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2 जनवरी 2020: गुरू गोबिन्द सिंह जी की 353वीं जयंती मनाई गयी

दसवें सिख गुरु, गुरू गोबिन्द सिंह जी की 353वीं जयंती 2 जनवरी को मनाई गयी. गुरु गोबिन्द सिंह ने अपना जीवन सत्य, न्याय और करुणा जैसे मूल्यों की रक्षा के लिये समर्पित किया. बिहार में गुरु गोविंद सिंह जी का जन्मोत्सव पर मुख्य समारोह उनके जन्मस्थान पटना साहिब में तख्त हरमंदिर साहिब में आयोजित किया गया.

गुरू गोबिंद सिंह: एक दृष्टि

  • गुरु गोबिन्द सिंह का जन्म 05 जनवरी 1666 को पटना में हुआ था. उनके पिता गुरू तेग बहादुर की मृत्यु के उपरान्त 11 नवम्बर सन 1675 को वे गुरू बने.
  • सन 1699 में बैसाखी के दिन उन्होने खालसा पन्थ की स्थापना की जो सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है.
  • गुरू गोबिन्द सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्हें गुरु रूप में सुशोभित किया.
  • बिचित्र नाटक को उनकी आत्मकथा माना जाता है. यही उनके जीवन के विषय में जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है. दसम ग्रन्थ, गुरू गोबिन्द सिंह की कृतियों के संकलन का नाम है.
  • स्वयं इस्लाम न स्वीकारने के कारण 11 नवम्बर 1675 को औरंगजेब ने दिल्ली के चांदनी चौक में सार्वजनिक रूप से उनके पिता गुरु तेग बहादुर का सिर कटवा दिया.
  • उन्होंने “5 क” — केश, कंघा, कड़ा, किरपान तथा कच्छा की शुरुआत की थी.

प्रधानमंत्री ने 550वें प्रकाश वर्ष पर करतारपुर गलियारे के उदघाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 9 नवम्बर को पंजाब में गुरूदासपुर के डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे की समन्वित जांच चौकी का उदघाटन किया. उन्‍होंने कहा कि करतारपुर गलियारे के खुलने के बाद दरबार साहिब गुरूद्वारा पर मत्‍था टेकना सरल हो जायेगा. उन्‍होंने भारत की इस भावना को समझने के लिए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का धन्‍यवाद किया.

प्रधानमंत्री नानक देव जी के 550वें प्रकाश वर्ष पर गुरुदासपुर के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे पहुंचे थे. उन्होंने सुल्‍तानपुर लोधी में गुरूद्वारा बेरसाहिब में मत्था टेका. यहाँ प्रधानमंत्री को शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति अमृतसर ने कौमी सेवा पुरस्कार प्रदान किया. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर 550 रूपये का एक यादगारी सिक्‍का और पांच यादगारी डाक टिकटें भी जारी कीं.

करतारपुर साहिब गलियारा (कोरिडोर): एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2018 में देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दी थी.
  • चार किलोमीटर से ज्‍यादा यह कोरिडोर पाकिस्तान (पंजाब प्रांत के नारोवल जिले) के करतारपुर में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक शाइन को जोड़ेगा.
  • करतारपुर दरबार साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है. यह पाकिस्तान के पंजाब में भारत-पाक सीमा से 3-4 किलोमीटर दूर स्थित है.
  • इसकी स्थापना सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देवजी द्वारा 1522 में की गयी थी. यहाँ गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे.

भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किये

भारत और पाकिस्तान ने 24 अक्टूबर को करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. बाबा गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव पर डेरा बाबा नानक में जीरो प्वाइंट पर दोनों देशों के अधिकारियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 नवंबर को डेरा बाबा नानक सीमा पर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और 550 सदस्यों वाली पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

समझौते के मुख्य बिंदु

  1. समझौते के अनुसार सभी धर्मों के पांच हजार भारतीय श्रद्धालु और भारतीय मूल के लोग करतारपुर साहिब दर्शन के लिए वीजा मुक्त यात्रा कर सकेंगे. श्रद्धालुओं को अपने साथ केवल एक वैध पासपोर्ट लाना होगा.
  2. करतारपुर कॉरिडोर सुबह सूर्योदय से शाम तक खुला रहेगा. सुबह आने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम को लौटना होगा. यह गलियारा कुछ अधिसूचित दिनों के अलावा वर्ष भर खुला रहेगा.
  3. भारत, यात्रा से दस दिन पहले श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्‍तान को भेजेगा और पाकिस्‍तान से यात्रा से चार दिन पहले श्रद्धालुओं की अंतिम सूची जारी की जायेगी.
  4. समझौते से पहले भारत ने पाकिस्तान की ओर से प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर का शुल्क लगाने के फैसले को लेकर उनसे पुनर्विचार करने के लिए कहा है. हालांकि इस कॉरिडोर की अहमियत के मद्देनजर फिलहाल मौजूदा सहमतियों के साथ आगे बढ़ने का फैसला भी किया गया.

करतारपुर साहिब गलियारा (कोरिडोर): एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2018 में देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दी थी.
  • चार किलोमीटर से ज्‍यादा यह कोरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक शाइन को जोड़ेगा.
  • करतारपुर दरबार साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है. यहाँ गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे.