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बांग्लादेश आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किया, जाने क्या है आर्टेमिस समझौता

  • बांग्लादेश ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) के साथ ‘आर्टेमिस समझौते’ (Artemis Accords) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह गैर-सैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण को बढ़ावा देने लिए गैर-बाध्यकारी समझौतों का एक समूह है.
  • बांग्लादेश इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला 54वां देश है. बांग्लादेश के रक्षा सचिव मोहम्मद अशरफ उद्दीन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए.

आर्टेमिस समझौता क्या है?

  • आर्टेमिस समझौता एक गैर-बाध्यकारी समझौते का समूह है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के बीच है. नासा के नेतृत्व में 13 अक्टूबर 2020 को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के समन्वय से इस समझौते की स्थापना की गई थी.
  • संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, जापान, लक्जमबर्ग, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम, आर्टेमिस समझौते के संस्थापक देश हैं.
  • यह समझौता चंद्रमा, मंगल ग्रह और अन्य खगोलीय पिंडों के सुरक्षित और टिकाऊ अन्वेषण के लिए दिशा-निर्देश को निर्धारित करता है.
  • इस समझौते में जोर दिया गया है कि अंतरिक्ष संसाधनों का निष्कर्षण और उपयोग इस प्रकार किया जाना चाहिए कि वह बाह्य अंतरिक्ष संधि के अनुरूप हो.
  • समझौते में अंतरिक्ष गतिविधियों को सुरक्षित बनाने पर जोर दिया गया है. इसमें संकट में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता शामिल है.
  • नासा (NASA) का पूरा नाम ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ है. यह संयुक्त राज्य अमेरिका की एक सरकारी एजेंसी है जो अंतरिक्ष अन्वेषण, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान तथा वैमानिकी अनुसंधान के लिए जिम्मेदार है.

भारत और आर्टेमिस समझौता:

  • भारत ने आर्टेमिस समझौते पर जून 2023 में हस्ताक्षर था और वह इस समझौते में शामिल होने वाला विश्व का 27वां देश है.
  • इस समझौते के तहत भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए नई प्रौद्योगिकियों और क्षमताओं तक पहुंच प्राप्त होगी, साथ ही चंद्रमा और मंगल ग्रह पर मानव मिशनों की तैयारी में भी मदद मिलेगी.

बांग्‍लादेश में तख्‍तापलट:  शेख हसीना का इस्तीफा, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार

बांग्लादेश में कई हफ्तों से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद 5 अगस्त 2024 को सत्ता पर सेना ने कब्जा कर लिया. जिसकारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा के साथ देश छोड़कर जाना पड़ा.

घटनाक्रम: एक दृष्टि

  • बांग्लादेश में 4 अगस्त को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और 13 पुलिसकर्मियों समेत कम-से-कम 94 लोग मारे गए थे. इसके बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया इस हिंसा के बाद विरोध और भड़क उठा.
  • 5 अगस्त को हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के बावजूद ढाका में शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके सरकारी आवास पहुँच गए.
  • आखिरकार शेख हसीना ने ना सिर्फ इस्तीफा दिया बल्कि देश छोड़कर भारत में शरण लेना पड़ा. वह 5 अगस्त को ढाका से नई दिल्ली के पास स्थित भारतीय वायु सेना के हिंडन एयरफोर्स बेस पहुंची थीं.
  • बांग्लादेश में छात्रों ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने की मांग को लेकर जुलाई में प्रदर्शन शुरू किया था. बांग्लादेश की स्वतंत्रता मुक्तियुद्ध में हिस्सा लेने वाले मुक्तियोद्धाओं के परिवारों के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त करना चाहते थे.
  • 21 जुलाई को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा को घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला सुनाया. मगर छात्र इससे संतुष्ट नहीं हुए और वह इस आरक्षण को पूरी तरह समाप्त करने की मांग करते रहे.

बांग्लादेश संसद भंग, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार

  • बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद को भंग कर दिया. उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया.
  • इसका निर्णय ढाका में बंगभवन में तीनों सेनाओं के प्रमुखों और छात्र आंदोलन के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की बैठक में लिया गया.
  • मोहम्‍मद यूनुस ने ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी विरोधी अभियान के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता था.

खालिदा जिया जेल से रिहा

शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया. उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

शेख हसीना बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम के प्रधान नेता तथा बांग्लादेश सरकार के प्रथम राष्ट्रपति राष्ट्रीय जनक बंगबन्धु शेख मुजीबुर्रहमान की पुत्री हैं.

बांग्‍लादेश राष्‍ट्रीय चुनाव: शेख हसीना के नेतृत्‍व वाली अवामी लीग ने बहुमत प्राप्‍त किया

बांग्‍लादेश में हाल ही में 12वां संसदीय चुनाव संपन्न हुआ था. इस चुनाव में शेख हसीना के नेतृत्‍व वाली अवामी लीग पार्टी ने बहुमत प्राप्‍त किया. अवामी लीग ने इन चुनावों में लगातार चौथी बार संसद में बहुमत हासिल किया. इन चुनावों के लिए मतदान 7 जनवरी को हुआ था जिसमें लगभग 12 करोड़ लोग पात्र मतदाता थे.

मुख्य बिन्दु

  • बहिष्कार और हिंसा की आशंका के बीच इस चुनाव में 28 राजनीतिक दलों ने भाग लिया था. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी ने चुनावों का बहिष्कार किया था. उनका आरोप था कि मौजूदा सरकार के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है.
  • शेख हसीना ने देश में लगातार चौथी बार जीत हासिल की है. हालांकि, उनकी यह पांचवी बार सरकार होगी. बीच में एक बार देश में खलीदा जिया की सरकार रही थी.
  • खालिदा जिया के पति जिया-उर-रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति रह चुके हैं. वे एक सैन्य शासक से राजनेता बने थे. जिया पर आरोप है कि उन्होंने अपने पति के नाम पर बने एक अनाथालय में धन का गबन किया है. भ्रष्टाचार के दो आरोपों में 2020 में 17 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
  • बाद में जिया को सशर्त रिहाई दे दी गई थी. वे इस समय घर में नजरबंद हैं. उन्होंने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) बनाई है. बांग्लादेश में खालिद जिया की सरकार का कार्यकाल 1991 से 1996 तक और 2001 से 2006 तक रहा था.
  • शेख हसीना, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं. इस जीत के साथ शेख हसीना बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाली नेता बन गई हैं. हसीना की पार्टी ने 300 सीटों वाली संसद में 223 सीटें जीतीं.

भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास ‘बोंगोसागर’ आयोजित किया गया

भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ‘बोंगोसागर’ का आयोजन 24 से 27 मई तक किया गया था. यह बोंगोसागर अभ्यास का तीसरा संस्करण जो दो चरणों में बंगाल की उत्तरी खाड़ी में आयोजित किया गया था.

इस नौसैनिक अभ्यास का प्रथम चरण ‘बंदरगाह चरण’ 24 से 25 मई तक, जबकि इसका दूसरा चरण ‘समुद्र चरण’ 26 से 27 मई तक आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच संयुक्त परिचालन कौशल विकसित करना था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत सुमेधा और गाइडेड मिसाइल कार्वेट कोरा ने किया. गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट बीएनएस अली हैदर और अबू उबैदा ने बांग्लादेश नौसेना का प्रतिनिधित्व किया.

बांग्लादेश ने भूटान के साथ अपना पहला तरजीही व्यापार समझौता किया

बांग्लादेश ने अपना पहला तरजीही व्‍यापार समझौता भूटान के साथ किया है. बांग्लादेश के वाणिज्‍य मंत्री टीपू मुंशी और भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्री ल्‍यानपो लोकनाथ शर्मा ने 6 दिसम्बर को ढाका में इस समझौते पर हस्‍ताक्षर किये गये.

तरजीही व्‍यापार समझौते के अनुसार दोनों देश एक दूसरे को अनेक वस्‍तुओं का शुल्‍क-मुक्‍त आयात कर सकेंगे. इसके अनुसार भूटान बांग्लादेश की 100 वस्‍तुएं बिना सीमाशुल्‍क के आयात कर सकेगा. भूटान की 34 वस्तुओं को बांग्लादेश में बिना सीमाशुल्‍क निर्यात किया जा सकेगा.

यह समझौता दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध कायम होने के 50 साल पूरे होने के अवसर पर किये गये हैं. 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद उसे सबसे पहले मान्‍यता देने वाला देश भूटान ही था. उसके बाद भारत ने बांग्लादेश को स्‍वतंत्र देश के रूप में मान्‍यता प्रदान की थी.

तरजीही व्यापार समझौता क्या है?

तरजीही व्यापार समझौते के तहत दो देश वस्तुओं पर आयात को शुल्क मुक्त या काफी कम कर देते हैं.

अमेरिका और बांग्लादेश के बीच नौसैनिक अभ्यास CARAT-2020 का आयोजन

अमेरिका और बांग्लादेश के बीच 4 नवंबर को नौसैनिक अभ्यास CARAT-2020 का आयोजन किया गया. यह अभ्यास बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह में आयोजित किया गया था.

CARAT: एक दृष्टि

CARAT का पूरा नाम ‘Cooperation Afloat Readiness and Training’ है. यह बांग्लादेश और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच आयोजित किया जाने वाला वार्षिक अभ्यास है. पहली बार इस अभ्यास का आयोजन वर्ष 2011 में किया गया था.

बांग्लादेश में 14 दिसम्बर को शहीद दिवस मनाया गया

बांग्लादेश में 14 दिसम्बर को विद्वानों की हत्या की याद में शहीद दिवस मनाया गया. 1971 में बांग्लादेश को आज़ादी मिलने से कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सेना और स्थानीय लोगों ने मिलकर कई बुद्धिजीवियों की हत्या कर दी थी.

इस दिन ढाका में सैकड़ों विद्वानों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, कलाकारों, शिक्षकों और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों का नरसंहार किया गया था.

बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शहीद बुद्धिजीवियों को ढाका के मीरपुर में स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.