संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक: भारत 134वें, नॉर्वे शीर्ष स्थान पर

वर्ष 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक (HDI) 14 मार्च 2024 को जारी की गई थी. इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले 1 पायदान का सुधार आया है. भारत 193 देशों की सूची में 134वें पायदान पर रहा है.

HDI रिपोर्ट 2022: मुख्य बिन्दु

  • वर्ष 2021 के HDI में कुल 193 देशों में भारत की स्थिति 135 थी जो अब वर्ष 2022 के HDI में 134 हो गई है. 2022 के HDI में नॉर्वे, आयरलैंड, और स्विट्ज़रलैंड शीर्ष पर रहे.
  • 2022 की रैंकिंग में, भारत के सभी HDI संकेतकों में सुधार देखा गया है. जीवन प्रत्याशा 67.2 से बढ़कर 67.7 वर्ष हो गई.
  • 2022 की रैंकिंग में, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 12.6 तक पहुंच गए, जबकि स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष बढ़कर 6.57 हो गए.
  • प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,542 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6,951 अमेरिकी डॉलर हो गई. भारतीय करेंसी में यह राशि लगभग 5.75 लाख रुपये होती है.
  • भारत लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) 2022 में 0.437 मान के साथ 108वें स्थान पर रहा. यह वैश्विक और दक्षिण एशियाई औसत से बेहतर है. GII-2021 में 0.490 मान के साथ 191 देशों में इसकी रैंक 122 थी.
  • देश की श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़ा लैंगिक अंतर भी सामने आया है. महिलाओं (28.3 प्रतिशत) और पुरुषों (76.1 प्रतिशत) के बीच 47.8 प्रतिशत का बड़ा अंतर देखा गया.

मानव विकास सूचकांक (HDI): एक दृष्टि

  • मानव विकास सूचकांक (HDI) रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित की जाती है. इस सूचकांक का उपयोग देशों को मानव विकास के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है. यह जीवन प्रत्याशा, शिक्षा(स्कूली शिक्षा के पूरे वर्ष और स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष), और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है.
  • कोई देश उच्च स्तर का HDI स्कोर करता है जब जीवनकाल, शिक्षा का स्तर, और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय अधिक होती है.
  • पहला मानव विकास सूचकांक 1990 में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक के सहयोग से जारी किया गया था. तब से प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा इसे जारी किया जाता है.