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बैंकॉक में बिम्‍स्‍टेक का 6ठा शिखर सम्‍मेलन, प्रधानमंत्री की थाईलैंड यात्रा

  • 6ठा बिम्‍स्‍टेक शिखर सम्‍मेलन (6th BIMSTEC Summit) 2025 बैंकॉक में 4 अप्रैल को आयोजित किया गया था. सम्मेलन का विषय था- ‘बिम्‍स्‍टेक – समृद्ध, समायोजी और समावेशी’.
  • बैठक की अध्यक्षता थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा ने की. इस सम्मेलन में बिम्सटेक के सभी सात सदस्य देशों – भारत, थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और भूटान के नेताओं ने भाग लिया.
  • बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, म्यांमार राज्य प्रशासन परिषद के अध्यक्ष जनरल मिन आंग हलिंग, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने भाग लिया.
  • सम्मेलन में बैंकॉक दृष्टि-पत्र (बैंकॉक विजन) 2030 को अनुमोदित किया गया.
  • इस सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक की अगली अध्यक्षता बांग्लादेश को सौंपी गई. बांग्लादेश अगले दो वर्षों तक बिम्सटेक का अध्यक्ष रहेगा.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संबोधन के मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. वे 3 और 4 अप्रैल 2025 को थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा पर थे.
  • सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की.
  • बिम्‍स्‍टेक सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने संगठन को मजबूत करने के लिए कई पहलों का प्रस्ताव रखा.
  • आपदा प्रबंधन, सतत समुद्री परिवहन, पारंपरिक चिकित्सा और कृषि में अनुसंधान और प्रशिक्षण पर भारत में बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित होगा.
  • उन्होंने बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना करने और भारत में हर साल बिम्सटेक बिजनेस समिट आयोजित करने की पेशकश की.
  • बेंगलुरू में बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र ने काम करना शुरू कर दिया है.

प्रधानमंत्री की थाईलैंड यात्रा

  • प्रधानमंत्री मोदी 3-4 अप्रैल को थाईलैंड यात्रा पर थे. वर्ष 2016 और 2019 के बाद यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा थी.
  • उन्‍होंने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेथोनथान शिनोवात्रा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. दोनों नेताओं की उपस्थिति में भारत-थाईलैंड कार्यनीतिक भागीदारी से संबंधित संयुक्‍त घोषणा-पत्र का आदान-प्रदान हुआ.
  • दोनों देशों ने डिजिटल प्रौद्योगिकियों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), हथकरघा और हस्तशिल्प में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. एक समझौता गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास में सहयोग को लेकर हुआ.
  • बिम्‍स्‍टेक शिखर सम्‍मेलन के बाद प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दूसरे चरण में श्रीलंका गए थे.

क्या है बिम्सटेक (BIMSTEC)?

  • बिम्सटेक, ‘Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation’ का संक्षिप्त रूप है.
  • यह बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन है.
  • यह 1997 में बैंकॉक घोषणा के माध्यम से अस्तित्व में आया था. भारत बिम्सटेक के चार संस्थापक सदस्यों में से एक है.
  • बिम्सटेक का गठन व्यापार, ऊर्जा, पर्यटन, मत्स्य पालन, परिवहन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों आपसी सहयोग के लिए किया गया था. परंतु बाद में कृषि, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद, संस्कृति, जनसंपर्क, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु-परिवर्तन जैसे क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया.
  • बिम्‍सटेक के सदस्‍य देशों में बांग्लादेश, भारत, म्‍यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं. इसका सचिवालय ढाका में है.
  • यह एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है, जो दक्षिण एशिया के पांच देशों (भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और भूटान) और दक्षिण पूर्व एशिया के दो देशों (म्यांमार और थाईलैंड) को एक मंच पर लाता है.

भारत और थाईलैंड संबंध

  • भारत और थाईलैंड के बीच ऐतिहासिक रूप से मधुर द्विपक्षीय संबंध साझा सभ्यता, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध भी रहे हैं.
  • थाईलैंड, भारत का समुद्री पड़ोसी है और ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और इंडो पेसिफिक वीज़न में भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार भी है.
  • थाईलैंड आसियान में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आसियान क्षेत्र में सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया के बाद भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है.

बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक कोलंबो में आयोजित किया गया

बंगाल की खाडी क्षेत्र के देशों के तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन (बिम्‍सटेक) का मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन 29 मार्च को कोलंबो में किया गया था. विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर इस बैठक और द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लेने के लिए 28-29 मार्च को श्रीलंका की यात्रा पर थे. इससे पहले उन्होंने मालदीव की यात्रा की थी.

मुख्य बिंदु

  • विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कोलंबो में श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पेइरिस के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. दोनों नेताओं ने आर्थिक सुधार, भारत-श्रीलंका विकास सहयोग, आपसी सुरक्षा, मछुआरों के मुद्दों और अंतर्राष्ट्रीय तालमेल पर चर्चा की.
  • इस दौरान कई महत्‍वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए गये. डॉ जयशंकर ने कोलंबो में राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से भी मुलाकात की.
  • विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहमण्‍यम जयशंकर ने बिम्सटेक के सदस्य देशों से आतंकवाद औऱ उग्रवाद से सामूहिक रूप से निपटने का आह्वान किया. बैठक में डॉक्टर जयशंकर ने सदस्य देशों में लोगों के बीच संपर्क, ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और उसका विस्तार करने के संकल्‍प पर जोर दिया.

म्‍यामांर के राष्‍ट्रपति ऊ विन मिन्‍त की भारत यात्रा, दोनों देशों के बीच दस समझौते

भारत और म्यामां के बीच आधारभूत संरचना, ऊर्जा, संचार और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में दस समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये. ये समझौते भारत की यात्रा पर आये म्‍यामां के राष्‍ट्रपति ऊ विन मिन्‍त और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के बीच 27 फरवरी को हुए द्विपक्षीय वार्ता के दौरान हुये. इस वार्ता में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय हितों के विभिन्‍न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

भारत की ‘एक्‍ट ईस्‍ट’ और ‘पडोसी पहले’ नीति और म्‍यामां की गुटनिरपेक्ष नीति की पुष्टि करते हुए, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत बनाने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाई. दोनों पक्ष आतंकवादके मुकाबले में सहयोग पर भी सहमत हुए. वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार, सेना और जातीय सशस्‍त्र समूह के बीच चल रही शांति प्रक्रिया के लिए पूर्ण समर्थनव्‍यक्‍त किया.

भारतने म्‍यामां के राखिन राज्‍य में शांति, स्थिरता और विकास के लिए अपने समर्थन को दोहराया. भारत की इम्‍फाल और म्‍यामां के मांडले के बीच समन्वित बस सेवा इस साल अप्रैल से शुरू होने की उम्‍मीद है. वार्ता में भारत ने म्‍यामा के तमू में आधुनिक एकीकृत चैक-पोस्‍ट निर्माण के लिए प्रतिबद्धता दोहराई.

म्‍यामां के राष्‍ट्रपति मिन्‍त 26 से 29 फरवरी तक भारत की यात्रा पर हैं. उनके साथ म्‍यामां की प्रथम महिला दॉव चो चोभी हैं. श्री मिन्‍ट ने विदेश मंत्री सुब्रमण्‍यम जयशंकर से भी मुलाकात की. म्यामां के राष्ट्रपति अपनी यात्रा के दौरान आगरा और बोध-गया भी जायेंगे.

म्यामांर और भारत संबंध

  • म्यामां और भारत के बीच धार्मिक तथा भाषायी संबंध हैं. यह भारत की सीमा से लगा एकमात्र आसियान देश है जो दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है.
  • भारत अपने ‘ईस्ट एक्‍ट’ और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीतियों के अनुरूप म्यामां के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है.
  • भारत, म्यामां का पांचवा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में 2018-19 के दौरान 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और वर्तमान में यह 107 करोड़ डॉलर के स्तर पर है.

दूसरा बिम्‍सटेक आपदा प्रबंधन अभ्‍यास–2020 भुबनेश्वर में आयोजित किया गया

दूसरा बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास-2020 (BIMSTEC DMEx-2020) का आयोजन 11 से 13 फरवरी तक भुबनेश्वर में किया गया. इसका आयोजन भारत के ‘राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल’ (NDRF) द्वारा किया गया था.

बिम्‍सटेक के सात सदस्‍य देशों में से पांच सदस्‍य देशों यथा भारत, बांग्‍लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्‍यांमार के प्रतिनिधियों एवं बचाव टीमों ने इस अभ्‍यास में भाग लिया था. दो बिम्सटेक देश थाईलैंड और भूटान ने इस आयोजन में हिस्सा नहीं लिया था.

क्या है बिम्सटेक?

  • बिम्सटेक ‘बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकॉनोमिक को-ऑपरेशन’ का संक्षिप्त रूप है. यह बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन है.
  • मूल रूप से यह एक सहयोगात्मक संगठन है. बिम्सटेक का गठन व्यापार, ऊर्जा, पर्यटन, मत्स्य पालन, परिवहन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों आपसी सहयोग के लिए किया गया था. परंतु बाद में कृषि, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद, संस्कृति, जनसंपर्क, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु-परिवर्तन जैसे क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया.