ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारत यात्रा पर, रूस के बाद भारत का दूसरा बड़ा रक्षा सहयोगी बनेगा ब्रिटेन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 21-22 अप्रैल को दो दिन की भारत यात्रा पर थे. प्रधानमंत्री के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा थी. इस यात्रा के दौरान श्री जॉनसन ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी. इससे पहले उन्होंने गुजरात का दौरा कर कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.

भारत और ब्रिटेन के बीच छह समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए हैं. इनमें से दो सरकारी और चार गैर सरकारी समझौते हैं. प्रधामनंत्री नरेन्‍द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद इन समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए. दोनों नेताओं ने रक्षा समझौतों, विशेषकर अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी के संयुक्त विकास और संयुक्त उत्पादन पर विस्तृत चर्चा की.

भारत-ब्रिटेन संयुक्त रक्षा सहयोग समझौता: एक दृष्टि

  • दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, ब्रिटेन का रक्षा विज्ञान एवं तकनीक प्रयोगशाला तथा भारत का DRDO मिलकर रक्षा तकनीकों के विकास के लिए शोध करेंगे और उभरती सैन्य तकनीकें विकसित करेंगे. दोनों देश संयुक्त रूप से उनका उत्पादन भी करेंगे, जिससे दोनों देशों के सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी होंगी.
  • इसमें इलेक्ट्रिक प्रपल्सन को लेकर ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाने की भी बात कही गई है. यह तकनीक नौसेना के पोतों एवं पनडुब्बियों के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
  • दोनों देश समग्र रणनीतिक साझेदारी के लिए उभरती तकनीकें विकसित करने के अलावा आधुनिक लड़ाकू विमानों, जेट इंजन एडवांस्ड कोर टेक्नोलॉजी, रक्षा प्लेटफॉर्म, कल पुर्जे और अन्य कंपोनेंट बनाने के लिए भी काम करेंगे.
  • ब्रिटेन की तकनीक और निवेश से इन रक्षा सामानों का देश में निर्माण होगा तो इससे भारत की जरूरतें पूरी होंगी और उसे दूसरे देशों को निर्यात भी किया जा सकेगा.
  • ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत के लिए रक्षा सामग्री को लेकर ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस का भी ऐलान किया है. इससे भारत को प्रौद्यौगिकी से जुड़ने का मौका मिलेगा तथा वह ब्रिटेन के विमानों एवं पोतों के निर्माण कार्यक्रम में भी भाग ले सकेगा.

रूस के बाद ब्रिटेन दूसरा रक्षा सहयोगी देश बना

  • भारत और ब्रिटेन ने संयुक्त रूप से रक्षा उपकरणों पर शोध करने, उन्हें विकसित करने एवं उत्पादन करने पर सहमति जताई है. ब्रिटेन के साथ इस प्रकार के समझौते से भविष्य में वह रूस के बाद भारत का दूसरा बड़ा सहयोगी बन सकता है.
  • भारत के कई देशों के साथ रक्षा समझौते हैं लेकिन अभी तक संयुक्त रूस से रक्षा तकनीकों का उत्पादन भारत रूस के साथ मिलकर करता है. इनमें ब्रहमोस मिसाइल और इंडो रशियन राइफल लिमिटेड प्रमुख उपक्रम हैं.
  • यदि ब्रिटेन से हुआ समझौता आगे बढ़ता है तो भविष्य में इस प्रकार के उपक्रम भारत और ब्रिटेन द्वारा भी स्थापित किए जा सकते हैं.
  • यूनाइटेड किंगडम भारत के प्रमुख व्यापार साझेदारों में से एक है. 2019-20 में दोनों देशों के बीच व्यापार 15 दशमलव चार-पांच बिलियन डॉलर का रहा. मॉरिशस, सिंगापुर, नीदरलैंड, जापान और अमरीका के बाद, यूनाइटेड किंगडम भारत में छठा सबसे बड़ा निवेशकर्ता है.
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