारी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में शामिल होने के लिए 17-18 जून को कनाडा की यात्रा पर थे.
भारत जी 7 का सदस्य नहीं है, लेकिन विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र एक उभरती आर्थिक शक्ति के रूप में, इसे 2019 से नियमित रूप से जी-7 के आउटरीच सत्र में आमंत्रित किया जाता रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऊर्जा सुरक्षा’ पर आउटरीच सत्र में भाग लिया.
प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान जी-7 देश के नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें की थी.
प्रधानमंत्री मोदी निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात नहीं कर पाए. डोनाल्ड ट्रंप इजरायल-ईरान युद्ध के कारण जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में छोड़ कर वापस चले गए थे.
पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को इस साल के अंत में भारत में होने वाली 7वीं क्वाड शिखर बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. डोनाल्ड ट्रंप ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.
G7 संगठन: एक दृष्टि
G7 सात सबसे अधिक औद्योगिकीकरण वाले लोकतांत्रिक देशों का एक अनौपचारिक समूह है. जी 7 समूह, 1973 के अरब इजरायली युद्ध के बाद अरब देशों द्वारा कच्चे पेट्रोलियम तेल की कीमतों में वृद्धि के बाद फ्रांस की पहल पर बनाया गया था.
G7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमरीका सदस्य देश हैं. यूरोपीय संघ (ईयू) को भी G7 का एक मानक सदस्य माना जाता है लेकिन यह आधिकारिक सदस्य नहीं है, क्योंकि यह देशों का एक समूह है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जी7 बैठकों में भाग लेते हैं और इसका प्रतिनिधित्व करते हैं.
गठन: वर्ष 1975 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति वैलेरी जिस्कार्ड डी एस्टेइंग के आह्वान पर विश्व के सर्वाधिक औद्योगीकृत, लोकतांत्रिक एवं गैर-समाजवादी 6 राष्ट्रों- फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, एवं जापान ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक बैठक का आयोजन किया जिसमें इस समूह का गठन हुआ.
कनाडा सदस्य बना: वर्ष 1976 में कनाडा को इस समूह में शामिल कर लिया गया. कनाडा की सहभागिता के पश्चात यह समूह ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा.
रूस सदस्य बना: वर्ष 1994 में ‘G7’ में रूस के शामिल होने से यह समूह ‘G8’ के नाम से जाना गया.
रूस निलंबित: 27 मार्च, 2014 को इस संगठन से रूस को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया. अब यह समूह पुनः ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा है.
मुख्यालय: ‘G7’ एक अनौपचारिक संगठन है जिसका कोई मुख्यालय अथवा सचिवालय नहीं है. इसके अध्यक्ष का चयन रोटेशन प्रणाली के आधार पर होता है.
अर्थशास्त्र: ‘G7’ देश में विश्व की जनसंख्या का 10.3% लोग रहते हैं. सदस्य देशों की GDP विश्व के GDP का 32.2% है, जबकि विश्व के निर्यात में 34.1% तथा आयात में 36.7% हिस्सा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-06-19 20:35:002025-06-23 20:44:1151वां G-7 शिखर सम्मेलन कनानास्किस में आयोजित किया गया